चमोली में गौचर और चिन्यालीसौंण में देहरादून से छोटे विमान के जरिये बेहद कम कीमत पर सेवा दे रही एयर हैरिटेज एविएशन ने टैक्सी से भी सस्ती हेलीकॉप्टर सेवा हल्द्वानी से मुनस्यारी-पिथौरागढ़-चम्पावत के लिए शुरू करने का फैसला किया है।
हेरिटेज एविएशन ने टैक्सी से भी सस्ती हेलीकॉप्टर सेवा शुरू की है। 22 फरवरी से ये सेवा हल्द्वानी से शुरू हो गई हैं। टिकटों की दर 2500 रूपये से शुरू होगी, रोजाना 2 उड़ानें निर्धारित जगहों के लिए जाएंगीं। www.airheritage.in के जरिये टिकटों की बुकिंग की जा सकती है। चम्पावत के लिए 2500 रूपये, पिथौरागढ़ के लिए 3000 रूपये और मुनस्यारी के लिए 3500 रूपये टिकट की कीमत रखी गई है। हेरिटेज एविएशन के सीएमडी रोहित माथुर ने कहा कि कंपनी का ध्येय उत्तराखंड के लोगों को कम से कम खर्च पर चंद मिनटों में बेहद दुर्गम और मुश्किल स्थान तक पहुंचाना है।
उन्होंने कहा कि कंपनी देहरादून से गौचर और चिन्यालीसौण में विमान सेवा इसी सिद्धांत पर चला रही है। विमान सेवा सस्ती और सुविधाजनक होने के चलते चमोली के लोगों को बहुत सुविधा हुई है। हेरिटेज ने इसी भाव से हल्द्वानी से हेलीकॉप्टर सेवा चम्पावत-पिथौरागढ़ और मुनस्यारी के लिए 22 फरवरी से चालू करने का फैसला किया है।
रोहित माथुर के मुताबिक कम्पनी की नीति है कि लोगों को उड़ान सेवा टैक्सी से कम कीमत पर मिल सके। उनका हेलीकॉप्टर 7 सीटर है, टिकट पर जीएसटी अलग से लगेगा।
उन्होंने कुछ समय पहले बताया था कि साल दर साल चारधाम यात्रा में पहुंचने वाले यात्रियों का रिकार्ड लगातार टूट रहा है। वर्ष 2023 में भी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक लगभग 40 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने चारधाम यात्रा की है।
चारधाम में चलने वाली हेलीकॉप्टर सेवाओं का भी तकरीबन यही हाल है। बीते वर्षों में हेलीकॉप्टर द्वारा चारधाम यात्रा के टूर पैकेज की लोकप्रियता भी काफी बढ़ी है। उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर द्वारा चारधाम यात्रा का चलन 2009-2010 से शुरू हुआ। उस समय सिर्फ चार्टर बेसिस पर ही चारधाम यात्रा होती थी जिसे एक और दो दिन में पूरा किया जाता था। यानि पूरा हेलीकॉप्टर किराये पर लेना पड़ता था और जिसकी कीमत 5.5 से 6 लाख तक आती थी।
रोहित माथुर ने बताया कि हेरिटेज एविएशन ने भी अपनी एविएशन यात्रा की शुरूआत 2009 से की थी तब उनको गुप्तकाशी के मस्ता गांव में एक हैलीपैड बनवाया था ताकि वहां से केदारनाथ धाम को शटल सेवा शुरू की जा सके। वर्ष 2010 में पहली बार हमारे हेलीकॉप्टर ने मस्ता हैलीपैड़ से 4 जून 2010 को केदारनाथ धाम के लिए यात्रियों के साथ उड़ान भरी। 2010 में सिर्फ एक्का दुक्का लोगों ने ही चारधाम यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया। शायद पूरे सीज़न में चारधाम यात्रा के लिए 10 से भी कम चार्टर हुए।
उत्तराखंड में पर्यटन के लिहाज से चारधाम यात्रा के अलावा और भी हेली सेवाओं के काफी विस्तार की संभावना है। गढ़वाल और कुमाऊं के प्रमुख पर्यटन स्थलों को नियमित हेलीकॉप्टर उड़ानों से जोड़ा जा रहा है। भारत सरकार की उड़ान योजना के अंर्तगत हेरिटेज एविएशन देहरादून से गौचर और चिन्यालीसौड़ के लिए नियमित तौर पर 2 उड़ाने 7 सीटर हेलीकॉप्टर से उड़ा रहा है। अब हल्द्वानी से मुनस्यारी, पिथौरागढ़ और चंपावत के लिए भी नियमित उड़ानों की शुरूआत हो गई है।
हेलीकॉप्टर सेवाओं की वजह से उत्तराखंड में काफी उच्च स्तरीय पर्यटक आने लगे हैं। हाल के वर्षों में देश के प्रमुख उद्योगपति, हॉलीबुड सेलेब्रिटी, क्रिकेट खिलाड़ी और प्रमुख लोग अपनी छुट्टियां बिताने के लिए उत्तराखंड को चुन रहे हैं और हेली सेवाओं का लाभ ले रहे हैं जो कि यहां के लोगों के लिए एक अच्छी बात है।
Leave a Comment
Your email address will not be published. Required fields are marked with *