पंतनगर विश्वविद्यालय एवं भारतीय कृषि अनुसंधान-भारतीय बीज विज्ञान संस्थान, मऊ (उ.प्र.) के संयुक्त तत्वाधान में ‘गुणवत्तापूर्ण बीज उत्पादनः राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा की रीढ़’ विषयक एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन अनुसंधान निदेशालय द्वारा गांधी हाल में किया गया।
इस संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में पद्म भूषण डॉ. आर.एस. परोदा पूर्व महानिदेशक एवं सचिव डेयर, भारत सरकार; विशिष्ट अतिथि के रूप में पद्म श्री डॉ. राम चेत चौधरी सचिव पीआरडीएफ, गोरखपुर; डॉ. संजय कुमार निदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-भारतीय बीज विज्ञान संस्थान, मऊ (उ.प्र.) उपस्थित थे। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान ने की।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि पद्म भूषण डॉ. आर.एस. परोदा ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में आना उनके लिए एक गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि किसानों की हालत सुधारने हेतु उच्चगुणवत्तायुक्त बीज उपलब्ध कराकर प्रधानमंत्री के वर्ष 2047 तक के विकसित देश के सपनों को साकार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वे एक किसान है और किसानों की आवश्यकता से भली-भांति परिचित है। आज के युग में स्मार्ट फोन में किसानों की फसल संबंधित समस्याओं का समाधान उपलब्ध है।
संगोष्ठी में कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान ने कहा कि शोध निदेशालय के वैज्ञानिक नयी-नयी प्रजातियों के गुणवत्तायुक्त बीज के विकास में लगे हुए है तथा पिछले वर्ष दलहन की 7 प्रजातियां विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गयी है। उन्होंने कहा कि इस संगोष्ठी के माध्यम से नवीन सोच एवं तकनीक अमल में लायी जायेगी, जिससे किसानों को गुणवत्तायुक्त स्वस्थ्य बीज प्राप्त हो सकेगा। विश्वविद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थी आगे चल कर देश का नेतृत्व करेंगे। पद्मश्री डॉ. राम चेत चौधरी एवं डॉ. संजय कुमार द्वारा विश्वविद्यालय में आगमन पर गौरवांवित महसूस किया और अपने विश्वविद्यालय से जुडे़ हुए विद्यार्थी जीवन के बारे में बताया तथा अच्छी गुणवत्तायुक्त बीजों से जुडे़ तथ्यों के बारे में अपने विचार रखे।
संगोष्ठी के प्रारम्भ में संगोष्ठी के संयोजक एवं निदेशक शोध डॉ. ए.एस. नैन ने सभी का स्वागत करते हुए संगोष्ठी की रूप-रेखा के बारे में बताया। इस अवसर पर आयोजित प्रदर्शनी में लगभग 20 से अधिक विश्वविद्यालय के साथ संस्थाओं द्वारा बीज की गुणवत्ता हेतु नवाचार का प्रस्तुतिकरण किया, जिसका अवलोकन अतिथियों द्वारा किया गया। इस दौरान विभिन्न संस्थाओं से विश्वविद्यालय द्वारा एमओयू हस्ताक्षरित किया गया। साथ ही वैज्ञानिकों द्वारा लिखित पुस्तकों का भी विमोचन किया गया।
गांधी हाल के मुख्य द्वार पर विश्वविद्यालय की विभिन्न प्रजातियों की एक प्रदर्शनी भी लगायी गयी, जिसको अतिथियों द्वारा सराहा गया। संगोष्ठी में अतिथियों को शाल एवं कोट देकर सम्मानित किया गया। संगोष्ठी के अंत में आयोजन सचिव एवं संयुक्त निदेशक ना.ई.बो. फसल अनुसंधान केन्द्र डॉ. एस.के. वर्मा द्वारा सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया गया। संगोष्ठी में डॉ. अजीत तोमर धानुका एग्रोटेक; डॉ. लक्ष्मीकांत निदेशक वीपीकेएस; डॉ. संजय कुमार निदेशक, बायोटेक हल्दी; कुलसचिव, विश्वविद्यालय के महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, निदेशकगण, संकाय सदस्य एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।
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