पार्टी सूत्रों के मुताबिक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और गढ़वाल सीट से प्रत्याशी रहे गणेश गोदियाल भी बदरीनाथ सीट पर तुरुप का इक्का हो सकते हैं। गोदियाल लोकसभा चुनाव में अपने दम पर लड़े। उनके चुनाव अभियान की सियासी गलियारों में खूब चर्चा हुई। जिससे माना जा रहा है कि हाईकमान गोदियाल पर दांव लगा सकती है। हालांकि गोदियाल ने चुनाव लड़ने से इनकार कर चमोली जिले के स्थानीय नेताओं को मौका दिए जाने की बात कही।
गढ़वाल संसदीय सीट पर मात खाई कांग्रेस बदरीनाथ विधानसभा उपचुनाव में हिसाब बराबर कर देना चाहती है। इसलिए पार्टी के भीतर उपचुनाव में जिताऊ प्रत्याशी तलाशने के लिए जिन नामों के पत्ते फेंटे जा रहे हैं, उनमें गणेश गोदियाल को तुरुप का इक्का बताया जा रहा है।
बेशक गोदियाल ने उपचुनाव में लड़ने की संभावना से इनकार कर दिया है, लेकिन पार्टी के भीतर एक बड़ा वर्ग बदरीनाथ के चुनावी दंगल में गोदियाल को उतारे जाने की हिमायत कर रहा है। मंगलौर और बदरीनाथ सीट पर उपचुनाव के लिए अभी तक कांग्रेस ने पत्ते नहीं खोले हैं।
लेकिन मंगलौर सीट पर पूर्व विधायक और कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव काजी निजामुद्दीन की टिकट पर मजबूत दावेदारी है। जबकि बदरीनाथ सीट पर कई दावेदारों के नामों पर मंथन चल रहा है। जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से कई दावेदारों के नाम प्रदेश कांग्रेस कमेटी को मिले हैं। इनमें से तीन नाम ही पैनल में पार्टी हाईकमान को भेजे जाएंगे।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और गढ़वाल सीट से प्रत्याशी रहे गणेश गोदियाल भी बदरीनाथ सीट पर तुरुप का इक्का हो सकते हैं। गोदियाल लोकसभा चुनाव में अपने दम पर लड़े। उनके चुनाव अभियान की सियासी गलियारों में खूब चर्चा हुई। जिससे माना जा रहा है कि हाईकमान गोदियाल पर दांव लगा सकती है। हालांकि गोदियाल ने चुनाव लड़ने से इनकार कर चमोली जिले के स्थानीय नेताओं को मौका दिए जाने की बात कही।
आज फिर होगी उपचुनाव पर चर्चा
प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा बृहस्पतिवार को प्रदेश नेताओं के साथ उपचुनाव को लेकर वर्चुअल बैठक करेगी। जिसमें दोनों सीटों पर दावेदारों के नाम पर चर्चा की जाएगी। इसके बाद ही प्रदेश कांग्रेस की ओर से पैनल केंद्रीय चुनाव कमेटी को भेजा जाएगा।
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