उत्तराखंड के आपदा प्रभावित गांवों के लोगों को अस्थाई शिविर में किया गया सिफ्ट

उत्तराखंड के आपदा प्रभावित गांवों के लोगों को अस्थाई शिविर में किया गया सिफ्ट

भारी बारिश और भूस्खलन के कारण कल भिलंगना विकासखंड के बालगंगा एवं बूढ़ा केदार क्षेत्र में कई घरों को नुकसान हुआ है। इसके बाद यहां पर बचाव और राहत कार्य जोरों पर किया जा रहा है। इस बारे में सीएम धामी लगातार राहत एवं बचाव कार्यों के बारे में जानकारी ले रहे हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भिलंगना विकासखंड के बालगंगा एवं बूढ़ा केदार क्षेत्र में हुई भारी बारिश और भूस्खलन को लेकर लगातार विधायक घनसाली शक्ति लाल शाह एवं जिला अधिकारी टिहरी गढ़वाल मयूर दीक्षित से राहत एवं बचाव कार्यों के बारे में लगातार जानकारी ले रहे हैं। मुख्यमंत्री धामी ने जिला प्रशासन को तिनगढ़ गांव के अलावा आपदा प्रभावित क्षेत्र के अन्य संवेदनशील गांवों को तत्काल चिन्हित कर प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए। इसके साथ स्थानीय निवासियों के मवेशियों एवं अन्य पालतू पशुओं को भी सुरक्षित स्थानों पर रखे जाने की व्यवस्था करने तथा राहत एवं बचाव कार्य प्रभावी तरीके से चलाए जाने के निर्देश दिए है। जिलाधिकारी ने बताया कि बालगंगा क्षेत्र तोली गांव में 02 जनहानि हुई, मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख के राहत राशि के चेक तथा आवास क्षति का 01 लाख 35 हजार रुपए का चेक कल ही तत्काल उपलब्ध कराए गए। 2 पशु हानि होने पर संबंधित पशुपालकों को 57 हजार 500 रुपए की मुआवजा राहत राशि के चेक वितरित किए गए।

उन्होंने बताया कि तिनगढ गांव को कल ही खाली कराकर प्रभावित परिवारों को अस्थाई राहत शिविर रा.ई.का. बिनकखाल में शिफ्ट किया गया। शिविर में प्रभावितों हेतु सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं। आपदाग्रस्त ग्राम तोली, जखाणा, कोट, विशन, थाती बूढा केदार, पिंसवाड़ उरणी, अगुण्डा, कोटी आदि ग्रामों में सार्वजनिक रास्ते, कृषि भूमि, सड़क, पेयजल लाईन, विद्युत आदि परिसम्पत्तियों के क्षति आंकलन/सर्वे कार्य हेतु कृषि, पशुपालन, स्वास्थ्य, राजस्व, उद्यान, समाज कल्याण, सहकारिता विभाग के अधिकारियों की टीमें गठित की गई हैं।

जिलाधिकारी ने बताया कि 27 जुलाई को अतिवृष्टि /बादल फटने से पिन्सवाड़ में तोली, कोटी, जखाणा, पिन्सवाड़, अगुण्डा में ट्रांसफार्मर व विद्युत पोल क्षतिग्रस्त होने से विद्युत आपूर्ति बाधित है, जिसकी सुचारीकरण की कार्यवाही की जा रही है। घनसाली के अंतर्गत ग्राम थाती बुढाकेदार, झाला पेयजल योजना, कोट विशन पेयजल योजना, विशन विद्यालय पेयजल, सेन्दुल सिन्सरगाड पेयजल योजना, चमियाला पदोका पेयजल योजना, पिन्सवाड पेयजल योजना, कोट बुढाकेदार पेयजल योजना, अगुण्डा पेयजल, खवाड़ा पेयजल, डालगांव पेयजल, कुण्डयाली पेयजल, कुण्डयाली-सौला पेयजल, गेवाली पेयजल, तोली पेयजल लाईन क्षतिग्रस्त होने से बाधित है. जिसकी सुचारीकरण की कार्यवाही की जा रही है। इसके साथ ही ग्राम तोली के अन्तर्गत ग्राम पंचायत की 01 पेयजल योजना तथा ग्राम जखाणा की 01 पेयजल योजना क्षतिग्रस्त है।

विकासखण्ड भिलंगना में स्योरा तोक तोली, चौरी तोक, सेरा से खंजर, दुगई तोक, घटतोक विशन, फकोरा, केमरियासौड, कोठियाडा, कोठियाडा कीडर, चमियाला, अन्द्रिया मण्टगांव, सिरस, जखाली पिलखी, बौर, सिलासेरा में नहर क्षतिग्रस्त हुई है।दैवीय आपदा से न्याय पंचायत थाती बुढाकेदार के ग्राम भिगुन में लगभग 0.15 हैक्टेयर, तिनगढ़ लगभग 0.20 हैक्टेयर तथा तोली लगभग 0.25 हैक्टेयर कृषि क्षति हुई है।

कैबिनेट मंत्री एवं जनपद प्रभारी मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने टिहरी गढ़वाल के आपदाग्रस्त क्षेत्रों का निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने आपदाग्रस्त क्षेत्र ग्राम तोली, तिनगढ़, थाती बुढ़ा केदार, अस्थाई आपदा राहत शिविर रा.इ.कॉ. विनकखाल का स्थलीय निरीक्षण कर आपदा से हुई आपदा क्षति का जायजा लिया। आपदा प्रभावितों हेतु बनाए गए अस्थाई आपदा राहत शिविर रा.इ.कॉ. विनकखाल के निरीक्षण के दौरान प्रभारी मंत्री ने स्वास्थ्य, भोजन, बिजली, पानी, साफ सफाई आदि अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए व्यवस्थाएं बनाए रखने के निर्देश दिए।

इसमें मौके पर प्रभारी मंत्री ने कहा कि सरकार आपदा प्रभावितों के प्रति संवेदनशील है तथा आपदा की इस घड़ी में शासन प्रशासन प्रभावितों के लिए मुस्तादी से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि आपदाग्रस्त गांव तिनगढ़ भूगर्भीय सर्वेक्षण कर लिया गया है तथा गांव विस्थापन हेतु भूमि चिन्हीकरण की कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने कहा कि विस्थापितों के लिए मानकानुसार सुरक्षा के दृष्टिगत जो भी उचित होगा बेहतर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि घटना के दिन से ही मुख्यमंत्री के साथ ही वे भी सीएम जिला प्रशासन से संवाद कर रहे हैं। मुख्यमंत्री महत्वपूर्ण बैठक हेतु दिल्ली में तथा जनपद में हुई आपदा को लेकर लगातार संवाद कर अपडेट ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने आपदा कि इस घड़ी में कम समय में व्यवस्थाओं को बेहतर रूप से संभाला है और गांवों वालों ने भी धैर्य का परिचय दिया है।

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