राज्य सरकार द्वारा कई जनकल्याणकारी योजनायें चलाई जा रही है अगर वह योजनाएं सही तरह से आम लोगों तक पहुंच गई तो वह इन लोगों के लिए गेम चेंजर हो सकती है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में सहकारिता विभाग की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि लंबे समय से संचालित योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए इस दिशा में सुधारात्मक प्रयास की दिशा में कार्य किये जाएं। इन योजनाओं से लाभार्थियों को कितना फायदा हुआ और योजनाओं को और प्रभावी बनाने के लिए और क्या विशेष नवाचार किये जा सकते हैं, इस दिशा में नियोजन विभाग के सहयोग से कार्य किया जाए। राज्य सरकार की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं को गेम चेंजर बनाने की दिशा में कार्य किये जाने पर भी उन्होंने बल दिया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सहकारिता विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के तहत स्वयं सहायता समूहों को प्रदान किये जा रहे ऋण की धनराशि की सीमा में वृद्धि की आवश्यकता के दृष्टिगत प्रस्ताव लाया जाए। स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों को बेहतर बाजार मिले, इसके लिए सप्लाई चेन को प्रभावी बनाया जाए। उन्होंने कहा सहकारिता विभाग संबधित विभागों से भी समन्वय स्थापित कर योजनाओं को आगे बढ़ाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बंजर भूमि चिन्हित कर विभिन्न क्लस्टरों के माध्यम से उसे खेती योग्य बनाने के प्रयास किये जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में आधुनिक तकनीक और पारम्परिक पद्धतियों के माध्यम से कृषि उत्पादन में वृद्धि की जाए। मुख्यमंत्री ने क्लस्टरों में मिल्लेट्स, सब्जियां, दालें, फल, औषधीय और सुगंधित पौधों फसलों, चारा फसलों और कृषि पर्यटन को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा हमारा उद्देश्य स्थानीय समुदाय को आजीविका के अवसर प्रदान कर, रिवर्स माइग्रेशन को बढ़ावा देना है। सहकारिता से मिलेट्स उत्पादों को और अधिक बढ़ावा मिले, इसके भी पयास किये जाएं।
उन्होंने कहा अधिकारियों को विभिन्न जनपदों में चयनित क्लस्टरों की संख्या में वृद्धि के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के अंतर्गत मत्स्य पालन, मौन पालन, मशरूम उत्पादन के निर्धारित लक्ष्यों को बढ़ाया दिया जाए। विभिन्न परियोजनाओ में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की नवीन तकनीकियो का अधिक से अधिक उपयोग किया जाए।
सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि दीन दयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य सरकार द्वारा 85 करोड की ब्याज प्रतिपूर्ति का बजटीय प्राविधान किया गया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में लगभग 1,90,000 सहकारी सदस्यों को 1300 करोड़ रूपये का ब्याज रहित ऋण वितरण का लक्ष्य रखा गया है। योजना के अन्तर्गत अभी तक कुल 960510 लाभार्थियों एवं 5339 स्वयं सहायता समूहों को कुल 5621.25 करोड रूपये़ का ऋण वितरित किया जा चुका है। राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना से 50 हजार से अधिक किसान प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित हो रहे हैं। इसके तहत जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।
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