उत्तराखंड सरकार लगातार राज्य की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने में लगी हुई है जिससे कि यहां पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य सुधरे। सरकार स्कूली छात्र-छात्राओं को फ्री में पाठ्य पुस्तकें दे रही है। राज्य में माध्यमिक स्तर पर 559 स्कलों को क्लस्टर विद्यालय के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके लिए 679 स्कूलों को चिन्हित किया गया है।
उत्तराखंड में स्कूली शिक्षा व्यवस्था से छात्र-छात्राओं का भविष्य संवर रहा है। हर वंचित तबके तक स्कूली शिक्षा पहुंचाई जा रही है। शिक्षा की गुवत्ता में सुधार के लिए स्कूली शिक्षा व्यवस्था में अहम बदलाव किये गये हैं। छात्र-छात्राओं को स्कॉलरशिप दी जा रही है और मुफ्त पुस्तकों और छात्रावासों की सुविधा के माध्यम से उनके भविष्य को संवारा जा रहा है। कई विद्यालयों को अटल उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में संचालित किया जा रहा है। स्कूलों से छात्रों और शिक्षकों की रियल टाइम उपस्थिति ली जा रही है। विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों के विकास के लिए पाठ्यक्रमों में ऐसी पुस्तकों और पाठ्यों को जोड़ा गया है। स्मार्ट कक्षाओं के संचालन के जरिए शिक्षा को आसान बनाया जा रहा है। आइए जानते हैं कि सूबे के स्कूली शिक्षा में क्या महत्वपूर्ण प्रयास हो रहे हैं।
190 स्कूलों को सीबीएसई बोर्ड से जोड़ा गया
सूबे में माध्यमिक स्तर पर 559 स्कूलों को क्लस्टर विद्यालय के रूप में विकसित किया जा रहा है। सरकार की तरफ से इसके लिए बजट भी जारी हुआ है। प्रारंभिक स्तर पर 679 स्कूल चिन्हित किये गये हैं जिनका परीक्षण पक्रियाधीन है। सूबे के 190 राजकीय विद्यालयों को अटल उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में संचालित किया जा रहा है और इन सभी स्कूलों को सीबीएसई बोर्ड से जोड़ा गया है। इन स्कूलों में हिंदी और अंग्रेजी माध्यम में शिक्षण हो रहा है। सूबे में केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित पीएम श्री (SHRI) यानी प्राइम मिनिस्टर्स स्कूल्स फॉर राइडिंग इंडिया योजना लागू है। यह योजना सूबे के 141 स्कूलों में साल 2023-24 से ही लागू है। 84 नये स्कूलों में भी यह योजना जल्द लागू होगी। विद्या समीक्षा केंद्र के माध्यम से विद्यालयों छात्र और शिक्षकों से संबंधित सभी आंकड़े रियल टाइम संकलित किये जा रहे हैं। इस केंद्र से वर्तमान में छात्रों और शिक्षकों की रियल टाइम उपस्थिति प्रारंभ कर ली है।
आर्थिक तौर पर कमजोर और मेधावी छात्रों को मिल रही स्कॉलरशिप
आर्थिक तौर पर कमजोर और मेधावी छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए सूबे में मुख्यमंत्री मेधावी छात्र प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना आरंभ की गई है। इसके तहत 6 से 12वीं तक हर कक्षा से 10 फीसदी चयनित छात्रों को छात्रवृत्ति दी जा रही है। छठी कक्षा में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को एक साल तक 600 रुपये प्रतिमाह दिये जा रहे हैं और सातवीं कक्षा के चयनित छात्र-छात्राओं को एक साल तक प्रति माह 700 रुपये मिल रहे हैं। आठवीं कक्षा के छात्रों को 800 रुपये और नवीं व दसवीं कक्षा के छात्रों को 900 रुपये प्रतिमाह छात्रवृत्ति एक साल तक दी जा रही है। ग्यारवीं और बारहवीं के चयनित छात्रों को एक साल तक हर महीने 1200 रुपये की स्कॉलरशिप मिल रही है।
मुफ्त पुस्तकों और छात्रावासों के जरिए संवर रहा छात्रों का भविष्य
माध्यमिक स्तर पर राजयीक और राजकीय सहायता प्राप्त स्कूलों में सभी छात्र-छात्राओं को फ्री में पाठ्य पुस्तकें दी जा रही हैं। शैक्षिक सत्र 2024 और 25 में छात्र-छात्राओं को मुफ्त में पुस्तकें दी गई हैं। माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य के 692 रिक्त पदों को विभागीय सीधी भर्ती प्रक्रिया से भरे जाने का निर्णय लिया गया है। लोक सेवा आयोग ने इसकी विज्ञप्ति जारी कर दी है। ब्लॉक रिसोर्स पर्सन (BRP) व संकुल रिसोर्स पर्सन (CRP) के 955 पदों को आउटसोर् से भरे जाने का निर्णय लिया गया है।
कमजोर और वंचित छात्रों को शिक्षा की मुख्यधारा में बनाये रखने के लिए आवासीय छात्रावासों की स्थापना की गई है। वर्तमान में 53 छात्रावास संचालित हैं। छठी से लेकर आठवीं कक्षा तक के सिलेबस में हमारे प्रेरणास्त्रोत एवं हमारी विरासत से संबंधि पुस्तकों को जोड़ा गया है ताकि विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों का विकास हो सके। मुख्यमंत्री गौरवशाली भारत भ्रमण योजना के तहत प्रत्येक विकासखंड से 50 मेधावी छात्र-छात्राओं जिसमें करीब 50 फीसदी बालिकाएं हैं, 2 शिक्षकों के साथ देश के प्रतिष्ठित संस्थानों आईआईएम, विज्ञान केंद्र, राष्ट्रीय धरोहर और ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण कराया जा रहा है। इस वक्त सूबे में 4457 आंगनवाड़ियां चल रही हैं।
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