किसान मेले में कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान द्वारा किया गया स्टालों का निरीक्षण

किसान मेले में कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान द्वारा किया गया स्टालों का निरीक्षण

विश्वविद्यालय में चल रहे 116वें किसान मेले में दूसरे दिन विश्वविद्यालय कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान, निदेशक प्रसार शिक्षा, डॉ. जितेन्द्र क्वात्रा एवं अन्य अधिकारियों द्वारा 9 कृषि विज्ञान केन्द्रों के संयुक्त स्टाल एवं एफपीओ, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा उत्पादित श्री अन्न (मोटे अनाज) के उत्पाद एवं विभिन्न प्रकार की सब्जियों का अवलोकन कर जानकारी प्राप्त की।

किसान मेले में उत्तराखंड के स्वयं सहायता समूह द्वारा लगाये गये स्टालों पर उनके द्वारा बनाये गये हस्त निर्मित विभिन्न प्रकार के उत्पादों का अवलोकन किया तथा उन्होंने बताया कि इनको बड़े स्तर पर करने की आवश्यकता है, जिससे यह कला पहाड़ी क्षेत्र की महिलाओं को रोजगारपरक बनाने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने मोटे अनाज से बने व्यंजनों का सेवन किया तथा ग्रामीण महिलाओं द्वारा किये जा रहे इन प्रयासों की सराहना की एवं उनके उत्पाद में बढ़ोत्तरी करने हेतु सुझाव भी दिये। इस अवसर पर कुलपति ने किसान मेले में महाविद्यालयों के स्टालों पर विद्यार्थियों द्वारा बनाये गये मॉडल के बारे में जानकारी ली और उन्होंने विद्यार्थियों की सराहना की। इसके साथ ही उन्होंने महिला क्लब का उद्घाटन कर व्यंजनों का सेवन किया।

किसान मेले में बीजां की जबरदस्त बिक्री

पंतनगर विश्वविद्यालय में चल रहे अखिल भारतीय किसान मेला एवं उद्योग प्रदर्शनी में विश्वविद्यालय के विभिन्न केंद्रों के स्टालों से रबी की विभिन्न फसलों के बीजों की बिक्री हो रही है। मेले के दूसरे दिन आज दोपहर तक फसल अनुसंधान केन्द्र, प्रजनक बीज उत्पादन केन्द्र, विश्वविद्यालय फार्म तथा एटिक द्वारा लगभग 60 लाख 50 हजार रुपये के विभिन्न रबी फसलों के बीजों की बिक्री की गयी। इसके अतिरिक्त औषधीय एवं सगंध पौध अनुसंधान केन्द्र, आदर्श पुष्प वाटिका, सब्जी अनुसंधान केन्द्र, उद्यान अनुसंधान केन्द्र तथा कृषि वानिकी अनुसंधान केन्द्र के स्टालों से लगभग 2 लाख 90 हजार रूपये के बीज व पौधों की बिक्री की गई। साथ ही प्रकाशन निदेशालय तथा एटिक के स्टॉल से लगभग 20 हजार रुपये के प्रकाशनों की बिक्री की गई। इनके अतिरिक्त मेले में लगे निजी क्षेत्र के विभिन्न स्टालों द्वारा भी विभिन्न प्रकार के बीजों एवं पौधों की बिक्री की गयी।

मेले के दौरान शैक्षणिक पशुधन प्रक्षेत्र पर आज संकर बछियों की नीलामी में किसानों ने प्रतिभाग किया। मेले के दूसरे दिन दोपहर तक लगभग 5 हजार से अधिक किसानों ने अपना पंजीकरण कराया। इसके अतिरिक्त लगभग 2 हजार अपंजीकृत किसानों द्वारा भी मेले का भ्रमण किये जाने का अनुमान है। किसानों द्वारा अधिक संख्या में किसान मेले के प्रति रुचि को देखकर कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान द्वारा प्रसन्नता व्यक्त की गयी है।

विशेष व्याख्यानमाला के अंतर्गत ‘पशुओं के रोग एवं उनका प्रबंधन’ तथा ‘समन्वित मत्स्य पालन उत्तराखंड के लिए वरदान’ विषय पर विस्तार से किसानों को बताया गया तथा मार्गदर्शन दिया गया। गांधी हाल में किसान गोष्ठी में किसानों द्वारा फसल, पुष्प, उद्यान, पशुपालन, प्राकृतिक खेती से संबंधित प्रश्नों का कृषि वैज्ञानिकों द्वारा उत्तर एवं शंका का समाधान किया गया।

विशेष कार्यक्रम के अंतर्गत कृषकों को मशरूम अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र, एन.ई.बी. फसल अनुसंधान केन्द्र, आदर्श पुष्प विज्ञान केन्द्र, सब्जी अनुसंधान केन्द्र, औषधीय पौध अनुसंधान एवं विकास केन्द्र, कृषि वानिकी अनुसंधान केंद्र, उद्यान अनुसंधान केन्द्र, पत्थरचट्टा, ट्रीट केन्द्र, मधुमक्खी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र, शैक्षणिक मत्स्य फार्म एवं हैचरी, नगला, शैक्षणिक डेयरी फार्म एवं चारा बैंक तथा शैक्षणिक कुक्कुट फार्म, नगला पर भ्रमण भी कराया गया।

श्री अन्न के उत्पादों का विशेष आकर्षण

विश्वविद्यालय के 9 कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा एक संयुक्त स्टाल लगाया है। यह स्टाल केन्द्रों द्वारा राज्य में कृषि के सतत व सर्वांगीण विकास की गाथा की झलक प्रस्तुत करता है। स्टाल में श्री अन्न (मोटे अनाज) किसानों को आकर्षित का केन्द्र बना हुआ है जहां मुख्य मोटे अनाज ज्वार, बाजरा, रागी एवं लघु मोटे अनाज सांवा, काकुन, चीना, कुटकी, कोदो का प्रदर्शन किया गया है। स्टाल में मधुमक्खी पालन इकाई, गैनोडर्मा मशरूम उत्पादन के माध्यम से उच्च संरक्षित कृषि उत्पाद के आयाम दर्शाए गए हैं। जैविक खेती से उत्पादित फलों एवं सब्जियों के साथ ही खाद्य प्रसंस्करण की विधि से निर्मित जैम, आचार, प्रसंस्करित खाद्य उत्पाद व हथकरघा एवं मोमबत्ती को पोषण सुरक्षा व पारिवारिक आय उपार्जन को दर्शाने के लिए रखा गया है।

स्टॉल में उत्तराखंड राज्य की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा मंडुवा से बने विभिन्न प्रकार के उत्पादों का प्रदर्षन भी किया जा रहा है। कृषि महाविद्यालय के स्टाल पर खाद्य सुरक्षा एवं पर्वतीय क्षेत्रों में टिकाऊ खेती की संभावनाएं थीम पर विद्यार्थियों द्वारा मॉडल तैयार कर किसानों को इसके प्रति जागरूक किया जा रहा है। इसके अलावा किसान मेले में विभिन्न फर्मों द्वारा कृषि यंत्रों पर विशेष छूट एवं सब्सिडी प्रदान की जा रही है।

एक लाख चालीस हजार रूपये में बिकी मुर्रा नस्ल की गाभिन कटिया

अखिल भारतीय किसान मेले में शैक्षणिक डेरी फार्म पर गाभिन संकर एवं साहीवाल बछियों तथा भैंस की कटियों की नीलामी का आयोजन किया गया। नीलामी में 2 संकर बछियों एवं 5 साहीवाल तथा 2 भैंस की कटियों की नीलामी हुई। संकर बछिया की अधिकतम नीलामी दर इम्तियाज अहमद, रूद्रपुर द्वारा रू. 58 हजार एवं साहीवाल बछिया कि अधिकत्म नीलामी दर दिनेष कुमार गोयल, रामपुर द्वारा रू. 90 हजार तथा भैंस की कटियों की अधिकतम नीलामी दर सोहन सिंह, खटीमा द्वारा रू. 1 लाख 40 हजार की लगी। नीलामी में 9 पशु कुल रू. 6 लाख 78 हजार 5 सौ में नीलाम हुई।

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