देहरादून के ओएनजीसी जियो पिक कॉक्पलेक्स में एपीजी इंडिया द्वारा इको-ड्राइव का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में ओएनजीसी की डारेक्टर (एक्सप्लोरेशन) सुषमा रावत ने भी हिस्सा लिया। यह यात्रा देहरादून-जोशीमठ-माणा-देहरादून सड़क मार्ग से की जायेगी और इसमें लगभग 30 प्रतिभागी शामिल हुए।
विख्यात पर्यावरणविद और हेस्को के संस्थापक पदम् भूषण अनिल प्रकाश जोशी और पर्यावरणविद कल्याण सिंह रावत ‘मैती’ ने ओएनजीसी की डारेक्टर एक्सप्लोरेशन सुषमा रावत की मौजूदगी में इको-ड्राइव रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इन लोगों की टीम में कई भूवैज्ञानिक शामिल है और वह वहां जाकर यहां के लोगों के बातचीत करेंगे और यहां के प्राकृतिक में हो रहे बदलावों के बारे में जानकारी इकट्ठा करेंगे। इको-ड्राइव का उद्देश्य स्वच्छ, हरित और टिकाऊ पर्यावरण को बढ़ावा देना है। इस अवसर पर पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य करने वाले प्रसिद्ध पर्यावरणविद पदम् भूषण अनिल प्रकाश जोशी और पदम्श्री कल्याण सिंह रावत का सम्मान किया गया।
इको-ड्राइव यात्रा 18 अक्टूबर 2024 को देहरादून से रुद्रप्रयाग के लिए रवाना हुई जिसमें पहले दिन लगभग 250 किमी. की दूरी तय की जायेगी और टीम का रात्रि विश्राम रूद्रप्रयाग में होगा। इसके बाद 19 अक्टूबर 2024 को यात्रा रुद्रप्रयाग से बद्रीनाथ-माणा तक होगी इसकी दूरी भी लगभग 250 किमी है और रात्रि विश्राम बद्रीनाथ में किया जायेगा तथा 20 अक्टूबर 2024 को टीम बद्रीनाथ से देहरादून के रवाना होगी जिसकी दूरी 300 किमी है।
उत्तराखंड में सतत पर्यावरण-अनुकूल विकास के प्रति प्रबल समर्थन के प्रतीक के रूप में 19 अक्टूबर 2024 को 14ः00 बजे चमोली जिले के माणा गांव में एक समारोह आयोजित किया जायेगा जिसमें कई गणमान्य लोग शामिल होंगे। एपीजी इंडिया द्वारा भ्रमण कार्यक्रम में सहयोग किया जा रहा है। यह आयोजन स्थानीय रूप से मोल्यार रिसोर्स फाउंडेशन द्वारा समर्थित है।
एपीजी इंडिया द्वारा ‘ऊर्जा गतिशीलता के नए आयामों की खोज’ विषय के तहत 15-17 नवंबर 2024 को नई दिल्ली में 6वें दक्षिण एशियाई भूविज्ञान सम्मेलन और प्रदर्शनी : जियो इंडिया 2024 का आयोजन किया जायेगा। इस कार्यक्रम की तैयारी के रूप में 18 से 20 अक्टूबर 2024 तक देहरादून-जोशीमठ-माणा-देहरादून सड़क खंड पर लगभग 30 प्रतिभागियों को लेकर एक ईको-ड्राइव सह क्षेत्रीय भ्रमण कार्यक्रम आयोजन किया जा रहा। जिसका उद्देश्य आगामी जियो इंडिया 2024 मेगा इवेंट का प्रदर्शन, विभिन्न तेल एवं गैस कंपनियों द्वारा टिकाऊ कार्बन प्रबंधन के बारे में जन जागरूकता का निर्माण, हाइड्रोकार्बन अन्वेषण की तुलना में उनकी घटना एवं विकास के संबंध में, रास्ते में आने वाले भूवैज्ञानिक रूप से दिलचस्प चट्टानों के प्रकारों और भू-स्थलों के बारे में सीखने का अवसर प्रदान करना है।
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