24 नवम्बर को आईटीओ स्थित प्यारे लाल भवन सभागार में नि:स्वार्थ सेवाभाव, सद्भाव, सहयोग तथा संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की मानवीय जन सेवाओ के बल निरंतर ख्याति के शिखर पर अग्रसर सामाजिक संस्था ‘उत्तरांचल भ्रात्रि सेवा संस्थान’ द्वारा सातवां स्थापना दिवस समारोह बड़े धूमधाम से खचाखच भरे सभागार में मनाया गया।
सी एम पपनैं, दिल्ली
स्थापना दिवस के इस पुनीत अवसर पर वर्ष 2024 के पंच विभूति सम्मान तथा उत्तराखंड गौरव सम्मान मुख्य व विशिष्ट अतिथियों के कर कमलों प्रदान किए गए। उत्तराखंड के लोकगीतों व नृत्यों की मनोहारी प्रस्तुतियां संस्थान से जुडे सैकड़ों सेवा मित्रों, दिल्ली एनसीआर की अनेकों सामाजिक संस्थाओं से जुड़े प्रबुद्ध समाजसेवियों, संस्कृति कर्मियों, व्यवसाइयों तथा पत्रकारों की उपस्थिति में मंचित किए गए।
स्थापना दिवस समारोह से पूर्व आईटीओ स्थित प्रेस एरिया में मां नंदा देवी की डोली घुमाई गई। लोकगायक व सेवा मित्रों में बिशन हरियाला, प्रकाश बिष्ट, भुवन रावत, शरद सिंह असवाल, बासवा नंद रिखाड़ी, दिवान महरा, जाय मठपाल, गोबिंद सिंह बिष्ट, हेमंत रावत तथा दीपेश देवतल्ला द्वारा संगीतकार नरेंद्र अजनबी के संगीत निर्देशन में लोकगीतों का गायन कर स्थापना दिवस को यादगार बनाया गया।
वर्ष 2017 में गठित संस्थान के उद्देश्यों व सेवा मित्रों द्वारा हरदा उत्तरांचली के सानिध्य में निगम बोध घाट, हिंडन घाट गाजियाबाद पर किए गए स्वच्छता कार्यों पर निर्मित अति प्रभावशाली संदेश परक डाक्यूमैंटरी फिल्म का प्रदर्शन भी इस अवसर पर किया गया।
मुख्य अतिथियों में प्रमुख डॉ.शरद पांडे, आर पी मिश्रा, सेवानिवृत दिल्ली पुलिस सहायक आयुक्त एस पी जोशी तथा लालित मोहन नेगी, जगदीश भट्ट, सीमा बिष्ट, जगदीश ध्यानी, एस के तोमर, के आर मिश्रा तथा संस्था पदाधिकारियों में प्रमुख हरदा उत्तरांचली, कुंदन सिंह रावत, उमेश शाह, प्रेम बल्लभ सती, डॉ.बसंत कांडपाल, डॉ.तारा सिंह बिष्ट इत्यादि इत्यादि द्वारा दीप प्रज्जवलित कर तथा लोकगायक बिशन हरियाला द्वारा गाए लोकगीत व उत्तराखंड के प्रभावशाली लोकनृत्य से स्थापना दिवस का विधिवत श्रीगणेश किया गया।
संस्था संस्थापक सदस्य कुंदन सिंह रावत द्वारा सभी गणमान्य अतिथियों व सभागार में उपस्थित सभी प्रबुद्ध जनों का स्वागत अभिनन्दन कर अवगत कराया गया उत्तरांचल भ्रात्रि सेवा संस्थान से जुड़े सेवा मित्रों द्वारा निरंतर किए जा रहे परोपकारी कार्यों को देख दिल्ली एनसीआर के करीब सात हजार प्रवासी सेवा मित्र जुड़ चुके हैं, सेवा मित्रों के जुड़ने का क्रम निरंतर जारी है। सेवा मित्र मनराल द्वारा संस्थान के उद्देश्यों, किए गए कार्यों व मिल रही सफलता पर स-विस्तार प्रकाश डाला गया।
संस्था पदाधिकारियों द्वारा मुख्य व विशिष्ट अतिथियों को ‘अति विशिष्ट सेवा रत्न सम्मान’ के तहत अंगवस्त्र, पुष्पगुच्छ, उत्तराखंडी टोपी तथा स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथियों द्वारा अपने संबोधन में संस्थान के सेवा मित्रों द्वारा हरदा उत्तरांचली के सानिध्य में मुक्तिधाम घाटों पर किए जा रहे कार्यों व संस्थान के उद्देश्यों की भूरि-भूरि प्रशंसा की गई, हर पल पुनीत कार्यों हेतु मदद का आश्वासन दिया गया।
मुख्य अतिथियों द्वारा कहा गया, असल सम्मान की हकदार हरदा उत्तरांचली व उनकी पूरी टीम है जो विगत सात वर्षो से निरंतर प्रत्येक रविवार निगम बोध घाट व हिंडन घाट पर स्वच्छता कार्य कर रही है। कार्य विस्तार के तहत उत्तराखंड के मासी घाट तक अपनी पुनीत सेवा के माध्यम से अपनी पहचान बनाई है। कहा गया, यह सब जनभावना से जुड़ा हुआ परोपकारी कार्य है। संस्था से जुड़े सेवा मित्र निरंतर गर्मी, सर्दी व बरसात में नदी किनारे घाट की गन्दगी में जो कार्य स्वच्छता अभियान चला कर योगदान दे रहे हैं अति प्रेरणा जनक है, प्रशंसनीय है। भावी पीढ़ी हेतु प्रेरणादाई है।
स्थापना दिवस के इस अवसर पर सुप्रसिद्ध लोकगायकों में प्रमुख नरेंद्र रौथाण, संतोष खेतवाल, सुनीता बेलवाल, मोहन सिंह मनराल तथा पुष्पा फर्त्याल व दान सिंह फर्त्याल दंपत्ति को तालियों की गड़गड़ाहट की गूंज के मध्य मुख्य अतिथियों के कर कमलों शाल ओढ़ा कर, पुष्प गुच्छ, स्मृति चिन्ह व धन राशि प्रदान कर पंच विभूति संस्कृति सम्मान से नवाजा गया। उक्त सभी सम्मानित हुए लोकगायकों द्वारा प्रस्तुत लोकगायन ने श्रोताओं को भाव विभोर किया। उत्तराखंड सुदूर अंचल से पंच विभूति सम्मान प्राप्ति हेतु दिल्ली पहुंचे पुष्पा फर्त्याल व दान सिंह फर्त्याल दंपत्ति द्वारा प्रस्तुत मनमोहक जागर धुन व गायन ने श्रोताओं को बहुत प्रभावित किया, आयोजित स्थापना दिवस समारोह को यादगार बनाया।
सातवें स्थापना दिवस के इस पुनीत अवसर पर संस्थान की आठों गठित शाखाओं से जुड़े सेवा मित्र पदाधिकारियों को भी मुख्य व विशिष्ठ अतिथियों के कर कमलों दुपट्टा ओढ़ा कर, पुष्पमाला पहना कर तथा स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।
स्थापना दिवस के इस अवसर पर लोक गायिका हेमा ध्यानी, कवयित्री चम्पा पांडे तथा अनेकों छोटे बच्चों इत्यादि इत्यादि द्वारा भी मनमोहक प्रस्तुतियां मंचित की गई। संगीतकार नरेंद्र अजनबी तथा उनके वाद्य यंत्र साथियों महेश तथा खेमचंद्र द्वारा लोकसंगीत की प्रभावशाली छाप छोड़ी गई।
संस्थान संस्थापक हरदा उत्तरांचली द्वारा सभी सेवा मित्रों, मुख्य व विशिष्ठ अतिथियों तथा सभी सम्मानित प्रबुद्ध जनों का स्थापना दिवस को यादगार बनाने हेतु धन्यवाद किया गया। भविष्य में संस्थान को मदद करते रहने का आहवान कर स्थापना दिवस समारोह समापन की घोषणा की गई। आयोजित स्थापना दिवस व सम्मान समारोह का मंच संचालन लोकगायक बिशन हरियाला तथा रंगकर्मी अखिलेश भट्ट द्वारा बखूबी किया गया।
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