उत्तराखंड में भारी बारिश और बर्फबारी के बाद जिस चीज का डर था वही हुआ। बदरीनाथ धाम के माणा में ग्लेशियर टूटने से 55 लोग बर्फ में दब गए। जिसमें से 47 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है।
इसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज ज्योर्तिमठ पहुंचे। उन्होंने रेस्क्यू अभियान का जायजा लिया और एवलांच की चपेट में आए घायलों से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना। इसके बाद उन्होंने जिलाधिकारी से रेस्क्यू अभियान की जानकारी ली। प्रात 11 बजे मुख्यमंत्री ने घटना स्थल का हवाई निरीक्षण किया।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि 55 में से 47 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। बाकी 8 लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान चल रहा है। जो लोग रेस्क्यू किए गए हैं उनको जोशीमठ लाया जा रहा है। सभी का उपचार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने घायलों को हर संभव सहायता देने की बात कही है।
मुख्यमंत्री ने आर्मी हास्पिटल में उपचारधीन मजदूरों से मुलाकात कर हालचाल जाना। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि खोज बचाव कार्य में किसी प्रकार आवश्यक संसाधनों की कमी न रहे जो भी आवश्यकताएं हैं उनको समय से चिन्हित किया जाए।
जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने मुख्यमंत्री को जानकारी देते हुए बताया कि कल 6 बजे करीब माणा पास के निकट हिमस्खलन हुआ। वहीं पर बीआरओ के 57 मजदूर कंटेनरों में रहते थे जिनमें से 2 मजदूर छुट्टी पर थे। 55 मजदूरों में से आईटीबीपी, सेना ने तेजी से खोजबीन करते हुए अब तक 47 लोगों को सकुशल रेस्क्यू कर लिया है। केन्द्र सरकार व राज्य सरकार की ओर से 04 हेलीकॉप्टर भेजे गए हैं। जिनकी मदद से अभी तक 25 मजदूरों को ज्योर्तिमठ लाया गया है जिनमें से 4 मजदूरों को गंभीर चोटें आयीं हैं। उनका आर्मी अस्पताल में वरिष्ठ चिकित्सकों की देखरेख में इलाज चल रहा है।
साथ ही उन्होंने बताया कि केन्द्र व राज्य सरकार से पूरी मदद मुहैया की जा रही है। जिलाधिकारी ने आईटीबीपी और आर्मी द्वारा किए गए रेस्क्यू अभियान की प्रशंसा की। कहा कि एनडीआरएफ 28 सदस्यीय टीम भी घटना स्थल पर पहुंच चुकी है। उन्हें काफी अनुभव है जिस तरह रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है बाकि मजदूरों को जल्द रेस्क्यू किया जाएगा।
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