कोटद्वार-भाबर क्षेत्र में हाथी कर रहे हैं फसलों को नुकसान, धीरेंद्र प्रताप ने जताई गहरी चिंता

कोटद्वार-भाबर क्षेत्र में हाथी कर रहे हैं फसलों को नुकसान, धीरेंद्र प्रताप ने जताई गहरी चिंता

कोटद्वार भाबर क्षेत्र में हाथियों द्वारा किसानों की खड़ी फसलों को लगातार नुकसान पहुंचाए जाने की समस्या को लेकर उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप ने गहरी चिंता व्यक्त की और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से गंभीर समस्या का तत्काल समाधान की मांग की है।

धीरेंद्र प्रताप ने बताया कि 2002 में जब तक सुरेंद्र सिंह नेगी कोटद्वार भाबर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते‌ रहे तो उन्होंने पूरे क्षेत्र को सोलर फेंसिंग से आच्छादित कराया था। इस प्रयास से लालपानी, रामपुर-सनेह, सिखड्डी, झंडीचौड़, मोटाढांग, खूनीबड़, नंदपुर, कलालघाटी, सत्तीचौड़, शिवपुर आदि इलाकों में हाथियों को रोकने में सफलता मिली थी, जिससे किसानों की फसलें सुरक्षित रहीं।

हालांकि, 2010-11-12 के दौरान सोलर फेंसिंग का उचित रखरखाव नहीं होने के कारण यह क्षतिग्रस्त हो गई, जिससे वन्यजीवों, विशेषकर हाथियों, का क्षेत्र में आना फिर से शुरू हो गया। 2012 में जब उन्हें पुनः कोटद्वार भाबर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला, तो उन्होंने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए हाथी सुरक्षा दीवारों का निर्माण कराया।

इस दीवार के निर्माण से हाथियों को कृषि भूमि में प्रवेश करने से रोका गया और किसानों को एक बार फिर राहत मिली। साथ ही सुरेंद्र सिंह नेगी ने वन्यजीवों से सुरक्षा के लिए पेट्रोलिंग मोबाइल वैन की व्यवस्था भी कराई थी, जिससे वन विभाग को हाथियों की गतिविधियों पर निगरानी रखने में सहायता मिली।

अब पिछले कुछ वर्षों से इन हाथी सुरक्षा दीवारों के उचित रखरखाव की कमी और प्रशासन की अनदेखी के कारण यह दीवारें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। बरसात के दौरान पहाड़ों से आए मलबे ने इनकी ऊंचाई को कम कर दिया, जिससे हाथियों ने फिर से किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया।

धीरेंद्र प्रताप ने मुख्यमंत्री से मांग की कि डीएफओ, लैंसडाउन को निर्देशित किया जाए कि वह हाथियों को रोकने के लिए एक नया प्रोजेक्ट तैयार कर शासन को भेजें, जिससे शासन स्तर पर हाथी सुरक्षा दीवारों को बनाए रखने और हाथियों को किसानों की खड़ी फसलों से दूर रखने की प्रभावी व्यवस्था हो सके।

इसके लिए गैस गन लगाकर पेट्रोलिंग, फायरिंग की व्यवस्था, मोबाइल वैन की सहायता, हाथी सुरक्षा दीवारों की शीघ्र मरम्मत और पहाड़ों से दीवारों पर गिरे मलबे को हटाने की व्यवस्था की जाए।

धीरेंद्र प्रताप ने इस बात पर भी जोर दिया कि यदि इस गंभीर समस्या को समय रहते चुने हुए स्थानीय विधायक और विधानसभा की अध्यक्ष रितु खंडूरी द्वारा मुख्यमंत्री या वन मंत्री को अवगत कराया गया होता, तो शायद इसका समाधान पहले ही निकल जाता और किसानों को यह नुकसान न उठाना पड़ता। उन्होंने वन मंत्री से आग्रह किया कि अब देरी न करते हुए तत्काल समाधान सुनिश्चित किया जाए।

धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि यदि प्रशासन इस विषय को गंभीरता से नहीं लेता, तो हजारों किसानों की मेहनत पर पानी फिर सकता है और उनकी आजीविका पर संकट आ सकता है।

इस बीच धीरेंद्र प्रताप ने नैनीडाडा विकासखंड में एक नरभक्षी बाग द्वारा स्थानीय निर्दोष नागरिक को मार दिए जाने की घटना पर भी चिंता वित्त करते हुए वन मंत्री से इस मामले में स्थानीय नरभक्षी बाघ को तत्काल पकड़े जाने हेतु शिकारी भेजने की मांग की है और इस क्षेत्र में बाघों की बढ़ती समस्या को देखते हुए ‘नो टाइगर जोन’ बनाए जाने की मांग की है।

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