लेकिन क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियों को मध्य नजर रखते हुए चारधाम यात्रा प्रशासन ने वायुसेना की मदद से बड़ी मशीनों को एयरलिफ्ट से यमुनोत्री धाम के निकट गरुड़ गंगा के पास हैलीपेड में करवाने को लेकर अभी चीता हैलीकॉप्टर लैंडिंग ट्रायल आदि के रेकी के लिए यमुनोत्री धाम पहुंचा।
बीते वर्ष यमुनोत्री धाम में आई आपदा से सबक लेते हुए इस बार बाढ़ सुरक्षा कार्यों को लेकर बड़ी मशीनों को एयरलिफ्ट करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत चिनूक हेलिकॉप्टर से ट्रायल लैंडिंग की योजना को लेकर अधिकारियों ने चीता हेलिकॉप्टर से यमुनोत्री धाम के निकट गरुड़ गंगा क्षेत्र में निर्माणाधीन हेलीपैड का मुआयना किया। 2024 में यमुनोत्री धाम में आई आपदा के बाद और वहां सुरक्षा कार्यों के नाम पर वर्षों से करोड़ों रुपये खर्च किए जाने के बावजूद धाम पूरी तरह सुरक्षित नहीं हो पाया है। इससे पुरोहित समाज और जिला प्रशासन ने बड़ी मशीनों को उतार कर दीर्घकालिक योजना के तहत केदारनाथ की तर्ज पर सुरक्षा कार्य करने का निर्णय लिया है
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