उत्तर प्रदेश में निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे पर भारतीय वायुसेना ऐतिहासिक ट्रायल करने जा रही है। शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेसवे पर बने 3.5 किमी. लंबे एयर स्ट्रिप पर एयरफोर्स अपनी ताकत दिखाएगी।
इस मिशन में वायुसेना के सबसे एडवांस फाइटर और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट्स को टेकऑफ और लैंड कराया जाएगा। इसमें राफेल से लेकर जगुआर और मिराज जैसे लड़ाकू विमान शामिल होंगे। इस एयर शो का उद्देश्य युद्ध या आपदा के समय इस एक्सप्रेसवे को वैकल्पिक रनवे के रूप में इस्तेमाल करना है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ही शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेसवे पर तैयार 3.50 किलोमीटर लंबी आधुनिक हवाई पट्टी का निरीक्षण किया था। यह देश की पहली ऐसी पट्टी होगी, जहां वायुसेना के लड़ाकू विमान दिन-रात लैंडिंग कर सकेंगे। फाइटर प्लेन यहां पूर्वाभ्यास भी कर सकेंगे। सुरक्षा के दृष्टिकोण से हवाई पट्टी के दोनों किनारों पर करीब 250 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
दिन के बाद रात में भी होगा शो
एयर शो को देखते हुए इंडियन एयरफोर्स ने हवाई पट्टी को अपने अधिकार क्षेत्र में ले लिया है। एयरफोर्स के जवान और यूपीडा से जुड़े अधिकारी इस एयर शो के संचालन में जुटे हैं। जिला प्रशासन से प्राप्त जानकारी के अनुसार, एयर शो का आयोजन दिन और रात दोनों समय किया जाएगा, ताकि एयर स्ट्रिप की नाइट लैंडिंग कैपेबिलिटी का भी टेस्ट किया जा सके।
शो के दौरान फाइटर जेट्स टेस्टिंग के लिए एयर स्ट्रिप पर एक मीटर ऊंचाई पर उड़ान भरेंगे। इसके बाद फाइटर जेट्स एयर स्ट्रिप पर लैंड करेंगे और फिर टेकऑफ भी करेंगे। इसके बाद शाम 7 बजे से रात 10 बजे तक फिर यही एक्सरसाइज की जाएगी। सभी फाइटर जेट्स बरेली एयरफोर्स स्टेशन से उड़ान भरेंगे। इस दौरान वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, सहकारिता राज्य मंत्री जेपीएस राठौर समेत जनप्रतिनिधिगण और एयरफोर्स के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहेंगे।
इस अभ्यास में भाग लेने वाले प्रमुख फाइटर जेट्स
राफेल: आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम और लंबी दूरी की मेटेओर मिसाइल से लैस, यह विमान सभी मौसम में ऑपरेशन की क्षमता रखता है।
SU-30 MKI: भारत-रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित यह ट्विन-सीटर फाइटर लंबी दूरी तक स्ट्राइक करने में सक्षम है और ब्रह्मोस जैसी मिसाइलें लेकर उड़ान भर सकता है।
मिराज-2000: फ्रेंच मूल का यह विमान हाई-स्पीड डीप स्ट्राइक में दक्ष है और न्यूक्लियर कैपेबल है।
मिग-29: यह तेज गति, ऊंची उड़ान और राडार चकमा देने की क्षमता वाला लड़ाकू विमान है।
जगुआर: यह ग्राउंड अटैक और एंटी-शिप मिशन में प्रयोग होने वाला सटीक स्ट्राइक विमान है।
C-130J सुपर हरक्यूलिस: यह भारी ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट विशेष बलों की तैनाती, आपदा राहत और रेस्क्यू मिशन में प्रमुख भूमिका निभाता है।
AN-32: ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सामान और जवानों की ढुलाई के लिए उपयुक्त ट्रांसपोर्ट विमान।
MI-17 V5 हेलिकॉप्टर: सर्च एंड रेस्क्यू, मेडिकल एवैकुएशन और मानव सहायता कार्यों के लिए जरूरी बहुउद्देशीय हेलिकॉप्टर।
उत्तर प्रदेश में चार एक्सप्रेसवे पर एयर स्ट्रिप की सुविधा
गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश का चौथा एक्सप्रेसवे है, जहां पर एयर स्ट्रिप की सुविधा मिलने जा रही है। इससे पूर्व आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर उन्नाव जिले में एक एयर स्ट्रिप बनाई गई है, जबकि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर सुल्तानपुर जिले में भी एक एयर स्ट्रिप है। यही नहीं, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे में इटावा जिले के पास एक एयर स्ट्रिप है, जो युद्ध और आपात स्थिति में भारतीय वायुसेना को वैकल्पिक रनवे की सुविधा उपलब्ध कराती है।
गंगा एक्सप्रेसवे न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे भारत का पहला एक्सप्रेसवे होगा, जहां रात में भी लैंडिंग की सुविधा प्राप्त होगी। इससे वायुसेना को रात में ऑपरेशन संचालित करने में मदद मिलेगी। इस एयर शो में एक्सप्रेसवे के वैकल्पिक रनवे उपयोग की तैयारियों का मूल्यांकन होगा, बल्कि भारतीय वायुसेना की त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता और मल्टी-डोमेन ऑपरेशन का भी प्रदर्शन होगा। यह अभ्यास देश की रक्षा तैयारियों को और मजबूत करने की दिशा में एक ठोस कदम है। गंगा एक्सप्रेसवे जैसे स्ट्रैटेजिक प्रोजेक्ट्स का यह उपयोग भारत की सैन्य रणनीति और नागरिक-सैन्य समन्वय को नई ऊंचाई देगा।
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