उत्तराखंड के बेटे भास्कर खुल्बे प्रधानमंत्री मोदी के सलाहकार बने

उत्तराखंड के बेटे भास्कर खुल्बे प्रधानमंत्री मोदी के सलाहकार बने

उत्तराखंड के एक और सपूत भास्कर खुल्बे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। पीएम ने उन्हें अपना सलाहकार बनाया है। कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ACC) ने प्रधानमंत्री कार्यालय में पीएम के सलाहकार के तौर पर दो नियुक्तियां की है। 21 फरवरी को

उत्तराखंड के एक और सपूत भास्कर खुल्बे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। पीएम ने उन्हें अपना सलाहकार बनाया है। कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ACC) ने प्रधानमंत्री कार्यालय में पीएम के सलाहकार के तौर पर दो नियुक्तियां की है। 21 फरवरी को कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी बयान में बताया गया कि 1983 बैच के पश्चिम बंगाल काडर के सेवानिवृत्त आईएएस अफसर भास्कर खुल्बे और उसी बैच के बिहार काडर के अधिकारी अमरजीत सिन्हा को पीएम का सलाहकार नियुक्त किया गया है। यह नियुक्तियां दो वर्षों के लिए हैं, जिन्हें आगे बढ़ाया जा सकता है।
कुमाऊं के लाल भास्कर खुल्बे प्रधानमंत्री मोदी की टीम का अहम हिस्सा रहे। भास्कर खुल्बे पश्चिम बंगाल कैडर के आईएएस अधिकारी रहे हैं। लंबे समय तक अलग-अलग पदों पर रहने के बाद 2014 में उन्हें पीएमओ में नियुक्ति मिली। यहां उन्होंने प्रधानमंत्री के सचिव की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पद संभालने के बाद बेहद ईमानदार और मेहनती छवि रखने वाले भास्कर खुल्बे को अपनी टीम में चुना। युवाओं को लेकर नीतियां बनाने में उनका अहम योगदान रहा। उन्हें एक बेहतरीन टॉस्क मास्टर माना जाता है। भास्कर खुल्बे के बारे में कहा जाता है कि वह जिस जिम्मेदारी को लेते हैं, उसे तब तक फॉलो करते हैं, जब तक वह धरातल पर दिखने न लगे। प्रधानमंत्री कार्यलय से जिन योजनाओं पर नजर रखी जाती है, उनका जिम्मा भास्कर खुल्बे पर ही होता था।
केदारनाथ में पुनर्निर्माण के कार्यों की समीक्षा और उन्हें लक्ष्य तक पहुंचाने में भास्कर खुल्बे ने अहम भूमिका निभाई। इसी का नतीजा है कि पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट का कार्य अंतिम चरण में पहुंचा है। वह अपने सुझावों को कितनी बारीकी से फॉलो करते हैं, इसका उदाहरण हुए रैबार-2017 के दौरान भी देखने को मिला था। हिल-मेल के मंच से उन्होंने उत्तराखंड के युवाओं के कौशल विकास को लेकर जिलेवार रणनीति तैयार करने का सुझाव दिया था। एक महीने बाद ही उनके निर्देश पर बड़े अधिकारी राज्य सरकार के साथ मिलकर इस संबंध में विजन का खाका खींचने देहरादून पहुंच गए थे। खुल्बे पहाड़ की संस्कृति के भी बेहद करीब हैं।
1983 बैच के आईएएस भास्कर को बंगाल कैडर मिला। उन्होंने वेस्ट बंगाल फिशरीज कॉरपोरेशन का भी दायित्व संभाला। इसके बाद उन्हें डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनेल (डीओपी) में तैनाती मिली। बाद में वह पश्चिम बंगाल के रेजीडेंट कमिश्नर के रूप में दिल्ली में कार्यरत रहे। वर्ष 2001 में उन्हें ब्रूसेल्स में भारतीय दूतावास में सलाहकार भी बनाया गया था। मूलत: तल्लीताल, नैनीताल निवासी भास्कर खुल्बे की शिक्षा-दीक्षा नैनीताल से हुई। 1980 में उन्होंने कुमाऊं विवि के डीएसबी परिसर से बीएससी किया। सेवानिवृत्त के बाद से वह पहाड़ से जुड़े सरोकारों को लेकर सक्रिय हैं।

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