Chamoli आपदा : त्रिवेंद्र सरकार की तत्परता की हो रही तारीफ, पीएम मोदी ने चौथी बार लिया अपडेट, केंद्रीय एजेंसियों ने झोंकी ताकत

Chamoli आपदा : त्रिवेंद्र सरकार की तत्परता की हो रही तारीफ, पीएम मोदी ने चौथी बार लिया अपडेट, केंद्रीय एजेंसियों ने झोंकी ताकत

आपदा के समय कुशल प्रबंधन सबसे महत्वपूर्ण होता है। खासतौर से जब फैसले लेने की बारी आती है तो कम समय में मिली प्रतिक्रिया से जिंदगियां बचाई जा सकती है। उत्तराखंड आपदा में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार की प्रशंसा हो रही है। विस्तार से पढ़िए यह रिपोर्ट…

प्राकृतिक आपदा को रोका नहीं जा सकता, पर उसके बाद बनी परिस्थितियों को संभालने के लिए कुशल प्रबंधन जरूर किया जा सकता है। हालांकि अक्सर ऐसा देखा जाता है कि फौरन प्रतिक्रिया न होने के चलते जानमाल का नुकसान बढ़ जाता है। हालांकि रविवार को जोशीमठ क्षेत्र में जब ग्लेशियर फटने बाढ़ और मलबे ने तबाही मचाई तो प्रदेश के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत ऐक्शन में आए तो वहीं केंद्रीय एजेंसियों ने भी ताकत झोंक दी। बिना समय गंवाए ताबड़तोड़ फैसले लिए गए। राज्य सरकार की सक्रियता की हर तरफ सराहना हो रही है।

यही नहीं पीएम मोदी भी सीएम रावत को फोन कर लगातार हालात का अपडेट ले रहे हैं। खुद सीएम रावत ने ट्वीट कर बताया कि पीएम मोदी ने चौथी बार फोन कर चमोली में आई आपदा का अपडेट लिया है और हरसंभव मदद की आश्वासन दिया है।

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दरअसल, रविवार यानी 7 फरवरी को सुबह करीब 10 बजे जोशीमठ के रैंणी गांव में ग्लेशियर फटा। कई वीडियो सोशल मीडिया पर आए तो पूरा देश वहां के लोगों के लिए ईश्वर से प्रार्थना करने लगे। उधर, मुख्यमंत्री को जैसे ही जानकारी मिली उन्होंने प्रदेश ही नहीं, केंद्र के भी विभागों को अलर्ट कर दिया। घंटेभर के भीतर राहत एवं बचाव अभियान की रूपरेखा तैयार हो गई और उस पर अमल शुरू हो गया।

राज्य और केंद्र सरकारों की सक्रियता के चलते ही जल्द फैसले लिए गए। एनडीआरएफ की टीमें दिल्ली से रवाना की गईं तो शाम होते-होते IAF का जंबो विमान C130J Super Hercules रवाना हो गया। हिंडन से जौली एयरपोर्ट पर प्लेन उतरने लगे।

पीएम, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री सबने सक्रियता दिखाई और फौरन राहत एवं बचाव कार्य तेज हो गया। एक तरफ सूचना इकट्ठा की जा रही थी तो दूसरी तरफ पूरा फोकस लोगों की जिंदगियां बचाने का था। इसके साथ ही किसी तरह की अफवाह न फैले, इसका भी बराबर ध्यान रखा गया।

केवल किसी अधिकारी या मंत्री को घटनास्थल पर भेजने की जगह सीएम त्रिवेंद्र ने फौरन खुद जाने का फैसला किया। NDRF, SDRF समेत संबंधित बचाव दल घटनास्थल के लिए रवाना हो गए।

ऐसा कहा जाता है कि आपदा के समय जितनी जल्दी राहत पहुंचती है, उतने ज्यादा लोगों की जान बचने की संभावना बढ़ जाती है। सीएम रावत के कुशल प्रबंधन की अब सराहना हो रही है। सीएम ने रविवार शाम मौके का मुआयना किया और वापस आकर अधिकारियों के साथ हालात की समीक्षा की। हालांकि अब भी उन लोगों की चिंता है जिनकी कोई खबर नहीं मिल पा रही है।

रविवार पूरे दिन सीएम लगातार केंद्र सरकार के संपर्क में रहे, जिससे जल्द से जल्द दिल्ली से मदद पहुंच सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों से बातचीत का क्रम जारी रहा।

सीएम ने आपदा आने के कुछ देर बाद ही टिहरी डैम से भागीरथी नदी के पानी को रोकने का आदेश दे दिया, जिससे देवप्रयाग से आगे ऋषिकेश, हरिद्वार और उत्तर प्रदेश के गंगा क्षेत्रों में नुकसान न हो। ऐसे में कहा जा सकता है कि उनकी दूरदर्शिता ने यूपी को भी प्रभावित होने से बचा लिया।

कुछ ही देर में नदी के किनारे बसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाने लगा। प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया। उनके कुशल नेतृत्व का ही परिणाम है कि आपदा प्रबंधन की तमाम ईकाइयां, सेना, वायुसेना, ITBP के जवानों की मदद मिलने लगी। शाम होते-होते जल प्रलय के मलबे से कई जिंदगियों को बचा लिया गया।

इतना ही नहीं, सीएम रावत लोगों से अपील भी करते रहे कि अफवाहों पर ध्यान न दें और पैनिक न फैलाएं। इसके अलावा वह लगातार मिल रहे अपडेट को प्रदेश और देश की जनता से भी साझा करते रहे।

उन्होंने ट्वीट कर हेल्पलाइन की जानकारी दी। उन्होंने वीडियो शेयर कर लोगों को आश्वस्त किया कि स्थिति अब नियंत्रण में है और आगे बाढ़ का खतरा नहीं है।

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