कोरोना का प्रकोप बढ़ा तो हर कोई अपनी जान बचाने में लग गया, पर जिनका कोई नहीं, या जिनके पास संसाधन नहीं है, उनका इस मुश्किल घड़ी में क्या होगा। कैसे वे इस जानलेवा महामारी के प्रकोप से बचेंगे। चमोली जिले के एक गांव की यह कहानी हमें प्रेरित करती है। 10 युवाओं की टोली दिन-रात मदद कर रही है।
हर प्राणी के लिए ये संकट की घड़ी है। अदृश्य दुश्मन लोगों की जानें ले रहा है और इसका मुकाबला हम मिलकर ही कर सकते हैं। घर में रहें, सामाजिक दूरी बनाएं रखें और सबसे जरूरी बात अपने आसपास गरीब और असहाय लोगों की मदद करें जिन पर इस महामारी का ज्यादा प्रभाव पड़ा है। हमारे समाज में ही कुछ लोग ऐसे हैं जो निस्वार्थ भाव से घर-घर जाकर लोगों की मदद कर रहे हैं।
उत्तराखंड का जिला चमोली। यहां के नारायणबगड़ विकासखण्ड का सबसे बड़ा गांव है डुंगरी। यहां ऊर्जावान युवाओं की एक टोली कोरोना से प्रभावित लोगों की मदद के लिए दिन-रात काम कर रही है। ऑक्सीमीटर की जरूरत हो या खाने-पीने के सामान बांटने हो, ये लोग लगातार जरूरतमंदों तक पहुंच रहे हैं। गांव के लोगों को कहीं जाना न पड़े इसलिए अधिकारियों से बात कर सुविधाएं गांव तक पहुंचाई जा रही हैं। कोरोना पीड़ितों को ही नहीं, उन लोगों को भी जिन्हें सर्दी-खांसी या दूसरी परेशानियां हैं, दवाइयां पहुंचाई जा रही हैं।
अनिल उनियाल और उनकी 10 युवाओं टीम ने ग्राम प्रधान नरेंद्र सिंह रावत और कुशलानंद सती के सहयोग से मदद अभियान चला रखा है। कोरोना काल में संक्रमण से बचने के लिए सैनिटाइजेशन बहुत जरूरी है। ऐसे में अनिल उनियाल ने ब्लीचिंग एवं दूसरी दवाओं का गांव के विभिन्न स्थानों में छिड़काव कराया। इसके साथ ही कोरोना पीड़ितों को अदरक और नींबू लगातार बांटे जा रहे हैं। गांव में 3 ऑक्सीमीटर भी उपलब्ध कराए गए हैं ताकि पीड़ितों के ऑक्सीजन लेवल की जांच की जा सके।
अनिल उनियाल ने उप जिलाधिकारी एवं स्वास्थ्य अधिकारियों से निवेदन किया है कि 18 वर्ष से ऊपर आयु वर्ग के लोगों को गांव में ही कोरोना वैक्सीन लगाई जाए क्योंकि कंटेनमेंट जोन बनने से गांव के लोग बाहर जाने में असमर्थ हैं। हिल मेल से बातचीत में सोशल वर्कर अनिल उनियाल ने कहा कि 1583 लोगों की जनसंख्या वाला यह गांव काफी फैला हुआ है। यह पूरे ब्लॉक का सबसे बड़ा गांव है। उन्होंने मांग की कि एक दिन में 500 सैंपलिंग की जाए जिससे कोरोना संक्रमण की श्रृंखला टूटे। अभी 15-20 सैंपलिंग से काम नहीं बन रहा है।
प्रशासन की मदद से गांव वालों को नींबू, अदरक और केले बांटे जा रहे हैं, जिससे उनकी इम्युनिटी बेहतर की जा सके। अनिल उनियाल के अलावा उनकी टीम में राकेश सती दीपक सती, देवेश सती, नवीन सती, विजय उनियाल आदि शामिल हैं।
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