आर्मी चीफ जनरल नरवणे ने कहा कि चीन ने एलएसी पर अपनी तरफ काफी इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाया है और लाजिमी है कि ये इन्फ्रास्ट्रक्चर ज्यादा सैनिकों को तैनात करने के लिए ही है, लगातार हमारी इस पर नजर है। इसे देखते हुए हम भी उतने ही कदम उठा रहे हैं जिससे हम उनका ठीक तरह से जवाब दे पाएं।
पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ हो या चीन की कोई नई चाल भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने देशवासियों को भरोसा दिलाया है कि सेना के जवान हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। एक न्यूज चैनल से बातचीत में उन्होंने पूर्वी लद्दाख के हालात के बारे में जानकारी दी और पाकिस्तान की तरफ से फिर से शुरू हुई घुसपैठ पर पाकिस्तानी फौज को जमकर आड़े हाथ लिया।
कैसे हैं पूर्वी लद्दाख के हालात
जनरल नरवणे ने कहा कि अभी पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर हालात नियंत्रण में हैं। हम हमेशा स्थिति का जायजा लेते रहते हैं और पिछले एक साल से हम लगातार बातचीत कर रहे हैं। मेरा हमेशा यही कहना है कि जो भी मसले हैं, उनका हल बातचीत के जरिये निकाल सकते हैं। इसीलिए हमारी हर लेवल पर बात होती रहती है। ब्रिगेड कमांडर लेवल पर भी, डिविजनल और कोर कमांडर लेवल पर भी…अब तक 12 राउंड की वार्ता हो चुकी है, हम आगे आशान्वित हैं। 13वें राउंड की वार्ता इसी महीने में होनी है। हर राउंड में बात आगे बढ़ती रहती है और इसी तरह से मसला हल हो जाता है। सेना प्रमुख ने कहा कि हमें पूरी उम्मीद हैं कि अब भी जो प्वाइंट बाकी हैं, उस पर भी कोई नतीजा जल्दी निकल जाएगा।
बॉर्डर पर चीन की बढ़ी तैयारी
बॉर्डर पर चीन की तैयारियों को देखते हुए भारत ने क्या-क्या इंतजाम किए हैं? इस सवाल के जवाब में आर्मी चीफ ने कहा कि चीन ने एलएसी पर अपनी तरफ काफी इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाया है और लाजिमी है कि ये इन्फ्रास्ट्रक्चर ज्यादा सैनिकों को तैनात करने के लिए ही है, लगातार हमारी इस पर नजर है। इसे देखते हुए हम भी उतने ही कदम उठा रहे हैं जिससे हम उनका ठीक तरह से जवाब दे पाएं।
जनरल नरवणे ने बताया कि पिछले एक साल में देखें तो पूर्वी लद्दाख में अपनी तरफ इन्फास्ट्रक्चर में काफी बढ़ोतरी हुई है। उसी तरह जो आधुनिक हथियार हैं उसे भी हमने यहां तैनात किए हैं। मैं समझता हूं कि हमारी फोर्स की पोजीशन काफी मजबूत है और हम हर परिस्थिति के लिए तैयार हैं।
बोफोर्स के लंबे समय बाद के-9 वज्र तोप तैनात की गई है। इस पर आर्मी चीफ ने कहा कि के-9 गन एक सेल्फ प्रोपेल मीडियम गन है और इसे आमतौर पर मैदानी और रेगिस्तानी इलाके में तैनात किया जाता है लेकिन जब हमने देखा कि यहां हमें गन की जरूरत है तो हमने सोचा कि क्यों न इसे यहां ट्रायल कर लें। कुछ मोडिफिकेशन करने पड़े, फिर हमने फायरिंग भी की और हमने फैसला किया कि इस गन को भी लद्दाख में तैनात किया जाए।
पाकिस्तान फिर करने लगा हरकत
लद्दाख के अलावा पाकिस्तान से लगती सीमा पर भी तनाव रहता है। सीजफायर का समझौता हुआ था लेकिन हमने देखा कि पिछले एक साल में कश्मीर में घुसपैठ की कोशिशें हुई हैं, जिसे सेना ने नाकाम किया है। क्या सर्दियां शुरू होने से पहले पाकिस्तान नई साजिश रच रहा है? इस पर आर्मी चीफ जनरल नरवणे ने कहा कि जो सीजफायर समझौता फरवरी में हुआ था, उसके आगे 3-4 महीने तक कोई सीजफायर उल्लंघन नहीं हुआ लेकिन पिछले दो महीने में ये फिर से बढ़ रहा है। हम इन कोशिशों को नाकाम कर पाए हैं लेकिन इस किस्म की कार्रवाई बिना पाकिस्तानी आर्मी के सपोर्ट से नहीं हो सकती।
पिछले 10 दिन में दो बार सीजफायर उल्लंघन हुए हैं। इस पर हमने लोकल और डीजीएमओ लेवल पर भी साफ किया है कि ऐसी कोई हरकत न करें कि समझौते पर असर पड़े। इसमें कोई शक नहीं है कि इस तरह की कार्रवाई बगैर पाकिस्तानी आर्मी की मदद से हो सकती है।
अफगानिस्तान के हालात को सेना कश्मीर के मद्देनजर कैसे देखती है। इस पर सेना प्रमुख ने कहा कि अफगानिस्तान की स्थिति पर हमारी नजर है। इसके असर को लेकर हम लगातार आकलन कर रहे हैं। अभी इस पर कुछ कहना जल्दबाजी होगी। उन्होंने देशवासियों को हर तरह से आश्वस्त किया है कि जो भी चुनौती हुई, सेना उसके लिए पूरी मुस्तैदी से तैयार है।
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