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मैं समझता हूं कि एक फौजी कभी रियाटर नहीं होता। यही एक कारण है कि जो रैंक है, वो रैंक हमेशा हमारे साथ रहती है। मुझे लगता है कि मैं रियाटर नहीं हुआ हूं, एक फेज जरूर खत्म हुआ है सर्विस का लेकिन एक नया फेज शुरू हुआ है।
READ MOREअसम राइफल्स की स्थापना 1835 में हुई थी। 189 सालों से असम राइफल्स लगातार अपनी जिम्मेदारियों को पूरा कर रहा है। वर्तमान समय में असम राइफल्स की 26 बटालियनें उग्रवाद ग्रस्त इलाके में तथा 20 बटालियनें अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमा सुरक्षा के कार्य में तैनात हैं। लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेड़ा के पदभार संभालने के बाद उनसे उनकी प्राथमिकताओं और चुनौतियों को लेकर हिल मेल पत्रिका के संपादक वाई एस बिष्ट ने खास बातचीत की है। इस बातचीत के अंश इस प्रकार हैं –
READ MOREमहावीर प्रसाद भट्ट कहते हैं कि जीवन में जवाबदेही का होना महत्वपूर्ण है। जवाबदेही इंसान को परिवार, गांव, प्रदेश एवं संपूर्ण समाज को जोड़े रखती है। जब हम अपने कार्यों को पूरी लग्न, मेहनत व ईमानदारी से करते हैं, तभी हम अपनी गलतियों के बोझ को कम कर सकते हैं और आगे बढ़ सकते है।
READ MOREउत्तराखंड के जंगल आजकल आग से धधक रहे हैं। यहां पर 600 से अधिक वनाग्नि की घटनाएं सामने आई हैं। गर्मियों का मौसम आते ही कुमाऊं से लेकर गढ़वाल तक के जंगल आग से जल उठते हैं। इस बार वनाग्नि की घटनाओं में कुमाऊं सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। 700 से अधिक हेक्टेयर जमीन में वनाग्नि हो चुकी है। उत्तराखंड के वन मंत्री सुबोध उनियाल से पहाड़ों के जंगलों में होने वाली इस वनाग्नि को लेकर हिल मेल ने विशेष बातचीत की।
READ MOREउत्तराखंड के लाल अपनी काबिलियत के बल पर उच्च पदों पर विराजमान हैं उनमें से एक नाम भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) पूर्व एडीजी मनोज सिंह रावत का भी है। वह आईटीबीपी से इस रैंक पर प्रोन्नति पाने वाले बल के पहले अधिकारी थे। 1986 बैच के आईटीबीपी कैडर के अधिकारी मनोज सिंह रावत के पास देश, विदेश में फील्ड और प्रशिक्षण का व्यापक अनुभव रहा है।
READ MOREभारतीय तटरक्षक बल की स्थापना दो पोतों के साथ की गई थी। तटीय सुरक्षा का जिम्मा उठाने वाले इस बल का बेड़ा अब 157 जहाजों, 78 विमानों तक पहुंच चुका है तथा इसमें लगभग 16,045 कर्मचारी काम करते हैं।
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मैं समझता हूं कि एक फौजी कभी रियाटर नहीं होता। यही एक कारण है कि जो रैंक है, वो रैंक हमेशा हमारे साथ रहती है। मुझे लगता है कि मैं रियाटर नहीं हुआ हूं, एक फेज जरूर खत्म हुआ है सर्विस का लेकिन एक नया फेज शुरू हुआ है।
READ MOREअसम राइफल्स की स्थापना 1835 में हुई थी। 189 सालों से असम राइफल्स लगातार अपनी जिम्मेदारियों को पूरा कर रहा है। वर्तमान समय में असम राइफल्स की 26 बटालियनें उग्रवाद ग्रस्त इलाके में तथा 20 बटालियनें अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमा सुरक्षा के कार्य में तैनात हैं। लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेड़ा के पदभार संभालने के बाद उनसे उनकी प्राथमिकताओं और चुनौतियों को लेकर हिल मेल पत्रिका के संपादक वाई एस बिष्ट ने खास बातचीत की है। इस बातचीत के अंश इस प्रकार हैं –
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