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उत्तरकाशी के मोरी, बड़कोट, पुरोला और उपला टकनौर क्षेत्र में कोटि बनाल शैली के भवन देखने को मिलते हैं। पुराने समय में पंचपुरा भवनों को पहाड़ की आर्थिक समृद्धि का प्रतीक माना जाता था। ये भवन स्थापत्य और विज्ञान का शानदार नमूना हैं। यह भवन भूकंप के झटकों को भी ये आसानी से सह लेते हैं।
READ MOREचमोली में कीवी के उत्पादन से काश्तकारों की आय मजबूत होने लगी है। वर्तमान में जनपद के 810 काश्तकार कीवी उत्पादन का कार्य कर रहे है। बीते वर्ष जनपद के काश्तकारों ने 20 कुंतल कीवी का उत्पादन कर 6 लाख की आमदनी प्राप्त की है।
READ MOREजखोल गांव को साहसिक पर्यटन, सूपी को कृषि पर्यटन और हर्षिल व गुंजी गांव को वाइब्रेंट विलेज के लिए सम्मानित किया जाएगा।
READ MOREनवोदन विद्यालय में आज एक बड़ा हादसा होने से बच गया। बताया जा रहा है कि शार्ट सर्किट के कारण विद्यालय में आग लग गई थी इस आदसे में किसी जनहानि की खबर नहीं है।
READ MOREनई शिक्षा नीति में विशेषकर स्कूल शिक्षा और उच्च शिक्षा में बदलाव के लिए जो परिवर्तन सुझाए गए हैं, हो सकता है उनके प्रभाव तात्कालिक तौर पर इतने अच्छे नहीं हों, लेकिन निश्चित रूप से भविष्य में ये प्रभावकारी साबित होगी।
READ MORE2019 में नगर निगम द्वारा एक सर्वे कमेटी बनाई गई इसने 325 अवैध होर्डिंग की रिपोर्ट दी किंतु आजतक यह नहीं बताया गया की अवैध होर्डिंग जनता में बेच कौन रहा था ? जो भी कंपनिया अवैध होर्डिंग बेच रही थी उस ‘अवैध राजस्व वसूली’ पर नगर निगम ने क्या कार्यवाही करी ?
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चमोली जिले में उद्यानीकरण में सरकार के सहयोग से आधुनिक तकनीकों का उपयोग काश्तकारों के लिए मुनाफे का सौदा साबित हो रहा है। जिले में उद्यान विभाग की ओर से विभिन्न योजनाओं के माध्यम से करीब 900 से अधिक काश्तकारों को पॉलीहाउस उपलब्ध कराये गए हैं। इन पॉलीहाउस में काश्तकार सब्जी और फूलों का उत्पादन कर अच्छा मुनाफा कमा रहे है। जिससे काश्तकारों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है।
READ MOREदेशभर के फल उत्पादक किसानों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। फल मक्खियों से फलों की बर्बादी रोकने के लिए वैज्ञानिकों ने एक नई तकनीक विकसित की है, जिसे ‘इको-ट्रैप्स’ नाम दिया गया है।
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