केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के चेयरमैन का अतिरिक्त प्रभार 1992 बैच के मणिपुर कैडर के आइएएस अधिकारी विनीत जोशी को सौंपा गया। वर्तमान में वो राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के महानिदेशक व उच्च शिक्षा विभाग में सचिव के पद पर भी कार्यरत हैं।
केंद्र सरकार की शीर्ष नौकरशाही में आधा दर्जन मंत्रालयों में फेरबदल करते हुए करीब डेढ़ साल पहले अशांत मणिपुर को संभालने के लिए भेजे गए वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विनीत जोशी को फिर से दिल्ली बुलाते हुए उन्हें शिक्षा मंत्रालय में उच्च शिक्षा सचिव की नई जिम्मेदारी दी गई है। हाल ही में इस पद पर तैनात वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के. संजय मूर्ति को देश का नया नियंत्रक महालेखा परीक्षक (सीएजी) बनाए जाने के बाद यह पद खाली पड़ा था।
उत्तराखंड के नैनीताल जिले के कोटाबाग इलाके के रहने वाले आईएएस अधिकारी विनीत जोशी को कुछ समय पहले मणिपुर का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था। वह मणिपुर कैडर के 1992 बैच के अधिकारी हैं और उन्हें एसीसी ने मणिपुर भेजने का आदेश जारी किया था। मणिपुर में कई दिनों से हिंसा हो रही थी इस चुनौती से निपटने के लिए उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई थी और अब यहां पर काफी शांति हो गई है।
आईएएस विनीत जोशी को चुनौतीपूर्ण कार्य को आसानी से सुलझाने का हुनर आता है इसीलिए विनीत जोशी को केंद्र सरकार ने जल्दी ही हिंसाग्रस्त मणिपुर रवाना किया था। जहां उन्हें मुख्य सचिव की जिम्मेदारी दी गई थी। मूलतः मणिपुर कैडर के 1992 बैच के अधिकारी जोशी मौजूदा समय में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के डीजी के साथ शिक्षा मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। उनके पास शिक्षा मंत्रालय में केंद्रीय उच्च शिक्षण संस्थानों का जिम्मा था।
एनटीए के गठन के बाद से वह इसके डीजी की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। इस बीच उन्होंने देश में एनटीए का एक मजबूत ढांचा खड़ा किया और नीट, जेईई मेन और सीयूईटी जैसे बड़ी परीक्षाओं का भी सफलतापूर्वक संचालन किया। इस दौरान इन परीक्षाओं को लेकर जो भी चुनौती आयी, उसे उन्होंने कुशलता के साथ निपटाया। जिस समय केंद्र सरकार ने उन्हें मणिपुर जाने के लिए कहा, उस समय वह नीट परीक्षा की तैयारियों में जुटे हुए थे।
केंद्र में कई अहम पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके विनीत जोशी मणिपुर के स्थानीय आयुक्त रह चुके हैं। उनकी शिक्षा-दीक्षा संयुक्त उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद से हुई। विनीत जोशी ने इलाहाबाद स्थित एनी बेसेंट स्कूल और जीआईसी से शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने आईआईटी कानपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद भारतीय विदेश व्यापार संस्थान से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर डिग्री ली। उन्होंने मणिपुर में युवा मामले एवं खेल विभाग में सेवा शुरू की। वह 1999 में युवा मामले और खेल मंत्रालय में निजी सचिव के रूप में शामिल हुए। 2000 से 2001 तक वह खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय में निजी सचिव बने। 2010 के अंत में उन्हें केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन के रूप में भी नियुक्त किया गया था।
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