हिजाब को लेकर आजकल पूरे देश में खूब बहस छिड़ गई है। पांच राज्यों में चल रहे चुनाव के दौरान भी नेताओं द्वारा इस मुद्दे को उछाला जा रहा है। सभी पार्टियों के नेता अपनी सुविधा के अनुसार इस पर अपनी बात रख रहे हैं। हालांकि कर्नाटक हाई कोर्ट ने वहां के शैक्षिक संस्थानों में धार्मिक पहनावे पर अभी रोक लगाई है और अदालत ने यह भी कहा कि इन मुद्दों का राष्ट्रीय स्तर पर प्रसार नहीं होना चाहिए।
आजकल हिजाब को लेकर पूरे देश में खूब बहस छिड़ गई है। पांच राज्यों में चल रहे चुनाव के दौरान भी नेताओं द्वारा इस मुद्दे को उछाला जा रहा है। सभी पार्टियों के नेता अपनी सुविधा के अनुसार इस पर अपनी बात रख रहे हैं। हालांकि कर्नाटक हाई कोर्ट ने वहां के शैक्षिक संस्थानों में धार्मिक पहनावे पर अभी रोक लगाई है।
कर्नाटक हाई कोर्ट के शैक्षिक संस्थानों में किसी तरह के धार्मिक पहनावे पर रोक के निर्देश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह हर नागरिक के संविधानिक अधिकारों की रक्षा करेगा। हाई कोर्ट ने फैसला आने तक राज्य के सभी शिक्षण संस्थानों में धार्मिक पहनावे पर रोक लगाई है। अदालत ने यह भी कहा कि इन मुद्दों का राष्ट्रीय स्तर पर प्रसार नहीं होना चाहिए।
इसी सिलसिले में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में भाजपा की नई सरकार आने पर शपथ ग्रहण के तुरंत बाद सरकार यूनिफार्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) के लिए मसौदा तैयार करने को समिति बनाएगी, जिससे राज्य में जल्द से जल्द सिविल यूनिफार्म सिविल कोड लागू किया जा सके।
उत्तराखंड की सांस्कृतिक-आध्यात्मिक विरासत की रक्षा के लिए भाजपा सरकार अपने शपथ ग्रहण के तुरंत बाद एक कमेटी गठित कर ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड’ का ड्राफ्ट तैयार करेगी। जिससे सभी नागरिकों के लिए समान कानून बनेगा, चाहे वे किसी भी धर्म में विश्वास रखते हों। -श्री पुष्कर सिंह धामी, सीएम pic.twitter.com/fq9P7vEHiG
— BJP Uttarakhand (@BJP4UK) February 12, 2022
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक-आध्यात्मिक विरासत की रक्षा के लिए भाजपा सरकार अपने शपथ ग्रहण के तुरंत बाद एक कमेटी गठित कर ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड’ का ड्राफ्ट तैयार करेगी। जिससे सभी नागरिकों के लिए समान कानून बनेगा, चाहे वे किसी भी धर्म में विश्वास रखते हों।
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