पड़ोसी चीन के बारे में भारत का बच्चा-बच्चा जान चुका है कि उस पर आसानी से भरोसा नहीं किया जा सकता। उसकी हर बात के पीछे एक काला सच छिपा होता है। गलवान झड़प पर पहले चुप्पी साधने वाला चीन अब 4 सैनिकों के मारे जाने की बात करते हुए वीडियो लेकर आया है।
8 महीने बाद चीन ने गलवान झड़प में मारे गए अपने सैनिकों के बारे में बताया पर बताने से ज्यादा छिपा ले गया। जी हां, चीन ने गलवान हिंसा का एक वीडियो जारी किया है जिसमें दोनों ओर से बड़ी संख्या में सैनिक आमने-सामने दिखाई देते हैं। कुछ तस्वीरें झड़प और भारी हंगामे की दिखाई देती हैं। चीन ने अब जानकारी दी है कि उसके 4 सैनिक भारत के साथ झड़प में मारे गए। वह उनके पार्थिव शरीर को जंबो जेट से लाने और गन सैल्यूट दिए जाने के वीडियो बार-बार अपने भोंपू मीडिया से प्रसारित करा रहा है। हालांकि सवाल कई हैं, जिसका जवाब देने की उसने जहमत नहीं की।
दरअसल, चीन के इस वीडियो जारी करने के पीछे भी एक दबाव है और वो ये है कि रूस की मशहूर समाचार एजेंसी तास ने इसी महीने एक हफ्ते पहले गलवान झड़प में बड़ा खुलासा किया था। तास ने बताया था कि गलवान में चीन के कम से कम 45 सैनिक मारे गए थे। इसके बाद ही शायद चीन को लगा होगा कि शर्मिंदगी बढ़ने और छिपाने की बात आगे बढ़े उससे पहले कुछ आंकड़े जारी कर दिए जाएं। ऐसे में अचानक चीन 4 सैनिकों के मारे जाने का कबूलनामा सामने रखता है। साफ है फजीहत के बाद चीन को गलवान झड़प का वीडियो जारी करने के लिए मजबूर होना पड़ा पर इसमें भी उसने थोड़ा ही बताया है।
https://twitter.com/globaltimesnews/status/1362751245815930881?s=20
चीन के लोग ही वहां की सोशल मीडिया पर पूछ रहे हैं कि अगर हमारे सैनिक शहीद हुए थे तो उनके नाम अब तक छिपाए क्यों गए। ये बाते छिपते-छिपाते सामने आ रही हैं। दरअसल, जून 2020 में पूर्वी लद्दाख के गलवान इलाके में जो कुछ हुआ उसके बाद दोनों देशों के बीच जंग के आसार बनते दिखाई देने लगे। भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे और उनके पार्थिव शरीर जब घर आए तो गम और गुस्से का उबाल फूट पड़ा। भारत सरकार ने भी सीधे जंग न छेड़ते हुए बहुत ही कूटनीति और रणनीतिक तरीके से चीन को झटका देना शुरू किया। नियमों में सख्ती हो या चीनी ऐप पर पाबंदी… चीन को जल्दी ही समझ में आ गया कि उसकी हरकतें मुश्किल का सबब बनने वाली हैं।
भारत सरकार और हमारी सेना ने ही नहीं, कई स्वतंत्र एजेंसियों ने भी बताया है कि भारतीय जवानों ने चीनियों को मुंहतोड़ जवाब दिया था। चीन को भारत से डबल नुकसान की बात कही जा रही थी। कुछ रिपोर्टों में 40 से 45 चीनी सैनिकों के मारे जाने का दावा किया गया था। हालांकि अब चीन ने छिपते-छिपाते 40 में से जीरो साफ करते हुए केवल 4 ओपन किया है।
आपको बता दें कि चीन में मीडिया आजाद नहीं है, जो कुछ भी लिखा या प्रकाशित किया जाता है सब पर सरकार की नजर होती है। लोग भी खुलकर अपनी बात नहीं कह पाते। वीडियो शेयर करने के बाद जब लोगों का गुस्सा फूटने लगा तो चीन सरकार ने कुछ लोगों पर कार्रवाई भी की है।
Police in Nanjing, E China's Jiangsu on Fri detained a person who posted online false and demeaning info about the five heroes who were honored for fighting back Indian troops at the border last year. Four died during the clash. https://t.co/xr317oHBJI pic.twitter.com/uGsaK9vKUc
— Global Times (@globaltimesnews) February 20, 2021
चीन को इस काम में मास्टरी हासिल है। वह शिकायतों और गुस्सों को गलत अर्थ में दिखाकर लोगों पर ऐक्शन ले लेता है।
गलवान घाटी में भारत के निहत्थे सैनिकों पर हमला करने वाले चीनियों ने अब खुद को पीड़ित और शांति का पुजारी दिखाने का नया प्रॉपेगैंडा चला है। भारतीय जानकार ही नहीं अमेरिकी विशेषज्ञ भी इसे चीन की नापाक हरकत मानकर चल रहे हैं। उस समय 16 बिहार रेजिमेंट के जवानों ने चीन के मंसूबे पर पानी फेर दिया था। साफ है कि चीन दुनिया को देर से भी आधी तस्वीर और अधूरी सच्चाई ही बता रहा है।
चीन मामलों के सामरिक विशेषज्ञ ब्रह्म चेलानी भी चीन के इस वीडियो जारी करने के कदम को प्रोपेगैंडा करार देते हैं। वह पुराना उदाहरण देकर बताते हैं कि चीन पहले भी हुई झड़पों में अपने नुकसान को कम करके बताता रहा है।
With the world's most powerful propaganda machine, the CCP manufactures “reality.” For example, this video of the clash isn't about the clash. In that clash, PLA troops laid an ambush and then attacked with clubs wrapped with barbed wire, leading to nighttime hand-to-hand combat.
— Brahma Chellaney (@Chellaney) February 19, 2021
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