अगर मिथकों को ही सच मानकर इंसान सोचने लगे तो संभव है कि वह प्रयास करना ही बंद कर दे। उत्तराखंड के सीएम कैंट रोड वाले आवास पर रहने गए और यह संदेश देने की कोशिश की कि वह कर्म में विश्वास करते हैं और उसी हिसाब से काम भी करते हैं।
देश का राज्य कोई भी हो, व्यक्ति छोटे पद पर हो या बड़े, सरकारी हो या प्राइवेट वह अपने स्तर पर मान्यताएं रखता है। कार्यकाल ठीक से बीत जाता है तो आगे पद पर आने वाले भी उसे अपनाते हैं, कुछ गड़बड़ होती है तो नकारात्मक भावनाएं घिर जाती हैं और वह एक मनहूस या कह लीजिए मिथक बन जाता है। उत्तराखंड के न्यू कैंट रोड स्ठित मुख्यमंत्री आवास को लेकर भी कई मिथक हैं।
देवभूमि के युवा सीएम पुष्कर सिंह धामी ने तमाम मिथकों को दरकिनार करते हुए जब इसी आवास में पूजा-पाठ किया तो चर्चाएं होने लगीं। सोमवार को सीएम ने न्यू कैंट रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास में गृह प्रवेश किया। उन्होंने शिवमंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की।
मुख्यमंत्री आवास को लेकर लोग ऐसा मानने लगे हैं कि जो भी इस आवास में रहता है, वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाता। जब यही सवाल सीएम से पूछ लिया गया तो उन्होंने कहा कि वह कर्म में विश्वास करते हैं और वर्तमान में जीते हैं। उन्होंने न कभी भूतकाल की चिंता की और न ही इस बात की फिक्र कि भविष्य में क्या होगा।
उन्होंने साफ कहा कि मुख्यमंत्री आवास में राज्य के संसाधन लगे हैं तो जो भी मुख्य सेवक हो, उसे वहीं रहना चाहिए। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने भी मुख्यमंत्री आवास आकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को गृह प्रवेश पर शुभकामनाएं दीं।
अब इस आवास को लेकर चर्चाएं जान लीजिए। लोग कहते हैं कि यहां रहने आए मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए और उन्हें पद छोड़ना पड़ा। इसके बाद विजय बहुगुणा इस आवास में रहे, लेकिन वह भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस आवास से दूरी बनाए रखी। साल 2017 में भाजपा की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इस आवास में रहने आए। वह भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए।
पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत कुछ ही महीने सीएम रहे और वह यहां नहीं रहे। हालांकि धामी ने मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद साफ कर दिया था कि वह इस आवास में रहेंगे। सोमवार को उन्होंने पूजा-अर्चना के बाद परिवार सहित गृह प्रवेश किया। वह आवास स्थित गौशाला भी गए।
हालांकि चर्चा कुछ भी हो, इस कदम से सीएम ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और मिथकों की परवाह ने करने का संदेश दिया है। वैसे भी सीएम धामी को करीब 6 महीने का ही कार्यकाल मिला है। उसके बाद विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
Leave a Comment
Your email address will not be published. Required fields are marked with *