उत्तराखंड में कोरोना के मामले 2000 के करीब पहुंचने वाले हैं। प्रदेश सरकार लगातार संक्रमित लोगों के इलाज पर ध्यान दे रही है। इस बीच क्वारंटीन में एक शख्स की आत्महत्या ने प्रदेश को हिला दिया। सीएम ने इस मामले में सख्त ऐक्शन लिया है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत कोरोना पीड़ितों की मौत पर गंभीर हैं। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया है कि अगर पॉजिटिव पाए जाने के 24 घंटे में कोरोना संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु होती है तो यह समझा जाना चाहिए कि सर्विलांस में कमी रही है। ऐसे में संबंधित जिलाधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
उन्होंने सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से जिलाधिकारियों के साथ प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि आशा व आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की सहायता से सर्विलांस को बढाएं। यह सर्विलांस नियमित रूप से होना है। वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप लोगों में व्यवहारात्मक परिवर्तन लाने होंगे।
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उन्होंने (cm trivendra singh rawat today news) आदेश दिया कि देहरादून के क्वारंटीन सेंटर में युवक की आत्महत्या के मामले में संबंधित नोडल अधिकारी और डाक्टर को निलंबित किया जाए। कोविड-19 से संबंधित हर मृत्यु की ऑडिट कराई जाए।
लक्षण दिखने पर अनिवार्य सैंपलिंग
CM ने कहा कि सर्विलांस में जिन लोगों में कोविड-19 से संबंधित लक्षण दिखाई दें, उनकी हेल्थ टीम के माध्यम से अनिवार्य रूप से सैंपलिंग कराई जाए। फ्रंटलाइन वर्कर्स को आवश्यकता के अनुसार थर्मल स्कैनर, फेस शील्ड, पीपीई किट, मास्क आदि जरूर उपलब्ध कराए जाएं। इससे उनका कार्य के प्रति उत्साह बढ़ता है। ओपीडी में ड्यूटी करने वाले चिकित्सकों को भी फेस शील्ड उपलब्ध हों।
व्यवहारात्मक परिवर्तन लाने होंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप लोगों में व्यवहारात्मक परिवर्तन लाने होंगे। इसके लिए आईईसी कार्यक्रम संचालित करें। फिजिकल डिस्टेंसिंग, मास्क का अनिवार्यता से उपयोग, नियमित रूप से हाथ धोना आदि बातों को आदत में लाना होगा। बाजारों में एक जगह पर भीड़ को सख्ती से नियंत्रित किया जाए।
कोविड-19 से संबंधित हर डेथ का आडिट
सीएम ने कहा कि देहरादून में एक गर्भवती महिला की इलाज न मिलने पर मृत्यु की भी शीघ्र जांच की जाए। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों, गम्भीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों पर विशेष ध्यान दिया जाए। कंटेनमेंट जोन में पूरी सख्ती रखी जाए। कान्टेक्ट ट्रेसिंग बहुत महत्वपूर्ण है। कोविड-19 से संबंधित हर डेथ का आडिट किया जाए। हर मृत्यु के कारण का विश्लेषण किया जाए।
उन्होंने कहा कि कोविड केयर सेंटर में सारी आधारभूत सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। क्वारंटाइन सेंटर में भी सुविधाएं उपलब्ध हों। यह सुनिश्चित किया जाए कि होम आइसोलेशन में सारे प्रोटोकॉल का पालन हो। डिस्चार्ज कर होम आइसोलेशन में भेजे जाने वालों की काउंसिल की जाए।
सम्मानजनक तरीके से अंतिम संस्कार
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु पर उसके अंतिम संस्कार में विवाद न हो। लोगों को इस संबंध में जारी दिशानिर्देशों की जानकारी दी जाए। मृत्यु के बाद भी व्यक्ति का सम्मान बरकरार रहना चाहिए। मुख्यमंत्री ने हल्द्वानी व हरिद्वार में विद्युत शव-दाह गृह का कार्य शुरू करने के निर्देश देते हुए देहरादून में भी शव-दाह गृह की घोषणा की।
जिला स्तर पर अधिकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि धन की कोई समस्या नहीं है। आवश्यकता के अनुसार कार्मिकों की नियुक्ति के लिए जिलाधिकारियों को अधिकार दिए गए हैं। इसी प्रकार आवश्यक चिकित्सा संबंधित उपकरणों के क्रय के लिए भी अधिकार दिए गए हैं।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि हर केस को पूरी गम्भीरता से लिया जाना है। होम क्वारंटीन के लिए डिस्चार्ज करने से पूर्व पूरी तरह आश्वस्त हो जाएं कि घर में मानकों के अनुरूप सारी व्यवस्थाएं उपलब्ध हों। सर्विलांस को बढाया जाना है।
सचिव अमित नेगी ने कहा कि अगले 15-20 दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। हमारी रिकवरी रेट और डबलिंग रेट में सुधार हो रहा है। एक्टिव केस लगभग स्थिरता की ओर जा रहे हैं। पेशेंट केयर मेनेजमेन्ट पर अधिक ध्यान दिया जाए। कोविड-19 के अलावा सामान्य चिकित्सा भी प्रभावित नहीं हो। लोगों को सामान्य इलाज मिलता रहे।
सचिव शैलेश बगोली ने कहा कि बाहर से प्रदेश में आने वालों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराना अनिवार्य है। इससे भविष्य में उन्हें ट्रैक करने में आसानी होगी। वीडियो कांफ्रेंसिग में आयुक्त कुमाऊं अरविंद सिंह ह्यांकी, आयुक्त गढवाल रविनाथ रमन, सचिव डॉ. पंकज पाण्डेय सहित अन्य अधिकारी व जिलाधिकारी उपस्थित थे।
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