चारधाम यात्रा शुरू होते ही चारों धामों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। भीड़ को काबू पाने के लिए सरकार ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि सभी श्रद्धालु पंजीकरण करने के बाद ही यात्रा करने के लिए आयें जिससे कि उन्हें परेशानियों का कम से कम सामना न करना पड़े।
श्री केदारनाथ धाम यात्रा हर वर्ष भव्यता और दिव्यता के नए कीर्तिमान खड़े कर रही है। 10 मई को नया इतिहास बनाते हुए बाबा के दर्शनों को करीब 30 हजार श्रद्धालु देश- विदेश से केदारपुरी पहुंचे थे। कपाट खुलने के दूसरे दिन साढ़े 22 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा केदारनाथ जी के दर्शन किए।
कैलाश पर्वत पर भगवान शिव के प्रिय निवास स्थान पहुंचने के लिए भक्त इतने उत्सुक एवं ऊर्जावान दिखे कि दोपहर बाद से ही खराब मौसम होने के बावजूद यात्रियों की संख्या में कोई कमी नहीं दिखी। बारिश के चलते श्रद्धालुओं की यात्रा थोड़ा मुश्किल रही उन्हें कुछ समस्याओं का सामना भी करना पड़ा लेकिन जिला प्रशासन के विभिन्न प्रयासों के चलते श्रद्धालुओं को राहत मिली।
केदारपुरी की बात करें तो नव निर्मित आस्था पथ ने भक्तों को बहुत राहत पहुंचाई, बारिश की बौछार पड़ते ही मंदाकिनी नदी के बगल में केदारनाथ के मौसम को ध्यान में रखते हुए आधुनिक तरीके से तैयार आस्था पथ श्रद्धालुओं का सहारा बना। सैकड़ों लोगों ने अस्था पथ के शेड के नीचे बिना बारिश से भीगे बाबा केदार के दर्शनों का इंतजार किया। पैदल यात्रा मार्ग पर भी रेन शेड यात्रियों का बड़ा सहारा बने।
हिमालय के सर्द हवाओं और बारिश के झोंकों से श्रद्धालुओं को ठंड न लगे इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से विभिन्न स्थानों पर लोगों को गर्म पानी और खाना (फूड पैकेट्स) भी बंटवाए गए। गौरीकुंड से लेकर केदारनाथ तक विभिन्न स्थानों पर भंडारे भी आयोजित किए जा रहे हैं।
पुलिस प्रशासन, पीआरडी, यात्रा मैनेजमेंट फोर्स यात्रियों की यात्रा सुखद और यादगार बनाने के लिए प्रयासरत हैं। इसका सुंदर उदाहरण आज गुजरात से आए श्रद्धालुओं के साथ हुई एक घटना में देखने को मिला। श्रद्धालु का कीमती समान एवं रुपयों से भरा पर्स रामबाड़ा में किसी दुकान में छूट गया। केदारनाथ पहुंचने पर जब उन्हें इस बात का एहसास हुआ तो उन्होंने मौके पर मौजूद पुलिस कर्मचारी को इसकी सूचना दी। पुलिस ने उन्हें जल्दी उनका पर्स खोजकर लौटाने का आश्वासन दिया और उनकी खुशी का ठिकाना न रहा जब उन्हें बहुत कम समय में उनका पर्स वापस मिल गया।
सुरक्षा बलों ने कई घायल एवं बीमार महसूस कर रहे लोगों को रेस्क्यू कर अस्पताल पहुंचाने का काम भी कर रहे हैं। बाबा केदारनाथ के आशीर्वाद से यात्रा इसी प्रकार सुखद एवं सुव्यवस्थित रहे इसके लिए मीडिया बंधु, स्वच्छता कर्मचारी, परिवहन मित्र, तीर्थ पुरोहित, पुलिस प्रशासन एवं जिला प्रशासन सभी मिलकर और बेहतर प्रयास कर रहे हैं।
चारधाम यात्रा के दूसरे दिन ही यमुनोत्री धाम में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। जिससे निपटने के लिए प्रशासन को काफी मेहनत करनी पड़ी। यमुनोत्री धाम में कपाट खुलने के बाद से ही तीर्थयात्रियों की भीड़ उमड़ने लगी। ऐसे में एक तरफ जहां प्रशासन डंडी कंडी और घोड़ा संचालकों को जानकीचट्टी में रोक रहा है, वहीं, हाईवे पर ट्रैफिक जाम की समस्या भी दूर नहीं हो पा रही है। यात्रा के दूसरे दिन हाईवे पर जाम के कारण यात्री कई घंटे तक परेशान रहे, वहीं, आज भी सुबह से हाईवे पर यही हाल बना हुआ है।
वहीं मजदूरों ने चारधाम यात्रा प्रशासन पर तानाशाह रवैया अपनाने का आरोप लगाया। हालांकि पैदल श्रद्धालु जा रहें हैं। वहीं, मजदूरों व कुली एजेंसी से जुड़े लोगों का कहना है कि उन्होंने सरकार को राजस्व देकर यह व्यवस्था ली और अब मजदूरों को रोका जा रहा है। इधर, पुलिस प्रशासन का कहना है कि सुरक्षा के लिहाज से ऐसी व्यवस्था बनाई गई है। धीरे-धीरे उन्हें आगे भेजा जाएगा। दरअसल, जानकीचट्टी से पांच किमी का पैदल मार्ग शुरू होता है। जैसे-जैसे इस पैदल मार्ग पर आगे बढ़ते जाते हैं तो यह संकरा होता जाता है।
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