उत्तराखंड के बेटे-बेटियां आजकल देश में नये नये कीर्तिमान स्थापित कर रहे है। उत्तराखंड की मनीषा ने भी अब एक नया इतिहास रच दिया है। उन्हें मिजोरम के राज्यपाल के एडीसी के रूप में नियुक्त किया है।
भारतीय वायुसेना अधिकारी मनीषा ने उत्तराखंड का गौरव बढ़ाया है। मनीषा को मिजोरम के राज्यपाल डॉ. हरि बाबू कंभमपति ने एडीसी के रूप में नियुक्त किया है। वह देश की पहली महिला भारतीय सशस्त्र बल अधिकारी बन गई हैं, जिन्हें राज्यपाल के एडीसी के रूप में नियुक्त किया गया है।
उत्तराखंड सैन्य बहुल प्रदेश है। यहां सेना में भर्ती होना जीविकोपार्जन का साधन नहीं, बल्कि त्याग, बलिदान और गौरव की परंपरा है। इसी परंपरा को आगे बढ़ा रहा है, नागल ज्वालापुर, डोईवाला, देहरादून निवासी लीलावती कार्की का परिवार। लीलावती के पति प्रेम सिंह कार्की भी सेना में फ्लाइंग ऑफिसर के पद पर कार्यरत थे।
सेना से सेवानिवृत्ति के बाद इसी साल फरवरी में एक हादसे में उनका निधन हो गया था। लीलावती कार्की के मुताबिक, उनका बेटा दीपक कार्की सेना में मेजर हैं, जो इन दिनों गुरदासपुर में तैनात हैं, जबकि उनकी बहू मनीषा वायुसेना में स्क्वाड्रन लीडर है। 2015 बैच की भारतीय वायुसेना अधिकारी मनीषा के राज्यपाल के सहायक डी कैंप के रूप में नियुक्ति पर वह खुशी जताती हैं।
उन्होंने कहा कि उनकी बहू ने उनके परिवार का गौरव बढ़ाया है। सेना में अधिकारी पद पर रहते हुए जिम्मेदारी को बखूबी निभाने के साथ ही एक बेटी के रूप में वह उनका पूरा ख्याल रखती हैं। इससे पहले वह वायुसेना स्टेशन बीदर, वायुसेना स्टेशन पुणे और वायुसेना स्टेशन भटिंडा में तैनात थीं।
सेना से सेवानिवृत्त सुबेदार मनोहर सिंह बोरा बताते हैं कि मनीषा ने इतिहास रचा है। इस उपलब्धि से गांव में खुशी है। मिजोरम के राज्यपाल ने भी अपने एक संदेश में कहा कि मनीषा की नियुक्ति महज एक मील का पत्थर नहीं, बल्कि उन महिलाओं की उल्लेखनीय क्षमताओं का प्रमाण है, जो लैंगिक मानदंडों को चुनौती देती हैं और कई क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करती हैं।
भारतीय महिलाएं हर क्षेत्र में पुरूषों से कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है। आजकल की महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरूषों से कम नहीं हैं और उन्हें जहां भी मौका मिलता है वह उसमें अपना शत प्रतिशत योगदान देती हैं।
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