दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने बताया कि इस दीक्षांत समारोह की थीम ‘सशक्त नारी’ है और यह पूरे तरीके से नारी सशक्तिकरण हेतु समर्पित है। उन्होंने मेधावी छात्रों एवं हंस फाउंडेशन की संरक्षक माताश्री मंगला एवं गुरु राम राय दरबार के महंत देवेंद्र दास महाराज को डॉक्टर ऑफ लेटर्स (डी.लिट् ) की मानक उपाधि के लिए शुभकामनाएं दी।
दून यूनिवर्सिटी के दूसरे दीक्षांत समारोह में हंस फाउंडेशन की संस्थापक एवं संरक्षक माताश्री मंगला को डी लिट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है। उत्तराखंड के गवर्नर दून विश्वविद्यालय के कुलाधिपति लेफ्टिनेंट जनरल (रिटा.) गुरमीत सिंह ने माताश्री मंगला को शिक्षा, स्वास्थ्य और जनकल्याण के क्षेत्र में उत्कृष्ट एवं अप्रतिम योगदान के लिए डॉक्टर ऑफ लेटर्स की मानद उपाधि से अलंकृत किया है। गुरु राम राय दरबार के महंत देवेंद्र दास महाराज को भी डॉक्टर ऑफ लेटर्स की मानक उपाधि दी गई है। दून विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में सभी विभागों में स्नातक एवं परस्नताक में वर्ष 2017, 2018, 2019 एवं 2020 में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले 93 छात्र/छात्राओं को गोल्ड मेडल से नवाजा गया।
समाज सेविका माताश्री मंगला ने डीलिट की उपाधि प्रदान करने के लिए दून विश्विद्यालय का आभार जताया। उन्होंने कहा कि हंस फाउंडेशन लगातार महिला सशक्तिकरण के लिए काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस दीक्षांत समारोह कार्यक्रम का थीम है – सशक्त महिला, सशक्त राष्ट्र। सचमुच में जब महिला सशक्त होगी तो देश सशक्त होगा। हम भारतीय तो देवियों की पूजा करते आए हैं। मैं अभी देख रही थीं कि बच्चियां भी कितनी आगे आ रही हैं, वे डिग्रियां लेने में अग्रसर हैं, भारत का भविष्य उज्जवल हैं। सच्ची शिक्षा आपसी सम्मान है। आप सबके अंदर अनंत संभावनाएं हैं। सभी उपाधि प्राप्त करने वालों को मेरी तरफ से बधाई।
देश भर में हंस फाउंडेशन द्वारा चलाए जा रहे सेवा कार्यों का जिक्र करते हुए कहा माताश्री मंगला ने कहा कि हम देश और प्रदेश के लोगों को हर तरह की सुविधाएं देने का प्रयास कर रहे हैं। सतपुली के अस्पताल में देश के अलग-अलग हिस्सों से सुपरस्पेशलिस्ट डॉक्टर ला रहे हैं। गर्भवती महिलाओं को बेहतर उपचार व सुविधाएं देने का प्रयास किया जा रहा है। डायलासिस सेंटर खोले गए हैं। कोविड के समय हमने हर जरूरतमंद की सेवा की है। देश के 28 राज्यों में हम काम कर रहे हैं। हमारा सेवाकार्य तो सब जरूरतमंदो की सेवा करना है और हम निरंतर करते ही रहेंगे।
वहीं महंत देवेंद्र दास महाराज के समारोह में उपस्थित न होने पर उनके प्रतिनिधि गुरु राम राय विश्वविद्यालय के कुलपति और शिक्षाविद डा. यू. एस. रावत ने यह अलंकरण ग्रहण किया।
इस अवसर पर दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने बताया कि इस दीक्षांत समारोह की थीम ‘सशक्त नारी’ है और यह पूरे तरीके से नारी सशक्तिकरण हेतु समर्पित है। उन्होंने मेधावी छात्रों एवं हंस फाउंडेशन की संरक्षक माताश्री मंगला एवं गुरु राम राय दरबार के महंत देवेंद्र दास महाराज को डॉक्टर ऑफ लेटर्स (डी.लिट् ) की मानक उपाधि के लिए शुभकामनाएं दी। प्रो. डंगवाल ने बताया कि दून विश्विद्यालय के दीक्षांत समारोह के बैनर, आमंत्रण पत्र में उत्तराखंड की ऐपण कला से सृजित किया गया है। उन्होंने बताया कि यह समारोह महिलाओं को समर्पित है। दून विश्विद्यालय ने उत्तराखंड की 40 महिलाओं को अपनी ही दून कैंटीन में रोजगार दिया गया है। राज्य सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट नित्यानंद हिमालय शोध की नीव दून विश्विद्यालय में रखी गई, जहां उत्तराखंड के तमाम शोध किया जाएगा।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले छात्र/छात्राओं को को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि इस दीक्षांत समारोह की ‘सशक्त महिला, सशक्त राष्ट्र’ की थीम यहां उजागर हुई है। 70 प्रतिशत स्वर्ण पदक छात्राओं ने अर्जित किए हैं। उन्होंने कहा कि छात्रों को संस्था, राज्य और देश को आगे ले जाने की जिम्मेदारी निभाने का संकल्प लेना चाहिए। हमें भारत को ‘ज्ञान महाशक्ति’ बनाने की जरूरत है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री को धन्यवाद किया। साथ ही उन्होंने सीडीएस स्वर्गीय बिपिन सिंह रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 12 वीर योद्वाओं को याद कर श्रद्धांजलि दी। राज्यपाल ने माताश्री मंगला को डी. लिट की उपाधि दिए जाने पर कहा कि मुझे बहुत खुशी है कि माताश्री मंगला समाज सेवा में अग्रसर हैं। वह दिल से सेवा कार्य करती हैं। भारत में ही नहीं बल्कि विश्व में सेवारत हैं। प्रभु सब देखता है, प्रभु का आशीर्वाद हमेशा आप पर बना रहेगा।
उत्तराखंड के उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त करने वाले मेधावी छात्रों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने समारोह में सम्मिलित होकर एक सुखद एहसास की अनुभूति जाहिर की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर गंभीरता से काम कर रही है। पिछले साढ़े चार साल से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किए गए हैं।
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