डॉ. संजीव कुमार जोशी के काव्य संग्रह ‘एक समंदर मेरे अंदर’ का हुआ विमोचन

डॉ. संजीव कुमार जोशी के काव्य संग्रह ‘एक समंदर मेरे अंदर’ का हुआ विमोचन

डॉ. संजीव कुमार जोशी ‘निश्छल’ द्वारा लिखित 75 कविताओं का एक उत्कृष्ट संग्रह ‘एक समंदर मेरे अंदर’ का विमोचन सेमिनार हॉल, इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, लोधी रोड़, नई दिल्ली में संपन्न हुआ। यह कार्यक्रम मंजुल पब्लिशिंग हाउस तथा एसजीटी यूनिवर्सिटी के सहयोग से पूर्ण किया गया।

इस कविता संग्रह का विमोचन रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, सीडीएस जनरल अनिल चौहान, फिल्म अभिनेता एवं लेखक आशुतोष राणा, इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष पदमश्री राम बहादुर राय द्वारा किया गया। डॉ. संजीव कुमार जोशी वर्तमान में ब्रह्मोस एयरोस्पेस में डिप्टी सी.ई.ओ. के पद पर कार्यरत हैं।

डॉ. संजीव कुमार जोशी की 75 उत्कृष्ट कविताओं से युक्त इस कविता संग्रह को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट, एनएसए अजीत डोभाल, सीडीएस जनरल अनिल चौहान, राम बहादुर राय और आशुतोष राणा सहित उल्लेखनीय हस्तियों से प्रशंसा मिली। सभी लोगों ने डॉ. संजीव जोशी की रचनात्मकता और काव्य अभिव्यक्ति की अनूठी शैली पर प्रकाश डाला गया।

डॉ. संजीव कुमार जोशी ’निश्छल’ का यह पहला कविता संग्रह है, जो कई अर्थों में अनूठा है। उनके शब्दों में कहें, तो यह साहित्य, संगीत और कला का शानदार सम्मिश्रण है। आज़ादी के अमृत महोत्सव में एक से बढ़कर एक 75 नायाब कविताओं से सजी इस पुस्तक में कवि ने महिलाओं की समस्याओं, समसामयिक विषयों, दर्शन और जीवन में समय-समय पर उत्पन्न होने वाले मनोभावों को काव्यात्मक शैली में बहुत ही सलीके से ढाला है। वैज्ञानिक होने के नाते कवि ने अपनी रचनाओं की प्रस्तुति में नवाचार किया है।

उन्होंने अल्पज्ञात चित्रकार संजय अहलूवालिया और अल्प विख्यात, लेकिन मंझे हुए रंगकर्मी और स्वरसाधक धर्मेन्द्र मीना (रंगमच नाम-राहुल आमठ) की कला को संजोकर पुस्तक के माध्यम से प्रस्तुत किया है। हर कविता के साथ उसके भावों को चित्रित करती जहां अहलूवालिया की अमूर्त कला है, वहीं कुछ कविताओं को राहुल आमठ ने स्वर दिया है। पाठक अपने मोबाइल पर क्यूआर कोड स्कैन करके इसका आनंद ले सकते है। यही बात इस कविता संग्रह को ख़ास बनाती है।

काव्य संग्रह के विमोचन पर रक्षा क्षेत्र से सचिव डीआरडीओ डॉ एस वी कामत, पूर्व सचिव डीआरडीओ डॉ जी सतीश रेड्डी, नौसेना के उपप्रमुख वाईस एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी, वायु सेना के उपप्रमुख एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित, लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) अनिल भट्ट, महानिदेशक भारतीय अंतरिक्ष एसोसिएशन, उत्तराखंड के पूर्व मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान, डीआरडीओ के महानिदेशकों सहित अनेक वरिष्ठ वैज्ञानिक तथा साहित्य और कला जगत के अनेक नामचीन व्यक्तित्व शामिल हुए।

डॉ. संजीव कुमार जोशी पेशे से रक्षा वैज्ञानिक हैं और हृदय से कवि। उनके 35 से ज़्यादा शोध देश तथा विदेश के प्रतिष्ठित जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके हैं। उनका पदार्थ विज्ञान, रक्षा तकनीकी प्रबंधन एवं प्रशासन, आपदा एवं महामारी प्रबंधन और स्टार्ट अप मेंटरिंग के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान है। उन्हें रक्षा विज्ञान तथा आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में पुरस्कारों से भी नवाज़ा गया है।

डॉ. संजीव कुमार जोशी पहले ‘अकेला’ और बाद में ‘निश्छल’ उपनाम से कविताएं लिखने लगे। अंतर्मुखी होने के कारण या विज्ञान की पढ़ाई के कारण मुशायरों में ज़्यादा जाना संभव न हो सका, इसलिए उनकी कविताएं कम पढ़ी या सुनी गई हैं। अब वह फेसबुक या अन्य सोशल मीडिया माध्यमों के द्वारा अपनी कविताएं पोस्ट करते रहते हैं।

डॉ संजीव जोशी ने कुमाऊं विश्वविद्यालय से भौतिकी में परास्नातक तथा जी.बी. पंत विश्वविद्यालय, पंतनगर से एम.टेक. तथा एन.आई.टी. कुरूक्षेत्र से भौतिकी में डॉक्टरेट उपाधि हासिल की है। मूल रूप से अल्मोड़ा, कुमाऊं से आने वाले डॉ. जोशी वर्तमान में ब्रह्मोस एयरोस्पेस में डिप्टी सी.ई.ओ. के पद पर कार्यरत हैं।

यह उनका पहला काव्य संग्रह है, जिसमें वे कहते हैं कि यह पुस्तक साहित्य, संगीत और कला का सम्मिश्रण है। इस काव्य संग्रह में उन्होंने नारी समस्याओं, समसामयिक विषयों, दर्शन और जीवन के समय-समय पर उत्पन्न मनोभावों को प्रस्तुत किया है।

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