उत्तराखंड में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही कंटेनमेंट जोन की संख्या बढ़ रही है। राज्य में अभी तक कुल 44,040 सैंपलों को जांच के लिए भेजा जा चुका है, जिसमें से 36,834 सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आई है। जबकि 4136 सैंपल की रिपोर्ट आना अभी बाकी है। इस बीच सीएम रावत ने एक बड़ा फैसला लिया है।
उत्तराखंड में कोरोना के मामले 2000 के करीब पहुंचने वाले हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बड़ा फैसला लिया है। सीएम ने कहा है कि अगले 10 दिनों के भीतर राज्य के प्रत्येक व्यक्ति का टेस्ट किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद है कि हर शख्स खासतौर से बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों की स्क्रीनिंग की जाए। इसके लिए हमने 10 दिन का टारगेट तय किया है।
प्रदेश में सोमवार को कोरोना के कुल मामलों की संख्या 1819 पहुंच गई है। 708 केस एक्टिव हैं जबकि 1111 लोग संक्रमण से ठीक हो चुके हैं, जो राहत की बात है। कोरोना से पीड़ित 25 लोगों की मौत हो चुकी है।
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रविवार को 1053 सैंपल की जांच रिपोर्ट मिली है, जिनमें 1019 सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव और 34 की पॉजिटिव आई है। देहरादून में 14 मामलों में कोरोना की पुष्टि हुई है। गौर करने वाली बात यह है कि प्रदेश में लौटे दिल्ली, मुंबई, गुजरात से ज्यादातर लोग संक्रमित मिले हैं।
उधर, क्वारंटीन लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। क्वारंटाइन दो और लोगों की रविवार को मौत हो गई। चमोली और हरिद्वार जिले में यह घटनाएं हुईं। इन्हें मिलाकर उत्तराखंड में अब तक 15 लोग क्वारंटीन के दौरान मर चुके हैं। सीएम ने एक दिन पहले ही इस पर गंभीर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था कि क्वारंटीन सेंटरों पर निगरानी बढ़ाई जाए।
कोविड-19 से संबंधित लक्षण पर अनिवार्य सैंपलिंग
मुख्यमंत्री ने कहा है कि सर्विलांस में जिन लोगों में कोविड-19 से संबंधित लक्षण दिखाई दें, उनकी हेल्थ टीम के माध्यम से अनिवार्य रूप से सैंपलिंग कराई जाए। फ्रंटलाइन वर्कर्स को आवश्यकताअनुसार थर्मल स्कैनर, फेस शील्ड, पीपीई किट, मास्क आदि जरूर उपलब्ध कराए जाएं। इससे उनका कार्य के प्रति उत्साह बढ़ता है। ओपीडी में ड्यूटी करने वाले चिकित्सकों को भी फेस शील्ड उपलब्ध हों।
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