रूद्रप्रयाग जनपद में वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए वन विभाग लगातार प्रयासरत है। विभाग ने जंगल में वनाग्नि को बुझाने के लिए अलग-अलग टीमें गठित की हैं। वहीं आग लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है। आज तीन लोगों को जंगल में आग लगाने पर मौके से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
इस वर्ष कुल 19 मुकदमें दर्ज, 3 मुकदमें नामजद, 16 मुकदमों में जांच गतिमान
उत्तराखंड के जंगलों में आजकल आग एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। पहाड़ के कई जंगलों में आग की लपटें देखी जा रही है जिससे कि यहां रहने वाले मनुष्यों एवं वन्य जीवों को काफी नुकसान होता है। आग की घटनाओं से निपटने के लिए प्रशासन अपनी ओर से ठोस कार्रवाई कर रहा है।
जैसे ही वन विभाग के अधिकारियों को आग लगने की घटना की जानकारी हुई उन्होंने तुरन्त ही कार्रवाही करते हुए जंगल में आग लगाने वाले लोगों को पकड़ लिया और उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाही की। प्रभागीय वनाधिकारी, रुद्रप्रयाग के नेतृत्व में गठित वनाग्नि सुरक्षा दल द्वारा नरेश भट्ट पुत्र मोलाराम भट्ट को जंगल में आग लगाते हुए तडियाल गांव, तहसील-जखोली से मौके पर पकड़ा गया। अभ्यिक्त का कहना है कि बकरियों को नयी घास हेतु उसने जंगल में आग लगायी। मौके पर वन क्षेत्राधिकारी, दक्षिणी जखोली द्वारा अपराधी को हिरासत में लेकर जेल भेजने की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी तथा भारतीय वन अधिनियम 1927 के अन्तर्गत वन अपराध दर्ज किया गया। वहीं उत्तरी जखोली के डंगवाल गांव में हेमन्त सिंह पुत्र उदय सिंह एवं भगवती लाल पुत्र चंदरू लाल को जंगल में आग लगाते हुए मौके पर पकड़कर जेल भेजा गया।
प्रभागीय वनाधिकारी रुद्रप्रयाग अभिमन्यु ने बताया कि जंगल में आग लगाने अपराधियों के विरुद्ध वन अधिनियम की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत अपराध दर्ज कर दंडित किया जाएगा। अपराधियों को पकड़ने के लिये प्रभाग स्तर पर वनाग्नि सुरक्षा दल गठित किया गया है। अभी तक इस वर्ष कुल 19 मुकदमें दर्ज किये गये है जिसमें से 3 मुकदमें नामजद है तथा 16 मुकदमों में जांच गतिमान है।
वनाग्नि क्रू-स्टेशन एवं मोबाईल क्रू-स्टेशन के द्वारा वनाग्नि नियंत्रण किया जा रहा है साथ ही उडनदस्ता दल द्वारा समस्त रेंजों में सेटेलाईट, कैमरों एवं दूरबीन के माध्यम से अपराधियों को पकड़ने का कार्य किया जा रहा है। वनाग्नि रोकथाम वन विभाग के प्रयासों के साथ-साथ जन सहभागिता एवं जनभागीदारिता आवश्यक है।
वनाग्नि सुरक्षा दल में उप प्रभागीय वनाधिकारी देवेन्द्र सिंह, उप प्रभागीय वनाधिकारी पवन नेगी, उप प्रभागीय वनाधिकारी मोहन सिंह, उप वन क्षेत्राधिकारी दक्षिणी जखोली केसी नैनवाल, वन आरक्षी सुरजन सिंह नेगी तथा अन्य सदस्य मौजूद थे।
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