अभी तक यह कयास लगाए जा रहे थे कि 1986 बैच के आईएएस उत्पल कुमार सिंह को उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग का अध्यक्ष बनाया जाएगा। शुक्रवार को उनकी लोकसभा में सचिव के पद पर नियुक्त का आदेश जारी हो गया।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह को केंद्र में एक बड़ी जिम्मेदारी देते हुए लोकसभा का सचिव बनाया गया है। 31 जुलाई को सेवानिवृत्त हुए उत्पल कुमार की गिनती ईमानदार अधिकारियों में होती है। राज्य में मुख्य सचिव पद पर रहने के दौरान वह केदारनाथ पुनर्निर्माण के कार्यों को देख रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह ड्रीम प्रोजेक्ट है। इस पूरे काम की निगरानी पीएमओ से होती है।
अभी तक यह कयास लगाए जा रहे थे कि 1986 बैच के आईएएस उत्पल कुमार सिंह को उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग का अध्यक्ष बनाया जाएगा। शुक्रवार को उनकी लोकसभा में सचिव के पद पर नियुक्त का आदेश जारी हो गया। अनुबंध के आधार पर हुई इस नियुक्ति में उन्हें पे-मैट्रिक्स के 17वें स्तर पर रखा गया है। लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि उनकी नियुक्ति के नियम और शर्तों का विस्तृत ब्यौरा बाद में जारी किया जाएगा।
2017 में उत्तराखंड के प्रमुख सचिव बनने वाले उत्पल कुमार सिंह मूल रूप से झारखंड के पाकुर के रहने वाले हैं। वह केंद्र में कृषि मंत्रालय में तैनात रहे। इसके अलावा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे भुवन चंद्र खंडूड़ी के प्रमुख सचिव की जिम्मेदारी संभाली। उन्होंने उत्तराखंड में प्रमुख सचिव कार्मिक, लोक निर्माण विभाग, ऊर्जा, कृषि, उद्यान, पर्यटन, गृह समेत कई विभागों में वरिष्ठ पदों पर काम किया है। ईमानदार अफसर की छवि रखने वाले उत्पल कुमार उत्तराखंड के अलग होने से पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सबसे संवेदनशील कहे जाने वाले मुजफ्फरनगर जिले के अलावा शाहजहांपुर, सिद्धार्थनगर, आजमगढ़ के जिलाधिकारी भी रहे।
लोकसभा अध्यक्ष की स्वीकृति के बाद जारी इस आदेश के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि विद्युत नियामक आयोग के पद पर अब किसी ओर अधिकारी कि नियुक्ति होगी। आयोग का नआ अध्यक्ष कौन होगा इसे लेकर अटकलबाजी का दौर शुरू हो गया है।
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