गंगोत्री में पीएम मोदी के नाम से पहली पूजा, पीएमओ से भेजा गया दान

गंगोत्री में पीएम मोदी के नाम से पहली पूजा, पीएमओ से भेजा गया दान

पुरोहित समाज का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी कोरोना महामारी के समय में देश को एकता के सूत्र में बांधे हुए हैं, इसलिए यह फैसला किया गया कि पहली पूजा उनके नाम से की जाए। प्रधानमंत्री कार्यालय से मंदिर समिति को 1100 रुपये दान स्वरूप भेजे गए हैं।

उत्तराखंड की विश्वविख्यात चारधाम यात्रा की शुरुआत हो गई है। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट तय समय पर विधि-विधान के साथ रविवार को खुल गए। गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही यहां पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से हुई है। पुरोहित समज के प्रतिनिधियों का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी वैश्विक महामारी कोरोना के समय में देश को एकता के सूत्र में बांधे हुए हैं, इसलिए यह फैसला किया गया कि पहली पूजा उन्हीं के नाम से की जाए। खास बात यह है कि प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से मंदिर समिति को 1100 रुपये दान स्वरूप भेजे गए हैं।

मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने हिल-मेल को बताया कि धाम के कपाट 12 बजकर 35 मिनट पर विधि-विधान के साथ खोले गए। अक्षय तृतीया के इस शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीपांच मंदिर समिति गंगोत्री को 1100 रुपये दान स्वरूप भेंट किए। प्रशासन की ओर से इस दौरान पूरी सावधानी बरती गई। डोली लाने के लिए पुरोहित समाज के 21 लोगों की अनुमति दी गई। जबकि मंदिर परिसर में पूजा के लिए छह पुरोहितों को ही जाने दिया गया। प्रशासन की ओर से एसडीएम देवेंद्र सिंह नेगी आरती में शामिल हुए। उन्होंने ही पीएम द्वारा भेजी गई दान की राशि मंदिर समिति को भेंट की।

सुरेश सेमवाल ने बताया कि सह सचिव राजेश सेमवाल, अध्यक्ष गंगा पुरोहित सभा पवन सेमवाल, सदस्य मंदिर समिति राकेश सेमवाल, सचिव मंदिर समिति दीपक सेमवाल, एसडीएम देवेंद्र नेगी, पुलिस उपाधीक्षक कमल सिंह पंवार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डीपी जोशी ही कपाट खुलने के समय उपस्थित रहे।

दूसरी ओर मां यमुना की डोली अपने शीतकालीन प्रवास खरसाली से शनिदेव महाराज की अगुवाई मे 8:05 पर यमुनोत्री धाम को रवाना हुई, जो 11 बजे यमुनोत्री धाम पहुंची। जहां हवन, पूजा के बाद वैदिक मंत्रोचार के साथ 12:41 पर यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए। इस अवसर पर एसडीएम सोहन सिंह सैनी, पुलिस उपाधीक्षक अनुज आर्य, यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव कृतेश्वर उनियाल, जगमोहन उनियाल, श्याम सुंदर उनियाल, बागेश्वर उनियाल आदि मौजूद रहे।

कोरोना संक्रमण को लेकर चारधाम यात्रा में पूरी सतर्कता बरती जा रही है। इस यात्रा को अभी यात्रियों के लिए नहीं खोला गया है। सरकार यात्रियों को चारों धामों के ऑनलाइन दर्शन कराने पर विचार कर रही है। केदारनाथ के धाम 29 अप्रैल को खुलने हैं, जबकि बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि अब 15 हो गई है। बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि और भगवान नारायण के अभिषेक को तिलों का तेल निकालने के तिथि वसंत पंचमी पर टिहरी राज परिवार द्वारा निश्चित की जाती है। हालांकि इस बात तिथि को बदला गया है। अब तेल निकालने की तिथि पांच मई है।

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