कोरोना संकट के बीच उत्तराखंड के दो विश्व प्रसिद्ध धाम आज से खुल गए। हालांकि सब कुछ बेहद एहतियात के साथ और गिने-चुने लोगों की मौजूदगी में हुआ। चारधाम यात्रा इसके साथ ही शुरू हो गई लेकिन लोगों को इजाजत नहीं है। जानलेवा वायरस से बचने के लिए लोग घरों में हैं। सरकार ने कहा है कि इस लड़ाई को जीतने के लिए ‘लक्ष्मण रेखा’ न लांघें।
चार धाम यात्रा शुरू होने का इंतजार देश-विदेश के लोगों को सालभर रहता है लेकिन इस साल हालात अलग हैं। देश और पूरी दुनिया कोरोना से जंग लड़ रही है। यह कोरोना एक इंसान से दूसरे इंसान में तेजी से फैल रहा है और हर रोज हजारों लोगों की मौत की खबरें आ रही हैं। ऐसे में इस साल सीमित रूप में पूरे एहतियात के साथ चार धाम यात्रा विधि-विधान के साथ आज शुरू हुई।
गंगोत्री मंदिर के कपाट आज दोपहर ठीक 12 बजकर 35 मिनट पर खुल गए। गंगोत्री मंदिर के कपाट खुलते समय कोरोना महामारी के चलते कोई भी श्रद्धालु मौजूद नहीं था जबकि पहले तांता लगा रहता था। एक दिन पहले शनिवार को मां गंगा की उत्सव डोली अपने शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव से गंगोत्री धाम के लिए रवाना हो गई थी। परंपरा और रीति-रिवाज के हिसाब से रात्रि विश्राम भैरव घाटी स्थित भैरव मंदिर में हुआ। डोली सुबह गंगोत्री धाम पहुंची।
गंगोत्री धाम में सुबह 9 बजे से ही गंगा पूजन, गंगा सहस्त्रनाम पाठ और आराधना का दौर शुरू हो गया था। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच 12 बजकर 35 मिनट पर गंगोत्री धाम के कपाट खोले गए। आपको बता दें कि कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए पूजा-पाठ और डोली लाने के दौरान सामाजिक दूरी का पूरा पालन किया गया। डोली के साथ 4 लोग ही थे, वे भी मास्क लगाए हुए दूर-दूर चल रहे थे।
उधर, मां यमुना की डोली रविवार को अक्षय तृतीय के पर्व पर शीतकालीन प्रवास खुशीमठ गांव से प्रात: 8.05 बजे शनिदेव की अगुआई में पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ यमुनोत्री धाम के लिए रवाना हुई और 11 बजे यमुनोत्री धाम पहुंची। यहां दोपहर 12.41 बजे यमुनोत्री धाम के कपाट खोले गए। लंबे समय से यह परंपरा चली आ रही है कि यमुनोत्री और गंगोत्री का पतित पावन मंदिर अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर खुलता है और दीपावली के दिन मंदिर के कपाट बंद होते हैं।
आपको बता दें कि बदरीनाथ धाम और केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तारीख संशोधित की गई है और अब भगवान के दर्शन 14-15 मई को हो सकेंगे। उम्मीद की जा रही है कि लोग ऐसे ही सामाजिक दूरी का पालन करते रहे तो जल्द ही देश कोरोना से जंग जीत जाएगा। अगर ऐसा होता है तो 3 मई को लॉकडाउन खुलने के बाद हालात सामान्य होने लगेंगे और एक बार फिर भगवान के दर पर भक्तों की भीड़ नजर आएगी। हालांकि इस समय घर पर रहने में ही समझदारी है।
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