नरेंद्र सिंह नेगी के भावुक ‘टिहरी डूबनू’ व ‘भव्य लेजर शो’ के साथ हुआ गढ़वाल की ऐतिहासिक ‘भव्य रामलीला’ का शुभारंभ

नरेंद्र सिंह नेगी के भावुक ‘टिहरी डूबनू’ व ‘भव्य लेजर शो’ के साथ हुआ गढ़वाल की ऐतिहासिक ‘भव्य रामलीला’ का शुभारंभ

देश भर में शारदीय नवरात्रि के शुरू होते ही रामलीला का मंचन शुरू हो जाता है। आजकल देश के कोने-कोने में रामलीला की धूम मची हुई है। शारदीय नवरात्रि के समय रामलीला मंचन की परंपरा सदियों से चली आ रही है।

आजकल उत्तराखंड के कई स्थानों में रामलीला का आयोजन किया जा रहा है लेकिन टिहरी की पुरानी रामलीला जो पहले टिहरी झील में होती थी टिहरी झील के बन जाने के बाद अब पिछले साल से यह रामलीला देहरादून में हो रही है। यह रामलीला यहां के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। इस रामलीला को जैसे टिहरी में खेला जाता था वैसे ही यहां पर भी खेला जा रहा है। इससे दर्शकों में उत्साह बना हुआ है।

‘श्री रामकृष्ण लीला समिति टिहरी 1952, देहरादून (पंजी.)’ द्वारा गढ़वाल की ऐतिहासिक राजधानी – पुरानी टिहरी प्राचीन रामलीला को टिहरी के जलमग्न होने के बाद देहरादून में पुनर्जीवित करने का संकल्प लिया है और इस हेतु देहरादून के टिहरी-नगर के ‘आजाद मैदान, टिहरी नगर, निकट बंगाली कोठी, दून यूनिवर्सिटी रोड, देहरादून’ में 11 दिन की ‘भव्य रामलीला’ का मंचन शारदीय नवरात्रों में 03 से 13 अक्टूबर 2024 तक किया जा रहा है।

‘श्री रामकृष्ण लीला समिति टिहरी 1952, देहरादून’ के अध्यक्ष अभिनव थापर ने कहा की गढ़वाल की ऐतिहासिक राजधानी रामलीला 1952 से पुरानी टिहरी की रामलीला 1952 के ‘आजाद मैदान में 2002 तक टिहरी के डूबने तक होती रही और टिहरी के जलमग्न होने के बाद देहरादून में इसको 21 वर्षों बाद भव्य रूप से 2023 में पुनर्जीवित किया गया। 2023 में आयोजित भव्य रामलीला में विशेष आकर्षण के रूप में उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार लेजर शो व डिजिटल लाइव टेलीकास्ट का प्रसारण किया गया था जिससे विभिन्न माध्यमों के द्वारा रामलीला मंचन को 2023 में रिकॉर्ड 10 लाख लोगों तक पहुंचने में सफलता पाई।

इससे गढ़वाल के इतिहास को भव्य रूप से पुनर्जीवित करने का मौका मिलेगा और आने वाली पीढ़ियों के लिए मनोरंजन से अपने इतिहास और सनातन धर्म की परंपराओं के साथ जुड़ने का अवसर भी मिलेगा। इस बार 2024 में रामलीला-मंचन में विशेष आकर्षण के रूप में उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार डिजिटल लाइव टेलीकास्ट सिस्टम से रामलीला मंचन का प्रसारण को 50 लाख से अधिक दर्शकों द्वारा देखा जाएगा।

इस अवसर पर विधायक विनोद चमोली ने कहा कि ऐतिहासिक गढ़वाल की धरोहर का पुनर्जीवित होना, हम सबके लिए गर्व की बात है। गढ़वाली के प्रसिद्ध लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी ने ‘टिहरी डूबनू’ के शानदार प्रस्तुति से सभी दर्शकों को भावुक कर दिया। पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने भव्य आयोजन से इतिहास को जोड़ने को पहल की सराहना करी। भगवानपुर विधायक ममता राकेश ने कहा कि ऐसे भव्य रामलीला मंचन से समाज में युवाओं में भी रामलीला का प्रसार होगा। ओहो के संस्थापक और प्रसिद्ध रेडियो जॉकी रा.जे. काव्या ने कहा कि इस भव्य रामलीला आयोजन से उत्तराखंड की संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा।

रामलीला प्रथम दिवस में आज कैलाश लीला व राम-सीता जन्म का मंचन हुआ। इस बार रामलीला में विशेष आकर्षण के रूप में उत्तराखंड के ऐतिहासिक लेजर शो व डिजिटल लाइव टेलीकास्ट का प्रसारण किया जाएगा। उल्लेखनीय है की अजबपुर, देहरादून स्थित ‘टिहरी नगर’ में रामलीला में चौपाई, कथा, संवाद, मंचन आदि सब पुरानी टिहरी की 1952 से चली आ रही प्रसिद्ध व प्राचीन रामलीला के जैसा ही हुआ, जिससे गढ़वाल के लोगों का अपनत्व देहरादून में भी जुड़ा रहे। कार्यक्रम में अध्यक्ष अभिनव थापर, अतिथिगणों में लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी, विधायक धर्मपुर विनोद चमोली, विधायक भगवानपुर ममता राकेश व अन्य ने भाग लिया।

जय श्री राम!

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