रैबार में दिखी ‘ब्रांड उत्तराखंड’ झलक, पहाड़ के अलग-अलग हिस्सों से आये लोगों ने प्रदर्शिनी में लिया हिस्सा

रैबार में दिखी ‘ब्रांड उत्तराखंड’ झलक, पहाड़ के अलग-अलग हिस्सों से आये लोगों ने प्रदर्शिनी में लिया हिस्सा

हिल-मेल कई साल से रैबार कार्यक्रम का आयोजन करता आ रहा है और अब इस बार रैबार कार्यक्रम में संवाद के अलावा उत्तराखंड के आर्गेनिक उत्पादों की प्रदर्शिनी भी लगाई गई। जिसमें लोगों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया।

हिल-मेल प्रवासी उत्तराखंडियों को लेकर लगातार विचार गोष्ठियों का आयोजन करता रहता है इस बार भी दिल्ली के अंबेडकर सेंटर में रैबार कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें उत्तराखंड की कई प्रबुद्ध हस्तियों ने हिस्सा लिया और उत्तराखंड कैसे विकास की राह में आगे बढ़े उस पर मंथन किया गया। सभी गणमान्य व्यक्ति उत्तराखंड को लेकर काफी चिन्तित भी दिखे और सभी लोगों ने उत्तराखंड से हो रहा पलायन पर चिंता व्यक्त की और इस पर सभी लोगों से मंथन किया कि उत्तराखंड में पलायन को कैसे रोका जाये।

रैबार कार्यक्रम में ‘ब्रांड उत्तराखंड’ की प्रदर्शिनी भी लगाई गई थी जिससे कि ‘ब्रांड उत्तराखंड’ को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। जिसमें उत्तराखंड के ओर्गेनिक उत्पाद और हस्तशिल्प की प्रदर्शिनी शामिल थी जिससे उत्तराखंड की संस्कृति, कला, व्यंजन, संगीत, लोक परंपराओं, हस्तशिल्प और कृषि-उत्पादों को प्रदर्शित किया गया। उत्तराखंड के दूर दराज के इलाकों से आये लोगों ने प्रदर्शिनी में हिस्सा लिया। इस प्रदर्शिनी में राज्य के कोने कोने से आये 15 उद्यमियों ने अपने स्टॉल लगाये और उत्तराखंड के आर्गेनिक और हस्तशिल्प कलाकृतियों की प्रदर्शिनी लगाई। इस प्रदर्शिनी को देखने के लिए सैकड़ों लोग पहुंचे।

जिन 15 स्टालों की प्रदर्शिनी लगाई गई थी उसमें दीघार्यु हिमालय आर्गेनिक, गौमुख डायरी, जीबी पंत यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकलचर एवं टेक्नोलोजी, पहाड़ी घरात, युवा हिमालय, यामिनी ऐपण कालाकर, उमंग स्वायत्त संस्थान, यंग उत्तराखंड, हिमालय आर्गेनिक, योग्या हर्बल आयल, आनाघा, मुनस्यारी हाउस, मंजू आर शाह, समृद्ध कृषक उत्पादक संगठन, प्रगतिशील कृषक उत्पादक संगठन सहकारी समिति लिमिटेड आदि ने अपने स्टॉल लगाये गये थे। यहां पर लगे स्टॉलों में उत्तराखंड की संस्कृति की झलक देखने को मिली और सभी लोगों ने इनके इस प्रयास की काफी सराहना की। रैबार कार्यक्रम में प्रदर्शिनी लगाने के लिए सभी स्टॉल वालों ने इसके लिए हिल-मेल की टीम का धन्यवाद दिया और कहा कि हम लोग आगे भी ऐसे ही मिलकर काम करते रहेंगे और उत्तराखंड के इन उत्पादों को देश विदेश में पहुंचाने की कोशिश करते रहेंगे। स्टॉल लगाने वाले सभी लोगों को हिल-मेल द्वारा सर्टिफिकेट प्रदान किया गया।

रैबार कार्यक्रम में उत्तरकाशी जिले के दो स्टॉल लगे हुए थे। पहला हिमालय आर्गेनिक की प्रमोटर स्वेता बंधानी का और दूसरा अमन बंधानी एवं युवा हिमालय के युवा उद्यमी योगेश बंधानी एवं उनकी धर्मपत्नी ऋचा बंधानी का। स्वेता बंधानी ने पहाड़ की आर्गेनिक दालें, राजमा, सूंटा, झंगोरा और कौणी का स्टॉल लगाया था तो योगेश बंधानी ने सेब, जूस, मिर्च और चुल्लू आदि कई चीजों के स्टॉल लगाये। सीमांत जनपद उत्तरकाशी से आपको सीधे ले चलते हैं सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के मुनस्यारी। मुनस्यारी से आए हुए मुनस्यारी हाउस के कर्ताधर्ता प्रयाग रावत एवं उनकी धर्मपत्नी शोभा रावत ने मुनस्यारी के उत्पाद का स्टॉल लगाया था, जिसमें अनेक प्रकार के गर्म कपड़े, जम्बू फरण, राजमा, असली नमक एवं गंदरणी शामिल थे।

इसके अलावा डीडीहाट और द्वाराहाट की दो प्रसिद्ध महिलाओं से भी रू-ब-रू करवाते हैं जो लीफ आर्टिस्ट के तौर अपनी विशेष पहचान बना चुकी हैं जिनका नाम जया वर्मा एवं पीरुल वुमेन के नाम से विख्यात मंजू आर. साह है। मंजू पीरुल वुमेन के नाम से प्रसिद्ध हैं तो जया वर्मा लीफ आर्टिस्ट के लिए जानी जाती हैं। अब हम पहाड़ से धीरे-धीरे नीचे उतरते हुए मैदान की ओर आ रह हैं और गढ़वाल के प्रवेश द्वारा हरिद्वार एवं ऋषिकेश पहुंच चुके हैं। ऋषिकेश से 18 किलोमीटर की दूरी पर यमकेश्वर ब्लाक में स्थित तल्ला-बनास गांव में एक गौमुख डेयरी है, जो गीर और साहिवाल गायों के लिए प्रसिद्ध हैं, वहां का ए-2 मिल्क एवं उससे बने डेयरी उत्पाद बहुत ही प्रसिद्ध हैं। उनके स्टॉल में कीड़ा जड़ी, गुच्छी मशरूम, घी, गींठी और तैडू आदि कई चीजों की प्रदर्शिनी लगी हुई थी।

ऋषिकेश से हरिद्वार होते हुए हम पहुंचते हैं दिल्ली-एनसीआर में। पहाड़ से दिल्ली-एनसीआर में आकर बसे पहाड़ के कुछ और लोगों से भेंट हुई, जो अपनी जन्मभूमि को छोड़कर दिल्ली-एनसीआर को अपनी कर्मभूमि बना चुके हैं। इनमें उत्तराखंड बॉक्स के युवा उद्यमी विवेक पटवाल एवं ऐपण कलाकार यामिनी पांडेय ने भी स्टॉल लगा रखे थे। उत्तराखंड बॉक्स गाजियाबाद के इंद्रापुरम में हैं जहां आपको पहाड़ के हर तरह के सामान मिलेंगे, जिनमें पहाड़ की हर तरह की दालों से लेकर पहाड़ के पारंपरिक कपड़े, आर्टिफिशियल ज्वेलरी आदि सब एक स्थान पर मिलेंगे। गाजियाबाद से थोड़ा आगे बढ़ते हुए हम जा पहुंचे गुड़गांव से आई हुई यामिनी पांडेय के स्टॉल पर। वह एक बेहतरीन ऐपण कलाकार हैं और ऐपण के माध्यम से उत्तराखंड की ऐपण संस्कृति को आगे बढ़ा रही हैं।

इसके अलावा प्रदर्शिनी में दीघायु हिमालय आर्गेनिक, जीबी पंत यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकलचर एवं टेक्नोलोजी, पहाड़ी घरात, उमंग स्वायत्त संस्थान, यंग उत्तराखंड, हिमालय आर्गेनिक, योग्या हर्बल आयल, आनाघा, समृद्ध कृषक उत्पादक संगठन, प्रगतिशील कृषक उत्पादक संगठन सहकारी समिति लिमिटेड आदि के स्टॉल लगे हुए थे।

ज्ञातव्य रहे कि कोरोना काल के बाद आर्गेनिक उत्पादों की मांग काफी बढ़ गई है और इसके बाद लोग आर्गेनिक उत्पादों को काफी महत्व दे रहे हैं। लोगों का कहना है कि अगर हमारा शरीर सही रहेगा तो हम कुछ भी काम सही तरह से कर सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि हम अच्छे खानपान को खायें जिससे कि हम लोगों का शरीर स्वस्थ रहे और हमको बीमारियों से लड़ने की शक्ति मिले। इसके लिए जरूरी है कि हम ऐसा खाना खाये जो शरीर के लिए लाभदायक हो और इसमें आर्गेनिक उत्पाद हमारे शरीर के लिए काफी लाभदायक हो सकते हैं।

रैबार का मकसद देश और दुनिया में अलग अलग क्षेत्रों में रहने वाले प्रबुद्ध लोगों को जोड़ना है। रैबार का अर्थ होता है बुलाना या निमंत्रण देना। इसीलिए देश दुनिया में उत्तराखंड के जो लोग हैं वह राज्य में आकर क्या सेवा कर सकते हैं उसके बारे में रैबार कार्यक्रम में मंथन किया जाता है। रैबार का पहला आयोजन नवम्बर 2017 में देहरादून में किया गया था जिसमें देश भर के प्रबुद्ध लोगों ने हिस्सा लिया और उत्तराखंड राज्य किस प्रकार से प्रगति और उन्नति करे, इन मुद्दों को लेकर प्रबुद्ध लोगों के साथ संवाद किया गया। दिल्ली में हिल-मेल द्वारा किया गया यह छटा रैबार था।

Hill Mail
ADMINISTRATOR
PROFILE

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked with *

विज्ञापन

[fvplayer id=”10″]

Latest Posts

Follow Us

Previous Next
Close
Test Caption
Test Description goes like this