सेना के प्रवक्ता ने बताया कि नए आदेश के पालन के लिए जल्द ही सलेक्शन बोर्ड तैयार किया जाएगा। नए आदेश के दायरे में आने वाली सभी एसएससी महिला अधिकारी जैसे ही उपयुक्त दस्तावेज तैयार कर लेंगी, वैसे ही उनके सलेक्शन बोर्ड को शेड्यूल कर दिया जाएगा।
अब सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन मिलेगा। सरकार ने इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। सेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने बताया कि सरकार के आदेश के बाद महिला अधिकारियों के सेना में बड़ी भूमिका निभाने का रास्ता खुल गया।
कर्नल आनंद ने कहा, आदेश में स्पष्ट तौर पर सेना के सभी 10 विभागों में शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) से आईं महिलाओं को स्थायी कमीशन देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि जिन 10 विभागों में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन दिया जाएगा उनमें आर्मी एयर डिफेंस, सिग्नल्स, इंजीनियर्स, आर्मी एविएशन, इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल इंजीनियर्स, आर्मी सर्विस कॉर्प्स और इंटेलिजेंस कॉर्प्स शामिल हैं। जज, एडवोकेट जनरल और आर्मी एजुकेशनल कॉर्प्स जैसे विभागों में महिला अफसरों को पहले से ही स्थायी कमीशन दिया जा रहा है।
Govt has issued formal sanction letter for grant of Permanent Commission to women officers in Indian Army, paving the way for empowering women officers to shoulder larger roles in the organisation: Indian Army spokesperson (1/3)
— ANI (@ANI) July 23, 2020
Their Selection Board will be scheduled as soon as all affected SSC women officers exercise their option and complete requisite documentation: Indian Army spokesperson (3/3)
— ANI (@ANI) July 23, 2020
सेना के प्रवक्ता ने बताया कि नए आदेश के पालन के लिए जल्द ही सलेक्शन बोर्ड तैयार किया जाएगा। नए आदेश के दायरे में आने वाली सभी एसएससी महिला अधिकारी जैसे ही उपयुक्त दस्तावेज तैयार कर लेंगी, वैसे ही उनके सलेक्शन बोर्ड को शेड्यूल कर दिया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने का ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। इसके लिए केंद्र को तीन महीने का समय दिया गया था। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सभी नागरिकों को अवसर की समानता, लैंगिक न्याय का सिद्धांत सेना में महिलाओं की भागीदारी का मार्गदर्शन करेगा। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने भी युद्ध अभियानों के लिए महिला अफसरों को स्थायी नियुक्ति की इजाजत नहीं दी थी। कोर्ट ने लड़ाकू भूमिका को अपने आदेश से अलग रखा था।
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