कोरोना के खिलाफ जंग अभी जारी है। दूसरी लहर भले ही कमजोर पड़ रही हो पर खतरा अभी टला नहीं है। ऐसे में शहरों ही नहीं गांवों के लोगों को भी जागरूक करने और संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सामग्रियों की जरूरत है। कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें दो जून की रोटी के लिए भी दिक्कत हो रही है। ऐसे में हिल मेल फाउंडेशन ने उत्तराखंड में मदद पहुंचाने का बीड़ा उठाया है।
कोरोना काल में हिल मेल फाउंडेशन लगातार उत्तराखंड के पहाड़ों, सुदूर दुर्गम गांवों में लोगों को मदद पहुंचा रहा है। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जन-जन तक बचाव के सामान पहुंचाने की यह मुहिम रंग ला रही है। हिल मेल के साथ कई संगठन भी आगे आ रहे हैं। हिल मेल फाउंडेशन और जीवन अमृत फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में बागेश्वर जिले के कांडा क्षेत्र के ग्राम क़ुनेडा, लेखसुना, डिगराली आदि में ससम्मान राहत सेवा के अंतर्गत राशन, पीपीई किट, मास्क और सेनेटाइजर सामग्री आदि का वितरण किया गया।
हिल मेल फाउंडेशन के इस अभियान की खुद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत तारीफ कर चुके हैं। हाल ही में उन्होंने फाउंडेशन की ससम्मान राहत सेवा को हरी झंडी दिखाई थी। कई जिलों में राशन और सैनिटाइजर आदि भेजा गया था।
अब लोग खुद सोशल मीडिया पर हिल मेल फाउंडेशन की इस पहल की तारीफ कर रहे हैं। बागेश्वर के रहने वाले शेखर कांडपाल ने हिल मेल फाउंडेशन के मदद बांटने की कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा कि हिल मेल फांउडेशन ने कांडा के लेखसुना, डिगराली और कुनेड़ा ग्रामसभा के 75 से ज्यादा गरीब परिवारों को निशुल्क राहत पहुंचाई।
उन्होंने लिखा है कि इस किट के अंदर आटा 5 किलो, चावल 5 किलो, रिफाइंड तेल 1 लीटर, चना दाल एक किलो, अरहर 1 किलो, चीनी 1 किलो, मिर्च पाउडर एक पैकेट, हल्दी पाउडर 1 पैकेट, धनिया पाउडर 1 पैकेट, चाय पत्ती 1 पैकेट, सोयाबड़ी 500 ग्राम, गुड़ 500 ग्राम, साबुन, सैनिटाइजर और मास्क दिए गए।
इसी तरह से कई और लोगों ने देश ही नहीं विदेश से हिल मेल फाउंडेशन की प्रशंसा की है। पंकज कांडपाल ने हिल मेल ‘पहाड़ की चिट्ठी’ नाम से सोशल मीडिया पर अंग्रेजी में लिखा है कि कांडा तहसील के गांवों में किसी राजनीतिक दल से नहीं हिल मेल फाउंडेशन से मदद पहुंची।
दरअसल, यह लोगों का प्यार ही है, जो कोरोना के मुश्किल समय में लोगों की मदद के लिए हिल मेल फाउंडेशन की टीम को प्रोत्साहित करता है। टीम के सदस्य हर रोज लंबी दूरी तय कर सुदूर इलाकों तक जा रहे हैं क्योंकि कोरोना के खिलाफ लड़ाई हमें मिलकर लड़नी है।
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