चमोली के लिए कैसे रहा यह साल और क्या रही इस साल की उपलब्धियां

चमोली के लिए कैसे रहा यह साल और क्या रही इस साल की उपलब्धियां

चमोली जिले के विकास को लेकर वर्ष 2023 खास रहा है। जिले में चुनौतियों के समाधान के साथ ही हुए विकास कार्यों ने चमोली के विकास को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में विकास को गति प्रदान की है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बद्रीनाथ धाम के पुनर्निर्माण को मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के नेतृत्व में पूर्ण किया जा रहा है। वहीं सड़कों निर्माण से लेकर अन्य निर्माण कार्यों और नए संस्थानों का जन अपेक्षाओं के अनुसार संचालन शुरु किया गया है। जिसके भविष्य में सुखद परिणाम देखने को मिलेंगे।

बद्रीनाथ धाम में इस साल 18 लाख 42 हजार श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

बदरीनाथ धाम की यात्रा ने बीते वर्षों के सारे रिकार्ड ध्वस्त कर दिए है। बदरीनाथ हाईवे के चौड़ीकरण व सुधारीकरण के चलते इस वर्ष बदरीनाथ धाम में रिकार्ड तीर्थयात्रियों ने भगवान बदरी विशाल के दर्शन किए। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि इस वर्ष 27 अप्रैल को बद्रीनाथ धाम के कपाट खुले थे। इस यात्रा सीजन में 18,42,019 तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए। जो अभी तक का रिकॉर्ड है। वर्ष 2022 में 17,60,646 तीर्थयात्री यहां पहुंचे थे।

सिमली में महिला बेस चिकित्सालय का संचालन हुआ शुरु

चमोली में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिये सिमली में 10 नाली भूमि पर 14.53 करोड़ की लागत से निर्मित महिला बेस चिकित्सालय का संचालन शुरु किया गया। चिकित्सालय में आईसीयू यूनिट व आक्सीजन प्लांट की भी स्थापना करते हुए चिकित्सालय को संसाधान संपन्न किया जा रहा है। चिकित्सालय के जनपद के केंद्र बिंदु में स्थित होने से कर्णप्रयाग क्षेत्र के साथ ही पिंडर घाटी नारायाणबगड़, थराली, देवाल व ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण क्षेत्र के ग्रामीणों भी लाभ मिल रहा है।

33 लाख रुपये की लागत से रुद्रनाथ में होगा पेयजल योजना का निर्माण

चमोली के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित पंच केदारों में चतुर्थ केदार रुद्रनाथ मंदिर में तीर्थयात्रियों को अब पेयजल की आपूर्ति के लिए भटकना नहीं होगा। यहां 12 वर्षों से प्रस्तावित पेयजल योजना का निर्माण पेयजल निगम ने शुरु कर दिया है। योजना के निर्माण के लिए शासन ने निगम को 33 लाख रुपए की धनराशि स्वीकृत की है। उत्तराखंड पेयजल निगम के अधिशासी अभियंता वीके जैन ने कि आगामी यात्रा काल में रुद्रनाथ मंदिर के दर्शनों को पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों को मंदिर परिसर में ही पेयजल की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।

बंड क्षेत्र के 40 गांवों को वर्षों बाद मिली पशु चिकित्सालय की सौगात

चमोली जिले के बंड क्षेत्र के 40 गांवों के पशुपालक वर्ष 2005 से क्षेत्र में पशु चिकित्सालय खोलने की मांग कर रहे थे। ऐसे में इस वर्ष सरकार ने क्षेत्र के पशुपालकों की समस्या को देखते हुए पीपलकोटी में 1 चिकित्सक, 1 फार्मासिस्ट और 1-1 स्वच्छक और अनुसेवक की तैनाती के साथ चिकित्सालय खोल दिया है। जिससे क्षेत्र के 40 गांवों के पशु पालकों को अब मवेशियों के उपचार के लिये दर-ब-दर नहीं भटकना पड़ रहा है।

चमोली जिला चिकित्सालय में सिटी स्कैन मशीन हुई स्थापित

जनपद की भौगोलिक परिस्थितियों के चलते यहां होने वाली दुर्घटनाओं के बाद सिटी स्कैन मशीन की सुविधा न मिलने पर घायलों को उपचार के लिए बाहरी जिलों की दौड़ लगानी पड़ रही थी। कई बार दुर्घटनाओं के समय सीटी स्कैन की सुविधा न मिलने से घायलों को जान गंवानी पड़ रही थी। ऐसे में स्थानीय जनता के अनुरोध पर शासन ने जिला चिकित्सालय में सिटी स्कैन मशीन की स्थापना के लिए 5 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की। जिसके बाद जिला चिकित्सालय में सिटी स्कैन मशीन स्थापित कर दी गई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार जनवरी माह से यहां लोगों सिटी स्कैन की सुविधा मिलने लगेगी।

चमोली जिले में प्रतियोगी परीक्षाओं में युवाओं को नहीं होगी किताबों की कमी

जिले में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं की समस्या का देखते हुए जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने जिला पुस्तकालय का उच्चीकरण किया है। यहां जिला प्रशासन की ओर से ई लाइब्रेरी का निर्माण किया गया है। जहां जिला मुख्यालय के साथ ही जिले के शोध छात्र और प्रतियोगी परीक्षाओं में जुटे 100 से अधिक युवा प्रतिदिन अध्ययन कार्य कर रहे हैं।

फूलों के उत्पादन से काश्तकारों की आय होने लगी मजबूत

जिले में उद्यान विभाग ने जिला योजना से मिली वित्तीय मदद से लीलियम का उत्पादन शुरु किया है। जिससे काश्तकार लाखों की आमदनी कर रह हैं। जिला उद्यान अधिकारी तेजपाल सिंह ने बताया कि विभाग ने जिले के 16 प्रगतिशील काश्तकारों के साथ 26 पॉलीहाउस में लीलियम का उत्पादन शुरु किया। फूलों के उत्पादन के लिए विभाग 80 फीसदी सब्सिडी के पर उन्हें बल्ब उपलब्ध करवा रहा है। कहा कि जहां विभाग ने काश्तकारों को लीलियम के उत्पादन का तकनीकी प्रशिक्षण दिया। वहीं काश्तकारों को फूलों के विपणन के लिये भी रूट तैयार किया है। ऐसे में काश्तकार फूलों को चमोली से गाजीपुर मंडी में बेचकर 1 लाख से अधिक की आय प्राप्त कर रहे हैं।

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