रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 14 मई, 2023 को महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजी नगर में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘सीमाओं की सुरक्षा, लोगों की सुरक्षा और देश की एकता, अखंडता एवं संप्रभुता की रक्षा करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।’ रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार देश को हर तरह के खतरों से सुरक्षित रखने और विकास की राह पर अभूतपूर्व गति से आगे रखने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘आज, जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को निरस्त कर दिया गया है। आतंकवाद, उग्रवाद और नक्सलवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की गई है। देश आंतरिक और बाहरी दोनों मोर्चों पर पूरी तरह से सुरक्षित है। उरी और पुलवामा की घटना के बाद हमारे सशस्त्र बलों ने सर्जिकल स्ट्राइक और हवाई हमलों के जरिये एक सख्त संदेश दिया कि वे देश के भीतर या सीमा पार आतंकवाद से लड़ने और उसे खत्म करने के लिए तैयार हैं।
कुछ भारत विरोधी ताकतें हैं जो हमारी प्रगति और ताकत को पचा नहीं पा रही हैं। चूंकि उनके पास सीधे तौर पर भारत का सामना करने के लिए ताकत नहीं है, इसलिए वे आतंकवाद जैसे छद्म युद्ध का सहारा लेते हैं। अगर पाकिस्तान आतंकवादियों की पनाहगाह बना रहा तो उसके साथ बातचीत कभी नहीं हो सकती। छत्रपति शिवाजी और महाराणा प्रताप जैसे क्रांतिकारियों से हमने सीखा है कि जो हम पर बुरी नजर डालने की कोशिश करेगा, उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। हमारे सशस्त्र बल ऐसा करने में सक्षम और तैयार हैं।’
राजनाथ सिंह ने आत्मनिर्भरता के संदर्भ में देश के रक्षा क्षेत्र के विकास पर प्रकाश डाला। आत्मनिर्भता सशस्त्र बलों को मजबूत कर रही है और उन्हें हर तरह की चुनौतियों से प्रभावी तौर पर निपटने के लिए नवीनतम हथियारों/ उपकरणों से लैस कर रहा है। उन्होंने सकारात्मक स्वदेशीकरण की सूची जारी करने के साथ-साथ रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि भारत न केवल अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए रक्षा उपकरणों का उत्पादन कर रहा है बल्कि हम अपने मित्र देशों की सुरक्षा जरूरतों को भी पूरा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘हाल के वर्षों में हमारा रक्षा निर्यात आसमान छूने लगा है। सात से आठ साल पहले हमारा रक्षा निर्यात 1,000 करोड़ रुपये से कम था। आज, वित्त वर्ष 2022-23 में यह रिकॉर्ड 16,000 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है।’
रक्षा मंत्री ने कहा कि रक्षा सहित सभी क्षेत्रों ने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में योगदान किया है और भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुकी है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारत 2027 तक दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक ऐसा मजबूत, समृद्ध, आत्मनिर्भर ‘नया भारत’ बनाना चाहते हैं जो अपनी सांस्कृतिक विरासत एवं मूल्यों पर गर्व कर सके और दुनिया में अपनी अलग पहचान बना सके।
रक्षा मंत्री ने कहा कि ‘दासता के सभी निशानों को मिटाना’ और ‘हमारी विरासत पर गर्व करना’ उन पांच प्रतिज्ञाओं में शामिल हैं जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन के दौरान भारत को 2047 तक विकसित देश बनाने के लिए बताया था। रक्षा मंत्री ने लोगों को देश की सांस्कृतिक विरासत और मातृभूमि की रक्षा के लिए अनोखा योगदान करने वाले छत्रपति शिवाजी, छत्रपति संभाजी और महाराणा प्रताप जैसे नायकों को समझने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश एक सांस्कृतिक पुनरुत्थान से गुजर रहा है और वह सांस्कृतिक तौर पर कहीं सुरक्षित परिवेश की ओर बढ़ रहा है।
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