बैसाखी का शाही स्नान संपन्न होने के बाद उत्तराखंड पुलिस और प्रशासन ने चैन की सांस ली है। समझा यह जाता है कि इस दिन सबसे ज्यादा श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाने के लिए कुंभ में पहुंचते हैं। ऐसे में अब बाकी बचे दिनों में भीड़भाड़ कम होने की उम्मीद है।
हरिद्वार महाकुंभ में 14 अप्रैल को बैसाखी के पावन पर्व पर तीसरा शाही स्नान संपन्न हो गया। हर की पौड़ी पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया। इसके बाद ही सोशल मीडिया पर चर्चा होने लगी कि सरकार कोरोना के मामले को देखते हुए कुंभ मेले को समाप्त करने की घोषणा कर सकती है। ऐसी अटकलों पर सरकार ने अब पूर्ण विराम लगा दिया है।
उत्तराखंड सरकार और प्रशासन की ओर से बताया गया है कि हरिद्वार में कुंभ मेला पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत जारी रहेगा। सोशल मीडिया पर लोग कहने लगे थे कि मुंख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने यह फैसला लेने से पहले साधु-संतों से बात कर सहयोग मांगा है।
अब सीएम कार्यालय ने इन खबरों का खंडन किया है। मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि कुंभ मेले को समय से पहले खत्म करने के संबंध में केंद्र सरकार से कोई निर्देश नहीं मिले हैं।
I would like to clarify that with peak day of kumbh over, it's no more a crowded affair now..We are withdrawing 50 percent force tomorrow onwards..@ANI @aajtak @ABPNews @News18India pic.twitter.com/95cbEpF4uL
— Ashok Kumar IPS (@AshokKumar_IPS) April 14, 2021
दरअसल, देश के कई राज्यों में कोरोना के मामलों में तूफानी तेजी को देखते हुए कुंभ मेले में भीड़ इकट्ठा होने पर लोग कई तरह के सवाल खड़े कर रहे हैं। इसी के बीच यह अफवाह उड़ गई कि सरकार कुंभ मेले को जल्द समाप्त करने जा रही है।
आपको बता दें कि कुंभ मेले में तीन प्रमुख शाही स्नान हो चुके हैं। अब महीने के आखिरी हफ्ते में 27 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा का शाही स्नान बाकी है। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया है कि पूर्व योजना के अनुसार हरिद्वार महाकुम्भ में बैसाखी पर्व (Peak Day) स्नान सकुशल सम्पन्न होने के पश्चात अब कुम्भ मेले में आधी पुलिस फोर्स ही तैनात रहेगी।
बुधवार को तीसरा शाही स्नान था पर कोरोना का खौफ इतना था कि दोपहर तक केवल 6 लाख लोग गंगा स्नान करने पहुंचे थे। अधिकारियों ने माना कि पिछली बार 2010 में 1.5 करोड़ से ज्यादा लोगों ने स्नान किया था। ऐसे में साफ है कि कोरोना की वजह से लोग कम आए।
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