अस्सी के दशक में निर्मित गढ़वाल की पहली फीचर फिल्म ‘जग्वाल’ तथा कुमाऊंनी फीचर फिल्म ‘मेघा आ’ के बाद 2024 में निर्मित ‘मैरै गांव की बाट’ जौनसार अंचल की पहली निर्मित फीचर फिल्म है।
सी एम पपनै
विगत माह 2 दिसंबर को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कर कमलों इतिहास के पन्नों में दर्ज हुई पहली जौनसारी फीचर फिल्म ‘मैरै गांव की बाट’ फिल्म का प्रोमो और पोस्टर लॉन्च किया गया था। 5 दिसंबर को सेंट्रो मॉल देहरादून, 6 दिसंबर को न्यू उपासना विकासनगर, हरिद्वार तथा 3 जनवरी को दिल्ली के द्वारका तथा लक्ष्मीनगर के मॉलो के साथ-साथ हिमाचल में उक्त फिल्म रिलीज की गई। उक्त निर्मित फिल्म इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज कर ख्याति के शिखर पर है।
अस्सी के दशक में निर्मित गढ़वाल की पहली फीचर फिल्म ‘जग्वाल’ तथा कुमाऊंनी फीचर फिल्म ‘मेघा आ’ के बाद 2024 में निर्मित ‘मैरै गांव की बाट’ जौनसार अंचल की पहली निर्मित फीचर फिल्म है।
‘मैरै गांव की बाट’ उत्तराखंड जौनसार अंचल के ग्रामीण जीवन की सच्ची तस्वीर को दर्शाती नजर आती है। अंचल की सांस्कृतिक धरोहर और जीवनशैली को जीवंत रूप में पेश करती नजर आती है। जौनसारी समाज के लोग किस तरह अपने संघर्ष और संस्कारों को जिंदा रखते हैं निर्मित फिल्म के माध्यम से बखूबी समझाया गया है।
जौनसारी समाज के जीवन में व्याप्त गीत-संगीत और नृत्य निर्मित फिल्म को प्रसिद्धि के शिखर पर चढ़ाते नजर आते हैं। जौनसार की समृद्ध लोक संस्कृति को प्रभावी ढंग से फिल्म के माध्यम से उभारा गया है। जौनसार बावर की अनूठी परंपराएं, विरासत, रीति रिवाज, रहन-सहन, मान्यताएं, विश्वास तथा स्वाभिमान को फीचर फिल्म कथानक के माध्यम से उभारा गया है। फिल्म में फिल्माए गए जौनसार के प्राकृतिक दृश्य प्रभावी अंदाज में फिल्माए गए हैं। निर्मित फिल्म का कथासार अति सीधा व सरल तथा प्रस्तुतिकरण प्रभावशाली है।
निर्मित फीचर फिल्म की शूटिंग जौनसार बावर के फटेऊ, इच्छला, झुसो, भाकरो गांवों में की गई है। जौनसार के प्रमुख लोकपर्व ‘बारिया का जाग’ का भी फिल्मांकन कर उक्त पर्व की महत्ता को उजागर किया गया है।
निर्मित फीचर फिल्म का कथानक फिल्म के मुख्य किरदार के इर्द गिर्द घूमता नजर आता है। मुख्य किरदार व अभिनेता अभिनव चौहान ने फिल्म को सफलता की राह दिखाई है। अभिनेत्री प्रियंका चौहान के साथ-साथ अन्य किरदारों में भगत सिंह, गुड्डी, काजल शाह, जीत सिंह, बाल कलाकारों में तनिष्क चौहान, आरुषि, आकृति जोशी, किरन डिमरी इत्यादि इत्यादि ने भी व्यक्त संवादों व अभिनय से दर्शकों को प्रभावित किया है।
फिल्म के गीत सीताराम चौहान, अतर शाह, अज्जू तोमर, मीना राणा, परिमा राणा इत्यादि द्वारा गाए गए हैं। फिल्म का प्रभावशाली संगीत अमित वी कपूर, श्याम सिंह चौहान तथा सीताराम चौहान का है।
इतिहास के पन्नों में दर्ज हो चुकी पहली जौनसारी फिल्म ‘मैरै गांव की बाट’ की परिकल्पना एवं प्रस्तुतकर्ता केएस चौहान का, फिल्म का कथानक व निर्देशन अनुज जोशी का तथा निर्माता आयुष गोयल और अभिनव चौहान हैं।
उत्तराखंड फिल्म नीति 2024 के जरिए उत्तराखंड सरकार द्वारा फिल्म शूटिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ ही नई फिल्म नीति में क्षेत्रीय फिल्मों की शूटिंग पर दो करोड़ रुपए तक की सब्सिडी का प्रावधान रखा गया है। उत्तराखंड में फिल्म शूटिंग को बढ़ावा दिए जाने को लेकर स्थापित सरकार की नई फिल्म नीति स्वागत योग्य कदम है, जिसका लाभ आंचलिक फिल्म निर्माण में हो रही वृद्धि से देखा जा सकता है।
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