पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय में किसान मेले का शुभारंभ, कुलपति ने किसानों के हित में बताई कई बातें

पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय में किसान मेले का शुभारंभ, कुलपति ने किसानों के हित में बताई कई बातें

पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय में आज से चार दिवसीय कृषि मेले का शुभारम्भ हो गया है। इस मेले में देश के कई राज्यों के किसान भाग ले रहे हैं। इस मेले में किसानों की भारी भीड़ उमड़ रही है। मेले में किसानों को नई नई किस्म की फसलों के बारे में बताया जायेगा।

13 से 16 अक्टूबर तक पंतनगर कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय किसान मेले का आयोजन किया जा रहा है। इस ऐतिहासिक मेले में बीज के लिए आज सुबह से ही किसानों की भीड़ देखने को मिल रही है। पूरे देश भर के किसान पंतनगर के बीजों से अपने क्षेत्र में फसलों की पैदावार को बढ़ाते हैं।

पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ मनमोहन सिंह चौहान का कहना है कि पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय का हरित क्रांति में मुख्य योगदान रहा है जिसकी वजह से आज हम 33 करोड़ टन अनाज पैदा कर रहे हैं इसी प्रकार लगभग 22 करोड़ टन दूध पैदा कर रहे हैं, हम दलहन में, सब्जियों में, फलों के उत्पादन में अपना मुख्य योगदान दे रहे हैं तथा विश्व में नंबर एक या नंबर दो के पायदान पर खड़े हैं। यह सब वैज्ञानिक अनुसंधान, राजनीतिक इच्छाशक्ति एवं किसान की योगदान के साथ ही संभव हो पाया है।

उन्होंने कहा कि हमारे विश्वविद्यालय के द्वारा अब तक लगभग 352 फसल की किस्म पैदा की गई है जो पूरे देश में अनाज उत्पादन के लिए इस्तेमाल में लाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इसी साल हमने 7 दलहन की किस्में विकसित की है। इसी प्रकार हम सभी फसलों में किस्में तैयार कर उत्तराखंड एवं पूरे देश के कृषि विकास में लगातार योगदान दे रहे हैं। अब तक विश्वविद्यालय में लगभग 2 लाख किसानों ने किसान मेले में भागीदारी की है तथा विभिन्न प्रकार के तकनीकी अपनाते हुए अपने-अपने क्षेत्र में फसलों के उत्पादन में बढ़ोतरी की है।

डॉ मनमोहन सिंह चौहान ने कहा कि पंतनगर के बीज का इस्तेमाल लगभग पूरे देश के किसान भाई कर रहे हैं। जिससे फसलों की उत्पादकता बढ़ी है और साथ ही साथ किसान भाइयों की आमदनी भी बढी है। हम सभी जानते हैं कि किसान न केवल हमारे देश के आर्थिक संरचना के मूल होते हैं, बल्कि वे हमारे भौगोलिक संरचना के अधीन हैं। हमारे देश की लगभग 56 प्रतिशत जनसंख्या कृषि पर निर्भर है, और यही कारण है कि हम आपकी महत्वपूर्ण भूमिका को महत्व देते हैं और आपके साथ हैं।

उन्होंने कहा कि आज हमारे कृषि विश्वविद्यालय ने यह संवादिक प्लेटफार्म प्रदान किया है और किसान गोष्ठी में हम सभी ज्ञान, विज्ञान, और तकनीक को एक साथ मिला सकें, जिससे हमारे किसान साथी और कृषि उत्पादक अपने कृषि व्यवसाय को और सुदृढ़ कर सकें। यहां हम नई नई किस्मों के बीज, तकनीक और खेती के सूत्रों के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं। रबी के विभिन्न फसलों के बीज हम आपको उपलब्ध करवाते हैं। आप सभी जानते हैं कि पूरे देश में पंत बीज के नाम से पंतनगर विश्वविद्यालय के योगदान को सराहा जाता है।

किसान मेले में गोष्ठी के दौरान हम यह समझना चाहते हैं कि कैसे आप अपने खेतों को बेहतर बना सकते हैं और उनका उत्पादन बढ़ा सकते हैं। आज, हम यहां साथ हैं ताकि हम सभी मिलकर एक कृषक के बीच समानता और सामाजिक समरसता की ओर एक कदम बढ़ा सकें।

डॉ मनमोहन सिंह चौहान ने कहा कि आप इस किसान मेले में अधिक से अधिक जानकारी लेकर अपने फसलों की उत्पादकता बढ़ाएं एवं हमारे द्वारा विकसित की गई अधिक से अधिक तकनीकी अपनाते हुए फसलों का उत्पादन को बढ़ाएं। हम सभी किसान साथियों के लिए विशेष तकनीकियों को विकसित करते हैं, जिससे आप अपने उत्पादों की मांग को बढ़ा सकें और उनके लिए बेहतर मूल्य प्राप्त कर सकें। कृषि विश्वविद्यालय और किसान साथी मिलकर एक सशक्त, सुदृढ़ और सामर्थ कृषि समुदाय बना सकते हैं।

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