कुमाऊं विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर की दो महान हस्तियों को इस बार के दीक्षा समारोह में मानद उपाधि से सम्मनित किया है इनमें एक हैं आईएएस भास्कर खुल्बे और दूसरे पद्मश्री डॉ गोवर्धन मेहता।
कुमाऊं विश्वविद्यालय का 18वां दीक्षांत समारोह धूमधाम से मनाया गया। शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत, आयुक्त दीपक रावत, कुलपति दीवान सिंह रावत, कुलसचिव दिनेश, पीएम के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर कुमाऊं विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर की दो महान हस्तियों को इस बार के दीक्षा समारोह में मानद उपाधि से सम्मनित किया इनमें आईएएस अधिकारी भास्कर खुल्बे और पद्मश्री डॉ गोवर्धन मेहता शामिल हैं। भास्कर खुल्बे इस समय उत्तराखंड सरकार में विशेष कार्याधिकारी पर्यटन विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं और इससे पहले वह पीएम मोदी के सलाहकार रह चुके हैं।
कुमाऊं विश्वविद्यालय के 18वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअली प्रतिभाग किया। राज्यपाल ने कहा कि देश और समाज की उन्नति में योगदान देना आपकी नैतिक जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज के युवा भविष्य के कर्णधार हैं। बेहतर शिक्षा, जन योजनाओं से आज हमारा राज्य विकसित राज्यों में दूसरे नंबर में हैं। शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि विवि का फार्मेसी विभाग भारत में 68 स्थान पर है, जो कि गर्व की बात है।
इस अवसर पर कुलपति दीवान सिंह रावत ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों को बताया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा हाल ही में विभिन्न क्षेत्रों में समकालीन व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को शामिल किया गया है। विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में साल 2022 और 2023 सत्र के 46,000 से अधिक विद्यार्थियों को उपाधि, 379 शोधार्थियों को पीएचडी उपाधि और 151 मेधावियों को पदक और 6 को डीलेट से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर भास्कर खुल्बे ने कहा कि सर्वप्रथम आप लोगों ने मुझे यह सम्मानित करके गौरवान्वित किया है उसके लिए मैं आप सभी का दिल से धन्यवाद देता हूं। यह उपाधि मेरे माता पिता और मेरे गुरूजनों का मुझे आशीर्वाद है और मैं अभिभूत हूं। उन्होंने आगे कहा कि अपने गुरूजनों में मैं डॉ जीतेंद्र सिंह बिष्ट, डॉ महेंद्र सिंह पंत, डॉ तेजेंद्र गिल, डॉ सर्वेश कुमार, डॉ नीलम मल्होत्रा, डॉ शिखा गांगुली, डॉ लता गंगोला और डॉ शारदा पांडेय का उल्लेख करना चाहूंगा जिसकी विशिष्ट अध्यापन शैली ने मुझे शिक्षा अर्जन का मार्ग शुलभ कराया। मैं इन सभी गुरूजनों को सादर प्रमाण करता हूं। इसी सभागार में मैंने 46 वर्ष पूर्व अपनी स्नातक डिग्री पाई थी। उन्होंने कहा कि शिक्षा का कोई आरम्भ और अंत नहीं होता है।
भास्कर खुल्बे इससे पहले उत्तराखंड में प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी संभाल रहे थे जिसमें ऑल वेदर रोड, केदारनाथ का पुनर्निर्माण, बदरीनाथ का मास्टरप्लान, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन शामिल थे। इन सभी परियोजनाओं को कैसे धरातल पर उतारा जाए इसकी जिम्मेदारी भास्कर खुल्बे पर थी। वह सक्षम, ईमानदार, मेहनती और नए विचारों के लिए खुली सोच रखने वाले शख्स माने जाते हैं।
जब उत्तरकाशी के सिल्क्यारा में 41 मजदूर सुंरग में फंस गए थे उस वक्त भास्कर खुल्बे ने घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया था और कई दिनों तक वहां चले राहत और बचाव कार्य में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी। उनके साथ उस समय पीएमओ से आई टीम थी और स्थिति पर नजर रख रही थी। भास्कर खुल्बे के बारे में कहा जाता है कि वह जिस जिम्मेदारी को लेते हैं, उसे तब तक फॉलो करते हैं, जब तक वह धरातल पर दिखने न लगे।
भास्कर खुल्बे और कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने कल कुमाऊं विवि के डीएसबी परिसर में जंतु विज्ञान और वनस्पति विज्ञान विभाग का निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने जंतु विज्ञान विभाग में रूसा के तहत बनाए गए संग्रहालय का शुभारंभ किया। इस अवसर पर भास्कर खुल्बे ने कहा कि यह संग्रहालय विद्यार्थियों और शोधार्थियों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।
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