कांग्रेस संगठन में बड़े फेरबदल, कुमारी शैलजा को मिली उत्तराखंड की जिम्मेदारी

कांग्रेस संगठन में बड़े फेरबदल, कुमारी शैलजा को मिली उत्तराखंड की जिम्मेदारी

अगले साल होने वाले लोक सभा चुनाओं के लिए सभी पार्टियां अब रणनीति बनाने में लग गये हैं। कांग्रेस पार्टी ने भी अब अपने संगठन में बड़ा फेरबदल किया है।

कुमारी शैलजा अब उत्तराखंड की प्रदेश प्रभारी होंगी। वह अंबाला की सांसद रह चुकी हैं। उन्होंने इस निर्वाचन क्षेत्र में दो कार्यकालों तक कार्य किया। अंबाला में सेवा देने से पहले, वे दो कार्यकालों के लिए सिरसा निर्वाचन क्षेत्र के लिए चुनी गई थीं। वे यूपीए सरकार में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में कैबिनेट मंत्री रह चुकी हैं।

रोचक तथ्य उन्होंने 1990 में महिला कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में राजनीतिक मैदान में प्रवेश किया। 2011 केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन और संस्कृति और केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय। 2009 केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन और पर्यटन।

2009 वे भाजपा के रतन लाल कटारिया को हराकर अंबाला से चौथे कार्यकाल के लिए 15 वीं लोकसभा के लिए फिर से चुनी गईं। 2004 केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय। 2004 भाजपा के रतन लाल कटारिया को दो लाख से अधिक मतों के अंतर से हराकर उन्हें अंबाला से तीसरे कार्यकाल के लिए 14 वीं लोकसभा के लिए फिर से चुना गया।

1996 सचिव और प्रवक्ता, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी। 1996 वे दूसरे कार्यकाल के लिए सिरसा से 11वीं लोकसभा के लिए फिर से चुनी गईं। हालांकि, वे आगामी चुनाव हार गईं। 1995 केंद्रीय राज्य मंत्री, शिक्षा और संस्कृति विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय।

1992 केंद्रीय उप मंत्री, शिक्षा और संस्कृति विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय। 1991 जेपी के हेत राम को एक लाख मतों के अंतर से हराकर वे सिरसा निर्वाचन क्षेत्र से 10वीं लोकसभा के लिए चुनी गई। 1990 वे अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की संयुक्त सचिव चुनी गईं।

पिता भी रह चुके हैं प्रदेश अध्यक्ष

कुमारी शैलजा कांग्रेस के बड़े नेता रहे चौधरी दलवीर सिंह की बेटी हैं. सिंह भी हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष और केन्द्र में कई बार मंत्री रहे हैं। पिता की विरासत को संभालने वाली शैलजा भी सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री के पदों पर रह चुकी हैं। 24 सितंबर 1962 को जन्मीं कुमारी शैलजा की मां कलावती का जब मार्च 2012 में निधन हुआ था तब महिला होते हुए भी अंतिम संस्कार के दौरान मां को मुखाग्नि देकर शैलजा चर्चा में आई थीं।

महिला कांग्रेस से शुरू हुआ करियर

कुमारी शैलजा बचपन से ही पढ़ने में काफी तेज़ थीं। प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के जीसस एंड मेरी पब्लिक स्कूल और स्नातकोत्तर व एमफिल पंजाब विश्वविद्यालय से करने के बाद 1990 में महिला कांग्रेस की अध्यक्ष बनकर शैलजा ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। 1991 में वे पहली बार 10वीं लोकसभा चुनाव में हरियाणा के सिरसा लोकसभा सीट से जीतीं और नरसिम्हा राव सरकार में शिक्षा और संस्कृति राज्यमंत्री रहीं।

वह उत्तराखंड की 2017 के चुनाव में स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष रही है।

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