पूर्व केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल कार्मिक संगठन, उत्तराखंड की कार्यकारिणी की बैठक, संगठन के अध्यक्ष पूर्व आई.जी., बी.एस.एफ. एस एस कोठियाल की अध्यक्षता में वसन्त विहार, देहरादून में सम्पन्न हुई।
इस बैठक में गढ़वाल तथा कुमाऊं मंडल के सदस्यों के अलावा, सी.आर.पी.एफ. फ्रन्टियर हेडक्वार्टर के डी.आई.जी. तथा कमांडेंट बतौर विशेष आमंत्रित सदस्य शामिल हुए। इस बैठक में चर्चा के पश्चात निम्न निर्णय लिये गये। 14 फरवरी 2024 को, पुलवामा के, सी.आर.पी.एफ. के 14 फरवरी 2019 के 40 शहीदों को हर जनपद में श्रद्धांजली दी जाएगी। देहरादून में आई.जी., सी.आर.पी.एफ., देहरादून के परिसर में, सब पूर्व अर्द्ध सैनिक, एकत्रित होकर श्रद्धांजली आर्पित करेंगे। मुख्यमंत्री को प्रदेश में सेवारत तथा सेवानिवृत्त अर्द्ध सैनिकों, विरांगनाओं तथा परिवार के सदस्यों को, 8 फरवरी 2014 के शासनादेश के अनुसार, आर्मी की तरह सब सुविधाओं को जल्दी से जल्दी लागूकर, सुविधायें देने का अनुरोध। उत्तराखंड सरकार अर्द्ध सैनिकों के लिए “अर्द्ध सैनिक कल्याण बोर्ड“ का गठन करने का आग्रह। सैनिकों तथा अर्द्ध सैनिकों को एक ही मंत्री के अधीन रखने पर मुख्यमंत्री से विचार करने का अनुरोध।
इस बैठक में प्रधानमंत्री से अनुरोध किया गया कि 11 जनवरी 2023 को 82 रिट पिटिशन पर लिए गये, दिल्ली हाईकोर्ट का निर्णय, जिसमें सभी अर्द्ध सैनिक बलों को “आर्मड फोर्स ऑफ यूनियन ऑफ इंडिया’ घोषित करते हुये, निर्णय लिया गया कि 1 जनवरी 2004 से भर्ती सभी कार्मिकों को ’पुरानी पेंशन’ लागू किया जाये जैसे आर्मी, नेवी व एयरफोर्स के कार्मिकों पर लागू है।
सेवानिवृत्त, अर्द्ध सैनिकों को भी “आर्मड फोर्सेज ऑफ यूनियन ऑफ इंडिया’ घोषित किये जाने के पश्चात ओ आर ओ पी दी जाये। अर्द्ध सैनिक बलों तथा पुलिस कार्मियों के लिए बनाई गई सेंटल पुलिस कैंटीन जिनको अब “केन्द्रीय पुलिस कल्याण भंडार“ से जाना जाता है, उसमें सीएसडी की भांति जीएसटी में 50 प्रतिशत छूट दी जाये।
लोक सभा चुनाव की घोषणा होने के पश्चात हम अगली बैठक में निर्णय लेंगे कि हमारे पूर्व अर्द्ध सैनिक, वीर नारियों तथा परिवार के सदस्य चुनाव के दौरान किस राजनैतिक दल के लिए कार्य करेंगे, जैसा हम प्रत्येक चुनाव की तिथि घोषित होने के पश्चात पूर्व में भी निर्णय लेते रहे हैं।
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