पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, आने वाले 5 वर्ष उत्तराखंड को रजत जयंती की तरफ ले जाने वाले हैं। ऐसा कोई लक्ष्य नहीं है, जो उत्तराखंड हासिल नहीं कर सकता। ऐसा कोई संकल्प नहीं है, जो इस देवभूमि में सिद्ध नहीं हो सकता। उत्तराखंड में अब होम-स्टे लगभग हर गांव में पहुंच चुके हैं। उत्तराखंड होम-स्टे बनाने में, सुविधाओं के विस्तार में पूरे देश को दिशा दिखा सकता है। इस तरह के परिवर्तन उत्तराखंड को आत्मनिर्भर बनाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे पहाड़, हमारी संस्कृति, आस्था के गढ़ तो हैं ही, ये हमारे देश की सुरक्षा के भी किले हैं। इसलिए पहाड़ों में रहने वालों का जीवन सुगम बनाना देश की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। दुर्भाग्य से दशकों तक जो सरकार में रहे, उनकी नीति-रणनीति में दूर-दूर तक ये चिंतन कहीं था ही नहीं। साल 2007 से 2014 के बीच जो केंद्र की सरकार थी, उसने सात साल में उत्तराखंड में केवल 288 किलोमीटर नेशनल हाईवे बनाए। जबकि हमारी सरकार ने अपने सात साल में उत्तराखंड में 2 हजार किलोमीटर से अधिक लंबाई के नेशनल हाईवे का निर्माण किया है।
मोदी ने कहा, आने वाले 5 वर्ष उत्तराखंड को रजत जयंती की तरफ ले जाने वाले हैं। ऐसा कोई लक्ष्य नहीं है, जो उत्तराखंड हासिल नहीं कर सकता। ऐसा कोई संकल्प नहीं है, जो इस देवभूमि में सिद्ध नहीं हो सकता। उत्तराखंड में अब होम-स्टे लगभग हर गांव में पहुंच चुके हैं। लोग बहुत सफलता से यहां होम-स्टे चला रहे हैं। उत्तराखंड होम-स्टे बनाने में, सुविधाओं के विस्तार में पूरे देश को दिशा दिखा सकता है। इस तरह के परिवर्तन उत्तराखंड को आत्मनिर्भर बनाएंगे।
प्रधानमंत्री श्री @NarendraModi द्वारा 18 हजार करोड़ रुपये की विभिन्न विकास योजनाओं का लोकार्पण/शिलान्यास व विजय संकल्प महारैली में संबोधन https://t.co/7h1Ws5zXva
— BJP Uttarakhand (@BJP4UK) December 4, 2021
उन्होंने कहा, वन रैंक वन पेंशन हो, आधुनिक अस्त्र-शस्त्र हो, आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देना हो, जैसे उन लोगों ने हर स्तर पर सेना को हतोत्साहित करने की कसम खा रखी थी। आज जो सरकार है वो दुनिया के किसी देश के दबाव में नहीं आ सकती। हम राष्ट्र प्रथम, सदैव प्रथम के मंत्र पर चलने वाले लोग हैं। सीमावर्ती पहाड़ी क्षेत्रों के इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी पहले की सरकारों ने उतनी गंभीरता से काम नहीं किया, जितना करना चाहिए था। बॉर्डर के पास सड़कें बनें, पुल बनें, इस ओर उन्होंने ध्यान नहीं दिया।
पीएम मोदी ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा, कुछ राजनीतिक दलों द्वारा, समाज में भेद करके, सिर्फ एक तबके को, चाहे वो अपनी जाति का हो, किसी खास धर्म का हो, उसे ही कुछ देने का प्रयास हुआ, उसे वोटबैंक में बदल दिया गया। इन राजनीतिक दलों ने एक और तरीका अपनाया। उनकी विकृति का एक रूप ये भी है कि जनता को मजबूत नहीं, उन्हें मजबूर बनाओ, अपना मोहताज बनाओ। इस विकृत राजनीति का आधार रहा कि लोगों की आवश्यकताएं पूरी ना करो, उन्हें आश्रित बनाकर रखो। दुर्भाग्य से, इन राजनीतिक दलों ने लोगों में ये सोच पैदा कर दी कि सरकार ही हमारी माई-बाप है, जब सरकार से मिलेगा, तभी हमारा गुजारा चलेगा।
यानि एक तरह से देश के सामान्य मानवी का स्वाभिमान, उसका गौरव कुचल दिया गया, उसे आश्रित बना दिया गया और दुखद ये कि उसे पता भी नहीं चला।
पीएम मोदी ने कहा, हमने कहा कि जो भी योजनाएं लाएंगे सबके लिए लाएंगे, बिना भेदभाव के लाएंगे। हमने वोटबैंक की राजनीति को आधार नहीं बनाया बल्कि लोगों की सेवा को प्राथमिकता दी। हमारी अप्रोच रही कि देश को मजबूती देनी है। इस सोच, इस अप्रोच से अलग, हमने एक अलग रास्ता चुना। कठिन मार्ग है, मुश्किल है, लेकिन देशहित में है, देश के लोगों के हित में है। ये मार्ग है – सबका साथ-सबका विकास।
उन्होंने कहा, एक समय था जब पहाड़ पर रहने वाले लोग विकास की मुख्यधारा से जुड़ने का सपना ही देखते रहते थे, इसमें पीढ़ियां बीत जाती थीं। लेकिन जब कुछ करने का जुनून हो तो सूरत भी बदलती है और सीरत भी बदलती है। आपका ये सपना पूरा करने के लिए हम दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। दुर्भाग्य से, इन राजनीतिक दलों ने लोगों में ये सोच पैदा कर दी कि सरकार ही हमारी माई-बाप है, जब सरकार से मिलेगा, तभी हमारा गुजारा चलेगा। यानि एक तरह से देश के सामान्य मानवी का स्वाभिमान, उसका गौरव कुचल दिया गया, उसे आश्रित बना दिया गया और दुखद ये कि उसे पता भी नहीं चला।
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