उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं। ऐसे में प्रशासन ने कुछ ऐसे कदम उठाने शुरू किए हैं, जिससे संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सके। अब धार्मिक पर्यटन की दिशा में एक अहम फैसला हुआ है।
उत्तराखंड में कोरोना से निपटने के साथ ही अर्थव्यवस्था खोलने, खासतौर पर धार्मिक पर्यटन को सरकार धीरे-धीरे खोल रही है। हालांकि पिछले कुछ दिनों में जिस रफ्तार से मरीज बढ़े हैं, उसने हर किसी को चिंता में डाल दिया है। अब स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन ने केदारनाथ धाम जाने वाले स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए कोरोना टेस्ट अनिवार्य करने का फैसला किया है।
रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही श्रद्धालुओं को केदारनाथ के दर्शन करने के लिए जाने की अनुमति दी जाएगी। अभी तक यह नियम दूसरे राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ही लागू था।
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आपको बता दें कि बीते दस दिनों से जनपद में कोरोना के 17 नए मामले आ चुके हैं। ऐसे में अब प्रशासन और विभाग नहीं चाहता कि कोई चूक और कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी हो। चेकिंग के लिए जिलाधिकारी वंदना सिंह ने सोनप्रयाग में व्यवस्था पुख्ता बनाने के निर्देश दिए हैं।
आपको बता दें कि चारधाम यात्रा के लिए एक जुलाई से अब तक देवस्थानम बोर्ड ने 29 हजार से अधिक ई-पास जारी किए हैं। इसमें 15 हजार श्रद्धालुओं ने चारधाम के दर्शन किए हैं। गुरुवार को ही चारधाम के लिए 481 ई-पास जारी किए गए।
इसमें बदरीनाथ धाम के लिए 95, केदारनाथ के 292, गंगोत्री के 66, यमुनोत्री के 28 ई-पास बनाए गए। देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण करने वाले 29 हजार से अधिक लोगों को चारधाम यात्रा के लिए पास जारी किए गए हैं।
अब तक 15 हजार श्रद्धालु चारधामों में दर्शन कर चुके हैं। अधिकारियों ने बताया है कि चारधाम यात्रा के लिए बाहरी राज्यों के श्रद्धालुओं को सशर्त दर्शन करने की अनुमति दी जा रही है। चारधाम यात्रा में किसी तरह का अवरोध नहीं है। बाहर से आने वाले यात्री 72 घंटे पहले की कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट के साथ ही यात्रा कर सकते हैं।
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कहां गए केदारनाथ आपदा के गायब 3000 लोग, अब ये लगाएंगे पता - Hill-Mail | हिल-मेल
August 8, 2020, 10:53 am[…] कोरोना काल में केदारनाथ धाम जाने वाले … […]
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