राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को लेकर हाल ही में सोशल मीडिया पर आया एक लेटर फर्जी निकला है। इस लेटर में आरएसएस की विचारधारा को बढ़ाने देने की बात है और दावा किया जा रहा था कि डोभाल ने उत्तराखंड के प्रमुख सचिव को यह पत्र लिखा था। उन्हें कुंभ के सफल आयोजन के लिए भी सरकार की तारीफ की थी।
सोशल मीडिया के इस दौर में कभी-कभी फेक न्यूज या अफवाह तेजी से फैल जाती है। जब इसे फैलाने में किसी जानी मानी हस्ती शामिल हो तो फैक्ट चेक करना भी जरूरी हो जाता है। ऐसी ही एक फेक न्यूज देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से संबंधित लेटर के हवाले से फैला दी गई। जी हां, दावा किया गया कि NSA अजीत डोभाल ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओम प्रकाश को पत्र लिखकर हरिद्वार में कुंभ मेले के शानदार आयोजन के लिए सरकार के प्रयासों की सराहना की है।
इस बाबत एक लेटर भी सोशल मीडिया में तैरने लगा। अब फैक्ट चेक में यह फर्जी निकला है। सच्चाई यह है कि एनएसए ने ओम प्रकाश को ऐसा कोई लेटर लिखा ही नहीं है। सरकार ने इसे फेक करार दिया है। उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने भी पुष्टि की है कि उन्हें कुंभ मेले को लेकर ऐसा कोई पत्र डोभाल की तरफ से नहीं मिला है।
हैरत की बात तो यह है कि इस फर्जी लेटर को सुप्रीम कोर्ट के जानेमाने वकील प्रशांत भूषण ने शेयर किया था। एक ट्वीट में उस फर्जी लेटर का जिक्र करते हुए प्रशांत ने लिखा कि एनएसए डोभाल उत्तराखंड के प्रमुख सचिव से आरएसएस की विचारधारा को प्रमोट करने की बात कह रहे हैं। हालांकि प्रशांत भूषण का यह दावा फर्जी था।
यह आम लोगों के लिए एक सबक भी है कि सोशल मीडिया पर आई किसी भी पोस्ट को यूं ही सच न मान लें जब तक कि वह किसी भी पुष्ट स्रोत से न हो। लोगों का ट्वीट गुमराह करने वाला, फेक न्यूज या एजेंडे के तहत भी हो सकता है।
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