जब भी गैरसैंण में विधानसभा सत्र आयोजित होता है, तब सचिवालय और विधानसभा समेत अन्य विभागों से सभी महत्वपूर्ण फाइलें ले जानी पड़ती हैं। ऐसे में फाइलों की गोपनीयत खतरे में पड़ने और इनके गुम होने का खतरा रहता है। फाइलों को लाने-लेजाने की कवायद भी काफी खर्चीली होती है।
उत्तराखंड सरकार ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा को ऑनलाइन बनाने के लिए युद्ध स्तर पर जुट गई है। अब ई-विधानसभा के लिए देहरादून से गैरसैंण तक ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) बिछाई जाएगी। इस कवायद पर 27 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। ई-विधानसभा होने से विभागों को गैरसैंण में आयोजित होने वाले विधानसभा सत्रों में फाइलें लाने-ले जाने के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत गैरसैंण के मुद्दे पर काफी भावुक माने जाते हैं। वह पहले ही कह चुके हैं कि भराड़ीसैंण में ई-विधानसभा होगी। दरअसल, जब भी गैरसैंण में विधानसभा सत्र आयोजित होता है, तब सचिवालय और विधानसभा समेत अन्य विभागों से सभी महत्वपूर्ण फाइलें ले जानी पड़ती हैं। ऐसे में फाइलों की गोपनीयत खतरे में पड़ने और इनके गुम होने का खतरा रहता है। फाइलों को लाने-लेजाने की कवायद भी काफी खर्चीली होती है। इसलिए सरकार का जोर है कि भराड़ीसैंण को ई-विधानसभा बनाया जाए, ताकि फाइलों को वहां जरूरत पड़ने पर ऑनलाइन ही देख लिया जाए।
सचिवालय समेत सरकार के कई विभाग ई-ऑफिस में तब्दील हो रहे हैं। सरकारी कार्यालयों के सभी काम ऑनलाइन किए जाने हैं। सचिवालय के 16 विभागों में यह व्यवस्था शुरू हो चुकी है। अधिकारियों के मुताबिक, ई-ऑफिस की व्यवस्था ई-विधानसभा में मददगार होगी। इससे विधानसभा में सारा काम ऑनलाइन हो जाएगा। एक क्लिक पर ही विभागों की सभी जानकारी गैरसैंण में बैठे-बैठे मिल सकेगी। यही कारण है कि अब देहरादून से गैरसैंण तक ओएफसी बिछाई जा रही है।
सोमवार को डोईवाला में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में भी शीत और ग्रीष्मकालीन दो राजधानी हैं, जहां सत्र के दौरान फाइलों को लाने-ले जाने में 200 करोड़ रुपए खर्च आता है। इस तरह के बड़े खर्च को रोकने के लिए सरकार देहरादून से लेकर गैरसैंण तक फाइबर केबल बिछाने जा रही है। इसमें एक बार सिर्फ 27 करोड़ रुपये खर्च आएगा।
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Vinay Singh
July 28, 2020, 7:04 amNice
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