पन्तनगर विश्वविद्यालय एकेडमिक लीडरशिप अवार्ड से सम्मानित

पन्तनगर विश्वविद्यालय एकेडमिक लीडरशिप अवार्ड से सम्मानित

एग्रीकल्चर टूडे ग्रुप द्वारा 14वें एग्रीकल्चर लीडरशिप कॉन्कलेव 2023 का आयोजन हॉलीडे इन, नई दिल्ली में किया गया। इस कॉन्कलेव में शैक्षणिक नेतृत्व के लिए पन्तनगर विश्वविद्यालय को चुना गया।

यह सम्मान विश्वविद्यालय के कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान को कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री, भारत सरकार अर्जुन मुंडा द्वारा उत्तराखंड के पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा, भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश पी. सदाशिवम, हरियाणा के पूर्व कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री ओम प्रकाश धनखड़, इंडियन चेम्बर आफ फूड एंड एग्रीकल्चर के अध्यक्ष डा. एम.जे. खान की उपस्थिति में प्राप्त किया। इस अवसर पर निदेशक संचार डा. जे.पी. जायसवाल भी उपस्थित थे।

इस कॉन्कलेव का उद्देश्य भारतीय और वैश्विक कृषि प्रणाली के सभी प्रमुख पदाधिकारियों को प्रमुख मुद्दों और एजेंडे पर विचार-विमर्ष करने और स्थिरता के लिए एक रोडमैप तैयार करने के लिए एक मंच पर लाना था। इस कॉन्कलेव में 20 से अधिक पुरस्कार श्रेणियां थीं।

1960 में स्थापित गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पन्तनगर भारत का पहला कृषि विश्वविद्यालय है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना से देश में कृषि शिक्षा, अनुसंधान एवं प्रसार में क्रांति आयी। इसने देश में 65 अन्य राज्य कृषि विश्वविद्यालयों की स्थापना का मार्ग प्रशस्त किया।

नोबेल पुरस्कार विजेता डा. नारमन ई. बोरलॉग ने देश को खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बनाने में महान योगदान के लिए पन्तनगर विश्वविद्यालय को ‘हरित क्रांति के अग्रदूत’ के रूप में पहचान दी। उपलब्धियों के आधार पर इसे ग्लोबल क्यूएस रैंकिंग 2022 में स्थान मिला।

इसे तीन-तीन बार आईसीएआर सर्वश्रेष्ठ संस्थान पुरस्कार और उत्तराखंड के राज्यपाल का सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय पुरस्कार भी तीन बार प्राप्त हुआ है और कई बार आईसीएआर के ‘सर्वश्रेष्ठ एआईआरसीपी पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। इसके 7 महाविद्यालयों द्वारा 14 स्नातक और 162 स्नातकोत्तर कार्यक्रमों में उपाधि दी जाती है।

इसमें विभिन्न विषयों में अनुसंधान के लिए 20 शोध केन्द्र, कृषकों के मध्य तकनीकों के प्रसार के लिए 9 कृषि विज्ञान केन्द्र है। विश्वविद्यालय ने विभिन्न फसलों की 346 किस्में विकसित की हैं, और यह सुविख्यात ‘पन्तनगर बीज’ के लिए जाना जाता है।

इसने पहाड़ी एवं मैदानी इलाकों के किसानों की मदद के लिए कई तकनीकें विकसित की हैं। इसके नाम 28 पेटेंट हैं और लगभग 47000 पूर्व छात्र ब्रांड एंबेसडर बनकर दुनिया भर में फैले हुए हैं।

एक स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र के लिए जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रहा है, और विश्वविद्यालय कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान के नेतृत्व में 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों (सस्टेनेबल डेवलमेन्ट गोल) को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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